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Coffee आणि ति |
sanket gawas |
1 |
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महागाईच्या गप्पा |
बी.डी.वायळ |
4 |
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#आई |
sanket gawas |
2 |
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(दाराआडचा मुलगा) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
21 |
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अश्रू |
प्रणया |
3 |
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दाराआडची मुलगी |
शिव कन्या |
28 |
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तळवे |
शिव कन्या |
16 |
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पण तू येणार नाहीस.. |
सिक्रेटसुपरस्टार |
10 |
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तू चंद्र माझा |
प्रणया |
11 |
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तू चांदणी माझी |
चामुंडराय |
5 |
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असे असावे |
अन्या बुद्धे |
1 |
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सांज |
प्रणया |
0 |
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तू हमाल माझा |
खिलजि |
0 |
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(गळवे) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
13 |
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(श्मश्रू) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
5 |
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(जळवे) |
नाखु |
4 |
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अश्वत्थ |
अन्या बुद्धे |
6 |
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मोकलाया दाहि दिश्या - एक भावार्थ सुडंबन |
चामुंडराय |
9 |
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झिम झिम झिम्मड झिम्माड |
विजुभाऊ |
2 |
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...असं काही नसतं |
निओ |
7 |
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दाराआडचे घड्याळ |
चित्रगुप्त |
8 |
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खिंड बोगदा |
पाषाणभेद |
1 |
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काव्य कंड |
प्रमोद पानसे |
5 |
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( दाराआडचा वास ) |
खिलजि |
3 |
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पुरंदराचं तेजस्वी पातं..! [updated] |
राघव |
12 |
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(दाराआडची मुंगी) |
mrcoolguynice |
0 |
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दाराआडचा बाबा |
सोन्या बागलाणकर |
6 |
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(दाराआडचा दगड) |
mrcoolguynice |
4 |
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(दाराआडची आंटी) |
प्रसाद गोडबोले |
9 |
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(दाराआडचा कुत्रा) |
राजेंद्र मेहेंदळे |
1 |
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कोळीगीत: शिडाशिडात भरारे वारा |
पाषाणभेद |
2 |
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कोरडं रान |
पाषाणभेद |
6 |
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देव |
अन्या बुद्धे |
0 |
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काॅफी ही निमित्तमात्र.. |
प्राची अश्विनी |
36 |
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(पाहिजे) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
6 |
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बसणं हे निमित्तमात्र |
पाषाणभेद |
4 |
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पाहिजे |
अन्या बुद्धे |
2 |
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मृत्यूची सय ही निमित्तमात्र |
ज्ञानोबाचे पैजार |
11 |
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कारण हे निमित्तमात्र |
शब्दानुज |
2 |
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प्रीती तुझ्यावरी पण... |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
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(जगणं फक्त निमित्तमात्र) |
नाखु |
12 |
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चौथयांदा झालेल पाहिलं प्रेम |
chittmanthan.OOO |
3 |
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चित्त |
अन्या बुद्धे |
3 |
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बातम्या बघणे हे निमित्तमात्र.. |
ज्ञानोबाचे पैजार |
12 |
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दारू ही केवळ निमित्तमात्र.. |
चामुंडराय |
7 |
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(ए, बैठ ना जरासा) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
8 |
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व्हेनीसचे व्यापारी |
अविनाशकुलकर्णी |
2 |
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शोधा म्हणजे सापडेल ( परामानंदाचे झाड ) |
खिलजि |
0 |
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सजले अंतर |
कुमार जावडेकर |
11 |
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विशाल राज्य |
शब्दानुज |
2 |
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चढणं म्हणजे काय असते रे भौ ( एक अशीच केलेली "श श क कविता" ) |
खिलजि |
11 |
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|| माझे बाबा || |
बी.डी.वायळ |
3 |
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राखून ठेव दुधाचे थेंब तू |
खिलजि |
0 |
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हमसे तो छूटी महफ़िलें… |
मनिष |
13 |
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असे षंढ आम्ही कैसे निपजलो |
ज्ञानोबाचे पैजार |
15 |
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प्रलय |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
14 |
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भाषा |
कुमार जावडेकर |
2 |
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स्वतःसाठी जगू नका |
नायकुडे महेश |
2 |
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सीता रागाने हनुमंताला "तुझ्या आईची छूत्री " म्हणाली |
खिलजि |
0 |
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ऐलान |
शार्दुल_हातोळकर |
7 |
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" माफ करा राजे " |
mukund sarnaik |
2 |
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मैत्री |
तृप्ति २३ |
0 |
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अश्वत्थामा |
ज्ञानोबाचे पैजार |
9 |
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" माफ करा राजे " |
mukund sarnaik |
0 |
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षंढ |
चिनार |
4 |
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संदीप खरे यांची माफी मागून.... |
उपेक्षित |
0 |
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ते दोघे |
शिव कन्या |
2 |
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तुझी कविता |
शिव कन्या |
8 |
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आजही... |
नायकुडे महेश |
0 |
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खेळ राजकारणी असा रंगला.... |
स्पार्टाकस |
4 |