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स्वामीराया |
शब्दांगी |
5 |
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जयदेव जयदेव जय श्री ख्रिसमसट्री देवा |
माहितगार |
4 |
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कविकल्पना |
Rohini Mansukh |
1 |
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बापाचे मुलीस पत्र.. |
प्रियाभि.. |
7 |
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अन रात झाली शाम्भवी |
खिलजि |
15 |
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उडता मुका, जरी असला सुका |
खिलजि |
6 |
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(सूरनळीचे उपयोग) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
8 |
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दूष्काळ झळा... |
गणेशा |
12 |
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माहेर, सासर |
पाषाणभेद |
1 |
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बटाट्याचे उपयोग |
पाषाणभेद |
3 |
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अहो डॉक्टर, काढा वेंटीलेटर |
पाषाणभेद |
7 |
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इलाही जमादार ह्यांची नितांतसुंदर गज़ल! |
चतुरंग |
13 |
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देव मानीत नाहीत मंदिराचे कर्मचारी ।। |
बाजीगर |
11 |
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क्लीनचीट ची फॅक्टरी |
बाजीगर |
3 |
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कव्वाली: तुला पाहिले की |
पाषाणभेद |
0 |
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दुर्वास |
निराकार गाढव |
8 |
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बोटावर शाईचा अजून रंग ओला |
ज्ञानोबाचे पैजार |
18 |
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ती सर ओघळता.. |
आनंदमयी |
1 |
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पाहीले असे खूप वार |
बाजीगर |
6 |
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ना देवेंद्र देव इथे , ना उद्धव आहे साव |
खिलजि |
6 |
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मेळघाट ... |
गणेशा |
8 |
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समुहगीतः भारतभूचे सुपुत्र आम्ही |
पाषाणभेद |
2 |
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यशाचे आता गा मंगल गान |
पाषाणभेद |
1 |
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वेदनाच मला मिळू दे |
पाषाणभेद |
6 |
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मी पुन्हा येईन |
पाषाणभेद |
10 |
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दु:ख |
पद्मश्री चित्रे |
12 |
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जुनसर |
मायमराठी |
5 |
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तोल |
अन्या बुद्धे |
2 |
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ओठात दाटलेले... |
निलेश दे |
2 |
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मौनाइतके कुणीच नाही |
प्राची अश्विनी |
11 |
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तर्काच्या सीमेवर तेव्हा |
अनन्त्_यात्री |
4 |
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सिक्रेट धंद्याचे |
पाषाणभेद |
0 |
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अज्ञाताचा गड चढताना |
अनन्त्_यात्री |
4 |
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जनुक जिन्याची सर्पिल वळणे |
अनन्त्_यात्री |
14 |
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मी पुन्हा येईल |
शुभांगी दिक्षीत |
0 |
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' भाज्यांचं संमेलन ' |
mukund sarnaik |
1 |
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कविता : भेट मित्रांची… |
bhagwatblog |
2 |
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हस्तर कविता :- महायुती |
हस्तर |
0 |
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आमचं ठरलयं, संयुक्त महाराष्ट्रात बेळगाव उरलंय |
पाषाणभेद |
1 |
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गंमत घ्यावी.. |
प्राची अश्विनी |
17 |
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गुन्हेगार! |
फिझा |
4 |
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सैराट |
एपी |
1 |
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सैराट |
एपी |
0 |
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४. बोल ना रे बाबा काही...( समाप्त ) |
गणेशा |
14 |
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कोजागिरी |
मायमराठी |
3 |
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दृष्टी |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
13 |
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भक्ति गीत: सप्तशॄंग गडावर जायचं |
पाषाणभेद |
2 |
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जुळे नवरे, जुळ्या नवर्या |
पाषाणभेद |
6 |
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सरकारचे डोकं नक्की ठिकाणावर आहे काय ? |
खिलजि |
17 |
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दसरा |
शिव कन्या |
2 |
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दो डोळ्यांचे.... |
शिव कन्या |
3 |
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ओले केस |
पाषाणभेद |
11 |
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एक सुंदर अरबी गाणे : यावर मराठी काव्य रचा... |
चित्रगुप्त |
27 |
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...आणि या मार्गानेही खरंच जग जवळ आले |
सचिन |
0 |
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वयास माझ्या पैंजण घालित.... |
शिव कन्या |
11 |
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तुझ्या भेटीला आलो दत्ता |
पाषाणभेद |
0 |
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पाहूणा पाऊस |
पाषाणभेद |
1 |
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चिदंबरमच्या भेटी मनमोहन आला |
महासंग्राम |
10 |
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(दुपारी) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
16 |
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दुपार |
शैलेन्द्र |
23 |
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विडंबन : सफरचंद |
मी असाकसा वेगळा... |
7 |
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क्लायमेट चेंज रियल आहे |
पुणेरी कार्ट |
3 |
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गंध अद्वैताचे |
मायमराठी |
4 |
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(तुडुंब) |
चतुरंग |
16 |
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दोरीवरचे कपडे |
पाषाणभेद |
12 |
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स्वरराधा |
प्राची अश्विनी |
9 |
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पाय सरावले रस्त्याला |
पाषाणभेद |
4 |
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पाणी-च-पाणी |
बी.डी.वायळ |
1 |
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शब्द |
अनन्त्_यात्री |
8 |
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बिज्जी लेखिकेची आळवणी |
चलत मुसाफिर |
8 |