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।। मातृदशक ।। |
अमोल_००३ |
7 |
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"सद्गुरू"वाचोनी सापडली सोय |
अनन्त्_यात्री |
16 |
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का न व्हावे मी स्वतःच सूर्य !!! |
अमोल_००३ |
2 |
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आणि अश्या वेळी |
कौस्तुभ भोसले |
6 |
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आत्तापर्यंत काय केलं? |
मनिष |
10 |
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राहून गेले.. |
मन्या ऽ |
4 |
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ढासळला वाडा |
पाषाणभेद |
3 |
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बायका... |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
54 |
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स्वप्नांचे पान मुंबई |
गणेशा |
12 |
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यंत्र |
निखिल आनंद चिकाटे |
2 |
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त्याचं दु:ख… |
मनिष |
9 |
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उप्पीट मात्र बरे झाले |
मनस्विता |
8 |
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पहिलीच माझी कविता... |
कादंबरी... |
13 |
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वळण |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
13 |
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कोण जमूरा कोण मदारी.. |
सेफ्टीपिन |
6 |
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पाऊसवेळा |
कौस्तुभ भोसले |
2 |
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गणितं.. |
मन्या ऽ |
5 |
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मागे वळुन पाहताना.. |
मन्या ऽ |
5 |
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हसण्या उसंत नाही |
कौस्तुभ भोसले |
11 |
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ती अन् पाऊस.. |
मन्या ऽ |
3 |
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त्या स्वप्नांना.. |
मन्या ऽ |
5 |
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प्राक्तनवेळा |
कौस्तुभ भोसले |
2 |
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रंग रंग तू, रंगिलासी |
खिलजि |
3 |
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कोरोना |
Sneha Kalekar G... |
1 |
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डाग |
कौस्तुभ भोसले |
2 |
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वणवा |
कौस्तुभ भोसले |
4 |
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चिश्ती रेषा |
कौस्तुभ भोसले |
2 |
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पुण्य |
अनुस्वार |
3 |
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देवा, थांबव हा कहर.... |
SwapnilB.0611 |
1 |
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बापजन्म! |
मन्या ऽ |
14 |
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आत्मनिर्भर |
कुमार जावडेकर |
7 |
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मैत्री असावी... |
मन्या ऽ |
5 |
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घे भरारी.. |
मन्या ऽ |
2 |
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उसणं अवसान |
कौस्तुभ भोसले |
8 |
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श्रावणसरी |
मायमराठी |
10 |
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||चंद्रवेळ|| |
प्राची अश्विनी |
13 |
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माझी काळोखाची कविता |
चांदणे संदीप |
10 |
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चांदणरात |
कौस्तुभ भोसले |
4 |
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असा एक शत्रूच खुद्दार व्हावा |
कौस्तुभ भोसले |
12 |
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प्राणवेळा |
कौस्तुभ भोसले |
6 |
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स्वप्नाला पडली भूल |
विजुभाऊ |
6 |
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शेतकी कॉलेजचे दिवस |
बबु |
4 |
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अबोल प्रीत बोलली... |
K Sangeeta |
14 |
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सनईचे.. सूर वाजले.. दारी |
गणेशा |
4 |
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कवितेच्या विषाणूने |
अनन्त्_यात्री |
1 |
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वाट.. |
मन्या ऽ |
7 |
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आत्म दीपो भव |
Kaustubh bhamare |
4 |
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विडंबन ( चायनाच्या वूहानमध्ये...) |
मायमराठी |
6 |
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खूप झालं देवा आता.... |
Vivekraje |
13 |
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निर्घृण खुन.. |
मन्या ऽ |
2 |
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प्राजक्ताची फुले |
मनोज |
6 |
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हो मनुजा उदार तू .. |
मनोज |
2 |
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सुट्टीतील प्रेम |
Shubham vanve |
5 |
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सुट्टीतील प्रेम |
Shubham vanve |
0 |
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सुट्टीतील प्रेम |
Shubham vanve |
0 |
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मौनाचे गुपित |
चलत मुसाफिर |
10 |
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मै एक चिराग बन जाऊं |
गणेशा |
4 |
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संन्यास |
चलत मुसाफिर |
9 |
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नाभिका रे केस वाढले रे, धैर्याने उघड जरा आज सलून रे |
चामुंडराय |
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एकदाच ओलांडून अंतर... |
प्राची अश्विनी |
15 |
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कोरोना गीत |
प्रकाश घाटपांडे |
11 |
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क्वारंटाईनमधले प्रेम |
मायमराठी |
2 |
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विद्ध |
चलत मुसाफिर |
4 |
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करोणागीत.. |
माम्लेदारचा पन्खा |
2 |
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गोष्ट |
अनन्त्_यात्री |
1 |
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प्रवास |
चलत मुसाफिर |
2 |
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बास्टऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽर्ड |
माहितगार |
3 |
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कस सांगू तुला |
Pritam salunkhe |
1 |
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.. तम दाहक लहरी होते! |
राघव |
3 |
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जुना ओसाड वाडा |
दत्ता काळे |
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