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कळलं च नाई |
सुखी |
0 |
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कळलं च नाई |
सुखी |
0 |
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बघ |
नाहिद नालबंद |
2 |
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तरही गज़ल : या दिशेला एकदाही यायचे नव्हते मला |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
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सणासुदीची सफाई |
माहितगार |
0 |
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समुद्रच आहे एक विशाल जाळं |
पारुबाई |
4 |
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दहा अंगुळे उरला |
अनन्त्_यात्री |
2 |
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शाळेचा पहिला दिवस... |
कर्नलतपस्वी |
3 |
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सागर तळाशी |
अनन्त्_यात्री |
0 |
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मुसळधार पावसाने.... |
कर्नलतपस्वी |
0 |
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चमकणारे आभास निळे |
निनाद |
2 |
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(π)वाट |
अनन्त्_यात्री |
9 |
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कवितेच्या गणिताची कविता + - x ÷ |
अनन्त्_यात्री |
6 |
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नक्षत्रांचे देणे होते |
अनन्त्_यात्री |
5 |
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कल्पका: |
युयुत्सु |
0 |
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होडी |
कर्नलतपस्वी |
16 |
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उंदीर |
युयुत्सु |
1 |
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डंकर्कचे विद्धविवेचन |
शरदिनी |
53 |
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एक दिवस............ |
अनन्त्_यात्री |
9 |
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स्ट्रिंग थिअरीचा पाया |
अनन्त्_यात्री |
10 |
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अलखपैंजणी परखडमोती |
शरदिनी |
53 |
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असं कुठं लिहिलंय? |
कर्नलतपस्वी |
13 |
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कृतांतकटकामलध्वज जरा जरी पातली...(#) |
अनन्त्_यात्री |
10 |
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पाउली पैंजणांचा मला भार आहे |
गणेशा |
13 |
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सहा कोवळे पाय |
चांदणे संदीप |
13 |
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काही अप ( लोड ) काही डाऊन ( लोड ) |
चित्रगुप्त |
8 |
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तीट |
अनन्त्_यात्री |
8 |
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बखरीच्या पानाआड |
अनन्त्_यात्री |
6 |
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गुरूंना वंदना |
लाल गेंडा |
2 |
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पार |
अनन्त्_यात्री |
5 |
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पाच सागर |
लाल गेंडा |
2 |
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आषाढी एकादश |
बाजीगर |
2 |
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गेले द्यायचे राहून..... |
कर्नलतपस्वी |
1 |
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जरासे दोन घोट घेऊन लिहावे .. .. |
माहितगार |
10 |
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फाया |
अनन्त्_यात्री |
2 |
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यंदाचा पाऊस . |
अत्रुप्त आत्मा |
3 |
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चक्र |
अनन्त्_यात्री |
0 |
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इंद्रायणीकाठी |
कर्नलतपस्वी |
1 |
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न्यायाधीश 'कॅश'वंत वर्मा... |
बाजीगर |
3 |
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चा-वट पॉर्निमा! |
कानडाऊ योगेशु |
4 |
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वळण |
नपा |
6 |
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त्रिमितीच्या तुरुंगात |
अनन्त्_यात्री |
3 |
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ओलसर क्षण... |
निशांत_खाडे |
1 |
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गवळण |
रामदास |
3 |
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चुकलो का मी? |
अनन्त्_यात्री |
9 |
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सुट्टी |
माहितगार |
0 |
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मागवणे |
बाजीगर |
7 |
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रात्रंदिन आम्हां ट्रॅफिकचा प्रसंग | |
चामुंडराय |
0 |
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(ढू आय डी) |
कर्नलतपस्वी |
3 |
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स्वर आले दुरूनी...विडंबन (सर आले दुरूनी) |
OBAMA80 |
1 |
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आजीच्या घरातली गंमत |
लाल गेंडा |
1 |
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कृष्णविवर |
अनन्त्_यात्री |
3 |
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राजा माझा |
लाल गेंडा |
2 |
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लैराईदेवी जत्रा चेंगराचेंगरी |
बाजीगर |
2 |
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त्यांनी हल्ला केला... आम्ही कडिनिंदा केली! |
अमरेंद्र बाहुबली |
12 |
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मानवतेचं कलेवर |
कर्नलतपस्वी |
22 |
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अम्रीकेच्या वाटे कुचूकुचू काटे..... |
कर्नलतपस्वी |
17 |
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जर्द पिवळी विजार |
वामन देशमुख |
4 |
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त्या पडद्याच्या पल्याड वसते |
अनन्त्_यात्री |
0 |
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जर्द पिवळी दुपार |
अनन्त्_यात्री |
6 |
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तू जीव माझा- तू प्राण माझा - आलीस तू अवचिता |
चित्रगुप्त |
22 |
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अरेबिक समुद्र ते हिंदी महासागर: जागतिक भाषा प्रेम |
माहितगार |
13 |
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'मिसळपाव' चा गदारोळ |
माहितगार |
15 |
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(ताज्या घडामोडी~ एप्रिल फूल २०२५) |
अनन्त्_यात्री |
4 |
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....विश्वाची उलगड होते..... |
कानडाऊ योगेशु |
15 |
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चिटिश कुमार.... !! |
बाजीगर |
12 |
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ढेरी पॉम पॉम - बडबड गीत |
माहितगार |
0 |
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शब्दच ईश्वर जेमिनी एआय निर्मित दोन कविता |
माहितगार |
1 |
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रोजचे मरणे - गूगल एआयची कविता |
माहितगार |
3 |
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शब्दच ईश्वर जेमिनी एआय निर्मित दोन कविता |
माहितगार |
0 |