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कावळे ... |
विश्वेश |
2 |
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जो तो येतो मारून जातो |
पाषाणभेद |
0 |
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मी बत्तासा गोल गोल |
पाषाणभेद |
0 |
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ताळेबंद |
सुचेता |
1 |
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अरेरे तुझे काय झाले हे जोश्या |
आदिजोशी |
4 |
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आशीर्वाद..? |
चन्द्रशेखर गोखले |
0 |
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प्रयत्न |
निशान्त |
4 |
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नियतीचा क्रूर खेळ |
स्वर भायदे |
4 |
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कल्लोळ |
अज्ञातकुल |
4 |
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अर्धसत्य.. |
विसोबा खेचर |
8 |
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निओ-अद्वैती पसायदान |
मूकवाचक |
6 |
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वसंत काव्य मालेत पुष्प गुंफायला निमंत्रण.... |
शशिकांत ओक |
22 |
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आभाळाच्या मांडवाला भुई ची रे हाक |
गणेशा |
17 |
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मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा? |
पाषाणभेद |
7 |
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तुझे भास होते |
क्रान्ति |
10 |
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अताशा मला हे असे काय होते |
अरुण मनोहर |
3 |
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दोन छोटे |
अरुण मनोहर |
6 |
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लई दिसांची मी खाल्ली नाही शिरापुरी |
पाषाणभेद |
3 |
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नसबंदी |
राजेश घासकडवी |
16 |
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रंग कवितेचे - |
विदेश |
1 |
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संपत्या सुटीचे पूर्वरंग |
बहुगुणी |
2 |
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"आदर्श " सुंदर हाच आमचा बंगला |
विदेश |
2 |
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भेळ |
अत्रुप्त आत्मा |
5 |
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दृष्टीआड |
अज्ञातकुल |
3 |
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नि:संशय |
अज्ञातकुल |
3 |
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डाल ग कोंबडी डाल |
पाषाणभेद |
3 |
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आयुष्य पार सरलेले |
स्वानंद मारुलकर |
8 |
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हे 'असं' कसं? |
वेणू |
2 |
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वेडेपणा... (गझल) |
स्वानंद मारुलकर |
3 |
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मंत्रमुग्ध तळे |
अरुण मनोहर |
3 |
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गातेस घरी तू जेव्हां |
विदेश |
4 |
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नंदीकाळा-मुळ काव्य>(जग हे बंन्दीशाळा) |
अत्रुप्त आत्मा |
3 |
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थेंबे-थेंबे |
अरुण मनोहर |
3 |
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नेमेंचि त्यानंतर पावसाळा |
धनंजय |
7 |
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क्रोमियम प्लेटेड ढग |
अरुण मनोहर |
6 |
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मैफील आज जमली - |
विदेश |
2 |
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क्षितीजावर ढळला आणि एक सुर्य |
पाषाणभेद |
2 |
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पु.ल. आणि अत्रे-एक दर्पण |
अत्रुप्त आत्मा |
16 |
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दूर नाही घरदार , आम्हाला नाही कुणाची भीती ! |
विदेश |
1 |
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नाट्यगीत: अशी कशी ही पिढी नेटावली |
पाषाणभेद |
1 |
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संदर्भ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
3 |
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Two Friends |
पाषाणभेद |
6 |
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लोकल शोध- |
अरुण मनोहर |
4 |
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नव्या साडीसाठी - दोघांची भ्रमंती |
विदेश |
4 |
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ब्रॉयलर कोंबडी सारखे हे शहर ....!! |
प्रकाश१११ |
3 |
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प्रेम आणि मरण |
ajay wankhede |
1 |
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(बिल्ली हरवली) |
पिवळा डांबिस |
23 |
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क्षण |
निनाव |
6 |
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मिठीतली रात्र |
निनाव |
9 |
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सूर्यास्त |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
2 |
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किल्ली हरविली |
अरुण मनोहर |
4 |
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सुख |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
4 |
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खेळ काळाचा.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
1 |
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तुझी आठवण येते.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
0 |
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एक संध्याकाळ अशी.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
0 |
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मणीपुर - दहशतीच्या छायेत. |
विश्वास कल्याणकर |
1 |
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चोरून चोरून, हो ना? |
उदय के'सागर |
8 |
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वाडा |
पाषाणभेद |
5 |
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हे कधी बदलणार? |
उदय के'सागर |
11 |
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सुखाचा शोध |
ajay wankhede |
7 |
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आला पहा कवी तो - |
विदेश |
7 |
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आले आले आमचे स्वामी बाबा आले |
पाषाणभेद |
7 |
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तुम्ही गोळी बघितलीय गोळी? |
पाषाणभेद |
12 |
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गीत |
क्रान्ति |
8 |
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माझा देश वेगळा... |
हैयो हैयैयो |
4 |
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प्रीतीचा वर्षाव ... |
ajay wankhede |
4 |
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माझ्यामधील एक भाग चालत गेला दुसरा रस्ता |
धनंजय |
34 |
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काल रात्री |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
20 |
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शब्दांच्या मालगाड्या |
निनाद |
12 |
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आयुश्याचं गणित... |
झंम्प्या |
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