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२. स्वप्नमेघातील चांदणं |
गणेशा |
5 |
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पुरुष! |
अभिजीत राजवाडे |
24 |
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नरकयात्रा |
गणेशा |
6 |
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पंख मोकळे नभात.. |
प्राजु |
13 |
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शब्दांचे पारतंत्र्य |
निनाव |
4 |
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आमचा फाटक्यात अडकला पाय , या अण्णांचं करायचं काय? |
सुधीर काळे |
15 |
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ह्या परदेशात.....!! |
प्रकाश१११ |
9 |
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विचारवंत! |
राजेश घासकडवी |
22 |
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हे गणराज्य की धनराज्य? |
गंगाधर मुटे |
1 |
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उहापोह |
निनाव |
8 |
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(थंड झाले खाकरे गं) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
32 |
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सखा श्रावण |
चंद्रप्रभा |
19 |
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धिक्कार हो! |
दैत्य |
1 |
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माझी ललाटरेषा |
गंगाधर मुटे |
8 |
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आरसा |
निनाव |
3 |
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बहरणारा ऋतू संपत आलाय ...!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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अण्णा हजारे |
अभिजीत राजवाडे |
3 |
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मिसळपाव |
अभिजीत राजवाडे |
4 |
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तळतेस भजी तू जेव्हां - |
विदेश |
17 |
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दोर |
निनाव |
0 |
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आजी |
अभिजीत राजवाडे |
9 |
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(महावीर पांडू) |
पॅपिलॉन |
9 |
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आयुष्य-पुष्प |
अभिजीत राजवाडे |
3 |
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अंतर -२ |
निनाव |
1 |
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हाण त्याच्या टाळक्यात : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
21 |
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महावीर बंडू - |
विदेश |
5 |
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अंधार |
अभिजीत राजवाडे |
3 |
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मुंबैच्या दर्यामंदी जहाज बुडू जातं - |
अमोल केळकर |
3 |
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ड्रीमकॅचर |
चित्रा |
31 |
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अंतर |
निनाव |
0 |
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चांदणपक्षी |
विजुभाऊ |
1 |
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संततधार |
अज्ञातकुल |
3 |
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षंढ सारी लेकरे गं मायभूमी माफ कर.. |
प्राजु |
91 |
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<कायकू> |
विजुभाऊ |
19 |
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हायकू - |
विदेश |
8 |
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कान्हा माझ्या भुकेची वेळ आता झाली |
पाषाणभेद |
3 |
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थेट चित्रगुप्ताच्या मूळ नोंद वहीतून: द्रौपदीची पाचजणात वाटणी का आणि कशी झाली याची हकीगत आणि श्रीकृष्णाचा धावा |
चित्रगुप्त |
29 |
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( मावळे बुडाले कामी ) |
अर्धवट |
9 |
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आयुष्य कडेवर घेतो |
गंगाधर मुटे |
5 |
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आई बाबा |
प्रिया ब |
7 |
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अर्धवट राहिलेलं प्रेम |
प्रिया ब |
4 |
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लोकशाहि |
अजातशत्रु |
2 |
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घर पहावं बांधून |
प्रिया ब |
2 |
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हातामधी घे तू जरा |
पाषाणभेद |
2 |
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मैत्री |
प्रिया ब |
2 |
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गात येथे तू उगा का थांबलेला |
विदेश |
3 |
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लाचखोर लोकांनी - |
विदेश |
7 |
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आसूड |
चन्द्रशेखर गोखले |
5 |
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गुरूमंत्र |
मूकवाचक |
8 |
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१. पहिल्या भेटीचा सुगंध |
गणेशा |
6 |
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उणीव... |
अभिषेक९ |
0 |
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दोन कविता |
अरूण म्हात्रे |
4 |
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(गाववाले आणि मुंबैकर) |
धन्या |
2 |
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(आली माझ्या घरी ही गटारी ) |
अमोल केळकर |
0 |
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शिल्लकेला जीव जर का आणखी |
धनंजय |
13 |
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सुख |
प्रिया ब |
3 |
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किती सजवू मी माझं मला |
पाषाणभेद |
9 |
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दोन चारोळ्या - |
विदेश |
5 |
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पिंकी, परी आणि मोर - |
विदेश |
3 |
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स्थलांतर |
अरुण मनोहर |
2 |
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प्रेमाचा आयकर |
स्पा |
12 |
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आभासी जग |
प्रिया ब |
29 |
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प्यासाबारचा रस्ता |
इंटरनेटस्नेही |
5 |
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रिटायर्ड माणसाला कोंबडी परवडत नाही'.....! |
प्रकाश१११ |
7 |
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शिवार पिकल उद्या ... (समाप्त... रानातील वाट..) |
गणेशा |
5 |
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१३ जुलै २०११ आणि नंतर... |
सुशान्त |
1 |
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धग |
अज्ञातकुल |
1 |
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प्रेम |
amirohi |
2 |
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कुणाला कुणाचे कशाला हवे |
धनंजय |
22 |
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ध्यास विठ्ठलाचा - |
विदेश |
3 |