ठसा तुज आठवांचा...! |
मनस्वी मानस |
0 |
कुंकवाच्या धन्यानं अशी रात जागवली |
अविनाशकुलकर्णी |
8 |
वेदना जहरी |
चांदणशेला |
0 |
वृक्षवल्ली आम्हा सोयरी |
नायकुडे महेश |
0 |
तू काळजाला भिडावे |
परशुराम सोंडगे |
0 |
तू काळजाला भिडावे |
परशुराम सोंडगे |
0 |
अनन्तयात्री |
अनन्त्_यात्री |
6 |
मोबाईलची शेजआरती |
पाषाणभेद |
0 |
भुकेच्या ज्वाळा |
चांदणशेला |
0 |
लोकशाहीला नाही वर्ज्य |
चांदणे संदीप |
0 |
उत्तररात्र |
हणमंतअण्णा शंकर... |
2 |
तव नयनांचे दल |
हणमंतअण्णा शंकर... |
1 |
'विडंबित' अंगाई गीत |
वेल्लाभट |
2 |
कधी असतेस, कधी नसतेस.... |
नायकुडे महेश |
1 |
झरे |
हणमंतअण्णा शंकर... |
0 |
वाट त्याची पाहाता.... |
ज्योति अळवणी |
0 |
जीव झोपला (विडंबन) |
चांदणे संदीप |
6 |
एवढंच करा. |
अंतरा आनंद |
6 |
पिंपळ |
शिवोऽहम् |
6 |
छकु |
ज्योति अळवणी |
7 |
रमतगमत |
शिवोऽहम् |
6 |
नाना करा व्हाटस ॲप गृप |
पाषाणभेद |
0 |
उदासी |
शब्दबम्बाळ |
0 |
कविते.....! |
फिझा |
5 |
तुझ्या माझ्यासवे......(विडंबन) |
OBAMA80 |
1 |
मी घेतली यॉट |
पाषाणभेद |
17 |
पावलांना अंत नाही |
आनंदमयी |
3 |
लाड |
वन |
2 |
राजाची सभा |
वन |
40 |
अनुष्टुभ छंद - विस्तारीत अष्टाक्षर बांधणी |
बेसनलाडू |
24 |
जाणीव |
अबोलघेवडा |
1 |
शिवमहिम्न स्तोत्राचा मराठी समश्लोकी अनुवाद |
नरेंद्र गोळे |
5 |
राया उशीर का जाहला... |
विजुभाऊ |
0 |
अन्नधान्य स्वस्त आहे |
गंगाधर मुटे |
6 |
पडसाद |
शिवोऽहम् |
0 |
दिवाळीचा बाण... |
अत्रुप्त आत्मा |
60 |
कारण तू |
सिक्रेटसुपरस्टार |
12 |
गज़ल |
MipaPremiYogesh |
5 |
एक कविता हवी आहे |
पथिक |
6 |
सीमारेषा |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
25 |
हा सागरी किनारा |
केदार गाड्गीळ |
1 |
असेलही वा नसेलही... |
प्राची अश्विनी |
35 |
पाकळी! |
दिनेश५७ |
2 |
पितृ"पक्षी" |
अनन्त्_यात्री |
21 |
मारवा |
शिवोऽहम् |
2 |
बोली बोली बायका बोली |
शिव कन्या |
3 |
हि सर पावसाची पुन्हा आज आली. |
AjayRGodse |
0 |
रदीफ नाही कधी जुळला ... |
अनन्त्_यात्री |
3 |
मी मारलेल्या एकूण माश्या |
जव्हेरगंज |
21 |
माळढोक पर्वाचा अंत झाला |
खिलजि |
10 |
माझ्या नकळत |
अनन्त्_यात्री |
2 |
पाकोळी |
चांदणे संदीप |
11 |
भारलेल्या त्या क्षणांचे... |
अनन्त्_यात्री |
6 |
यलो ऑकर ची स्वप्ने |
हर_हुन्नरी |
2 |
तुझे नाव |
कहर |
2 |
चंद्राचे मनोगत |
कलम |
7 |
द्वादशैतानि नामानि |
अनन्त्_यात्री |
8 |
वृद्धाश्रम |
तृप्ति २३ |
4 |
"लाल" |
स्वामी संकेतानंद |
1 |
चित्रातल्या कळ्या... |
कलम |
0 |
डिजीटल डिजीटल |
शिव कन्या |
10 |
गीत - गँ गणपतये |
कौस्तुभ आपटे |
1 |
नको जाऊ रे ... |
कलम |
1 |
शब्दांच्या घनगर्द सावलीत |
अनन्त्_यात्री |
7 |
शुभ्र सारे जीवघेणे |
अनन्त्_यात्री |
0 |
सारंगिया |
मनमेघ |
7 |
पूर |
कहर |
4 |
सावरी... |
प्राची अश्विनी |
5 |
आरशाला एक पत्र ! |
फिझा |
5 |
मी कळीला फुले वेचताना पाहिले |
आकाश५०८९ |
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