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दंतकथा |
अनन्त्_यात्री |
5 |
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हळूहळू साऱ्यांनीच प्रेमाचं दुकान मांडून टाकलं |
खिलजि |
4 |
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आठवणींचा कप्पा म्हणजे... |
सत्यजित... |
16 |
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जोहार परकीयासी फितुरांचा जोहार __/|__ |
माहितगार |
2 |
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गणपत वाणी, सतत मागणी |
शिव कन्या |
11 |
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संताप |
कुसुमिता१ |
2 |
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परत पेटेल मेणबत्ती |
खिलजि |
0 |
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ब्यूटी पार्लर अर्थात यौवनफुफाटा |
शरदिनी |
28 |
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रातराणीचे सुगंधी फूल आहे ती! |
सत्यजित... |
13 |
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देहाचे भाषांतर |
शिव कन्या |
4 |
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उकाड्याची रात्र, भिजलेली दुपार |
हणमंतअण्णा शंकर... |
6 |
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हे ही खरंय ! |
फिझा |
6 |
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...... कशाला ? |
विशाल कुलकर्णी |
10 |
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लेक... |
विशाल कुलकर्णी |
9 |
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असेहि एकदा व्हावे |
खिलजि |
14 |
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हाॅकिंगे जे प्रेडिक्टले |
अनन्त्_यात्री |
8 |
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गुंतवणूक |
हणमंतअण्णा शंकर... |
8 |
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जातस त जाय |
स्वामी संकेतानंद |
13 |
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असा पिझ्झा बेस द्या मज आणुनि सजविन मी जो चीझ टॉपिंगज् ने |
चामुंडराय |
6 |
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II तिने पेन मागितलं, मी हात दिला II |
खिलजि |
19 |
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ती जशी जशी जुनी होत गेली |
खिलजि |
0 |
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सलमान भाईचे तुरुंगातील गाणे |
मूखदूर्बळ |
4 |
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कधी हसणे,कधी रुसणे... |
सत्यजित... |
0 |
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सातोरी |
अनन्त्_यात्री |
2 |
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ती पहाट ओली(झालेली! ;) ) |
अत्रुप्त आत्मा |
36 |
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कोवळे काही ऋतू... |
सत्यजित... |
7 |
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रानवारा... |
विशुमित |
2 |
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घुंगरू |
Jayant Naik |
3 |
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वादळ |
चांदणशेला |
0 |
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लग्नाआधी लिटमसची चाचणी करून घ्यावी |
खिलजि |
3 |
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(बार हो) |
प्रसाद गोडबोले |
14 |
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प्रेमाचा डाव बघता बघता उधळला |
खिलजि |
4 |
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तू पहाट ओली |
परशुराम सोंडगे |
8 |
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एक गाणे दूरवरुनी |
अनन्त्_यात्री |
10 |
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यारहो ... |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
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इंद्रधनुष्य |
चुकार |
0 |
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शून्याची महती |
खिलजि |
2 |
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आणखी अपहरणे |
माहितगार |
2 |
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घरी कधी जायचं? |
चांदणे संदीप |
27 |
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अपहरण |
माहितगार |
2 |
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पुतळा म्हणजे.... |
प्राची अश्विनी |
50 |
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निरगाठ गहनाची |
अनन्त्_यात्री |
0 |
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प्रेम रंग |
तृप्ति २३ |
16 |
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कशी वाटली आमची दहा बाय दहा ? |
खिलजि |
9 |
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कल्लोळती रंगरेषा |
अनन्त्_यात्री |
11 |
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तहान.. |
अत्रुप्त आत्मा |
7 |
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नव्या वादळी नाव हाकारतो |
अनन्त्_यात्री |
8 |
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साधले तर वार कर ... |
विशाल कुलकर्णी |
9 |
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आठवण |
सुमित_सौन्देकर |
1 |
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मी तृषार्त भटकत असता |
अनन्त्_यात्री |
17 |
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(पितृभाषा) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
19 |
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लग्नानंतरची गुरुकिल्ली |
खिलजि |
0 |
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मामाच्या पोरींना शिमग्याची भेट! |
गंगाधर मुटे |
4 |
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सप्तश्रृंगी देवी |
पाषाणभेद |
9 |
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मराठी दिन २०१८: माले का मालूम भाऊ? (झाडीबोली) |
स्वामी संकेतानंद |
20 |
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मुलांची हरवत चाललेली आई |
खिलजि |
1 |
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गारवा - विडंबन |
OBAMA80 |
4 |
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माय गे माय... |
प्राची अश्विनी |
17 |
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प्रेमळ दूध |
खिलजि |
7 |
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झेब्र्याचा जन्म |
खिलजि |
0 |
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॥ माझ्यासारखं प्रेम कुणी केलंच नाही ॥ |
खिलजि |
5 |
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काळ्या पिशवीत पिशवीत |
मूखदूर्बळ |
5 |
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माझ्या आठवणी |
प्रणया |
6 |
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भावनांचा मेळ |
प्रणया |
6 |
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जगणं कळेल तेव्हा ........ |
फिझा |
1 |
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बस्स इतकेच.. |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
31 |
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मुक्या पाखरा |
चांदणशेला |
2 |
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मातृभाषा |
शिव कन्या |
11 |
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मनी सत्व आता कमी जाहले |
खिलजि |
0 |
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अभ्यास चालू आहे |
डॉ.नितीन अण्णा |
2 |