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अर्घ्य |
राजेश घासकडवी |
30 |
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मुक्त'पिठीय' लेख: अमेरीकेचे राष्ट्रप्रेम |
पाषाणभेद |
40 |
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राधा गौळण |
पाषाणभेद |
4 |
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लावणी: लग्नाचं वय माझं झालं |
पाषाणभेद |
5 |
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चुकीचे मोबाईल रिचार्ज |
पाषाणभेद |
9 |
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पाहटंची शेती |
पाषाणभेद |
2 |
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हरकारियाचा दृष्टांत |
सूड |
76 |
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हटवा आता भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार |
पाषाणभेद |
1 |
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वेळ लावू नका |
पाषाणभेद |
4 |
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देवळातला शंकर |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
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कल्पनेतली ती |
पुष्कर |
3 |
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माझं गाव |
पाषाणभेद |
3 |
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प्रवास |
पाषाणभेद |
4 |
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(रमी) |
पिवळा डांबिस |
23 |
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रमा |
शुचि |
27 |
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निरोप ..!! |
प्रकाश१११ |
7 |
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माझी फुलबाग |
पाषाणभेद |
0 |
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झेन काव्य - २ |
मूकवाचक |
8 |
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माझी म्हैस |
पाषाणभेद |
15 |
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बंदुक |
अभिजीत राजवाडे |
4 |
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जनलोकपाल च्या निमिताने. |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
6 |
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बाप्पा मोरया ... |
विश्वेश |
3 |
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सचेतन |
अत्रुप्त आत्मा |
5 |
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प्रथम क्रमांक स्पर्धा विजेता कविता |
गंगाधर मुटे |
21 |
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युगलगीत: रंग हिरवा ओला ओला |
पाषाणभेद |
3 |
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(माझे लेख दान केले) |
निनाद |
7 |
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माहेरी जायची मला झाली आता घाई |
पाषाणभेद |
4 |
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त्याच्यातला नास्तिक माणूस ..!! |
प्रकाश१११ |
11 |
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पुन्हा... |
अभिषेक९ |
0 |
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मेरी चार कवितायें |
पाषाणभेद |
2 |
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नखरा नाही इतका बरा |
पाषाणभेद |
9 |
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किती वेळ |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
14 |
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ADD AS FRIEND ...!! |
प्रकाश१११ |
2 |
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काहिली |
पुष्कर |
1 |
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गोड गुन्हा |
पाषाणभेद |
7 |
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वाळू |
पाषाणभेद |
7 |
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पुणेरी हायकू - |
विदेश |
23 |
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निशाणी |
शैलेन्द्र |
4 |
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जर तू असता तर |
नगरीनिरंजन |
13 |
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मी बिनधास्त बोलू लागलो त्यांची भाषा..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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(राया मला अनफ्रेंड करू नका) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
41 |
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काय गुण सांगू माझ्या सालीचे |
पाषाणभेद |
3 |
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पाटापाटानं ग वाहतंय झुळझुळ पाणी |
पाषाणभेद |
1 |
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बाहुली |
पेशवा |
3 |
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पावसाचा दरोडा |
पाषाणभेद |
11 |
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ती आणि ते |
नगरीनिरंजन |
11 |
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मी पुरुष बिच्चारा |
गणेशा |
15 |
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पुन्हा एकदा पाऊस ... |
विश्वेश |
1 |
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"संभवामि युगे युगे" असे वचन देऊन गेलेले भगवान श्रीकृष्ण अण्णांच्या रूपात आले आहेत! |
सुधीर काळे |
65 |
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पुणेरी वाहतूक |
प्रिया ब |
11 |
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आसवांची कोरीव लेणी (१३) |
गणेशा |
15 |
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सही - |
अभिजीत राजवाडे |
4 |
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स्वप्नांचा मागोवा |
दत्ता काळे |
5 |
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एक महाभयंकर जात |
रोमना |
0 |
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नजर |
निनाव |
4 |
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कृष्णानुराग संकीर्तन |
सागरलहरी |
1 |
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संसाराची सप्तपदी मी - |
विदेश |
2 |
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अहो आण्णा ... |
विश्वेश |
12 |
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तू लिहिलेस नि मला सुचून गेले. ..!! |
प्रकाश१११ |
10 |
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उधाण |
अज्ञातकुल |
4 |
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स्वभाव (Updated Version) |
अभिजीत राजवाडे |
0 |
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भ्रष्टाचार्यास हाण पाठी : पोवाडा |
गंगाधर मुटे |
4 |
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विदुषक |
अभिजीत राजवाडे |
7 |
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राधाराणी जरा सावर |
क्रान्ति |
4 |
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देवा मला परत एकदा लहान व्हायचं आहे... |
प्रिया ब |
9 |
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रानफुल |
आनंदयात्री |
26 |
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रगडा पॅटिस पाणीपुरीवर फरसाणही दिसले - |
विदेश |
4 |
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||ओम नमः शिवाय || |
मृगनयनी |
39 |
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देहदशा |
अज्ञातकुल |
0 |
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राखेमधे लोळतो मी (हजल) |
गंगाधर मुटे |
7 |