गंध माझे
पेर्णा - http://www.misalpav.com/node/29834
वर्जीनल कवीची मापी मागून :)
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ये जरा "बसायला", घे बाटलीतले तीर्थ इथे
गाठी शेवया मागाया, काय सांग जाते तुझे ll १ ll
अट्टल पिणारे लाजतील, येता (बाटली) तुझ्या हातावरी
अंगावरल्या समस्त वस्त्रांस, जरा जडू दे गंध तुझे ll २ ll
या शर्ट-प्यांटवरील, पुसती जरी साऱ्या खुणा
ती अशी खमकी असता, गालावरचा रंग सजे ll ३ ll