|
दाणे पडले टप टप टप |
विदेश |
8 |
|
मी आहे एक सामना |
मुक्तसुनीत |
34 |
|
काफिला ... |
sagarparadkar |
0 |
|
शोध माझा |
निनाव |
1 |
|
बेदखल |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
4 |
|
भिऊ नकोस ... |
विश्वेश |
5 |
|
श्वास श्वासात... |
गणेशा |
14 |
|
प्रतिबिंब |
मूकवाचक |
4 |
|
मज्जा आहे बुआ .... |
विश्वेश |
3 |
|
कधी सरणार ही सांज |
निनाव |
3 |
|
साखळीतल्या कुत्र्यावर - |
विदेश |
1 |
|
भाकीत |
दीपा माने |
6 |
|
शत्रु समोरून थेट वार करुन गेला - |
विदेश |
6 |
|
रास |
नगरीनिरंजन |
6 |
|
आयुष्य साधेपणे जगत गेला ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
|
फुलपाखरू माझ्या मनीचे.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
5 |
|
(वगैरे...) |
केशवसुमार |
24 |
|
सहवास |
निनाव |
3 |
|
समाजाच प्रतिबिंब |
स्वर भायदे |
2 |
|
नेहमीसारखेच - १ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
7 |
|
पुन्हा रात्र |
निनाव |
9 |
|
कोण येथे गुरुवर्य ? |
गणेशा |
9 |
|
ससा आणि कासव - |
विदेश |
8 |
|
व्यापार |
क्रान्ति |
11 |
|
टाळती मजला अताशा हाय! माझी माणसे |
प्राजु |
42 |
|
पांढरा किडा |
गंगाधर मुटे |
10 |
|
त्रैराशिक .... |
विश्वेश |
5 |
|
इतकी सुंदर तु दिसते कशी ??? |
पिनुपवार |
11 |
|
नेहमीसारखेच - ७ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
7 |
|
असेच काही |
निनाव |
4 |
|
आज नव्याने |
विश्वेश |
4 |
|
कविता ...!! |
प्रकाश१११ |
5 |
|
वय |
शुचि |
32 |
|
ओले परीस... |
स्वानंद मारुलकर |
4 |
|
माझा महाराष्ट्र महाराष्ट्र माझा |
श्री गावसेना प्रमुख |
1 |
|
प्रेम म्हणजे नक्की काय असतं ?.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
1 |
|
रोज कौतुकात दंग बायको जरी , |
विदेश |
5 |
|
रंगताना रंगामध्ये |
गंगाधर मुटे |
2 |
|
बुधवारची कविता: (मुद्दाम काढलेले) |
llपुण्याचे पेशवेll |
60 |
|
चित्त रमले हरिपायी .... |
विश्वेश |
1 |
|
आठवणी ... !! |
प्रकाश१११ |
5 |
|
माझा महाराष्ट्र |
श्री गावसेना प्रमुख |
6 |
|
मराठी आमची रोजी रोटी |
सुहास.. |
12 |
|
स्वप्नसखी |
अनंत भावे |
2 |
|
थ्री-डि |
निनाव |
2 |
|
आंब्याच गाणं.. |
ओंकार देशमुख |
8 |
|
नेहमीसारखेच - ६ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
5 |
|
आता मागणे एकची |
अरुण मनोहर |
10 |
|
आयुष्याची दोरी |
गंगाधर मुटे |
5 |
|
कुठे गेली सगळी माणसे |
निनाव |
3 |
|
त्सुनामी |
वर्षा म्हसकर-नायर |
7 |
|
भुभु गीत -२ |
प्रकाश घाटपांडे |
10 |
|
यावे तरी तु का समोर |
निनाव |
2 |
|
नेहमीसारखेच - ५ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
2 |
|
माउली |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
1 |
|
कृतघ्न! |
स्वैर परी |
2 |
|
[थू थू गीत] |
अरुण मनोहर |
9 |
|
आयूष्य एक रंगभूमी.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
3 |
|
विचित्र मन...... |
किरन वनारे |
2 |
|
डु-आयडी थेरपी |
अरुण मनोहर |
15 |
|
अंगडाई घेतेस तु जेंव्हा |
निनाव |
1 |
|
नेहमीसारखेच - ४ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
5 |
|
हत्तीदादा हत्तीदादा - |
विदेश |
5 |
|
अस्साच आहे तो! |
निनाव |
1 |
|
नव्या यमांची नवीन भाषा |
गंगाधर मुटे |
4 |
|
डॉक्टर |
अवलिया |
20 |
|
सुटले हात |
निनाव |
1 |
|
तुझे येणे |
निनाव |
3 |
|
दुखात सुखाची धून असते ..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
|
खाटिक |
अवलिया |
25 |