माझा एक मित्र हरवलाय |
अनुप्रिया |
5 |
मोरा मोरा नाच रे (बडबडगीत) |
गंगाधर मुटे |
5 |
लपंडाव |
kalyani B |
0 |
महा विडंबन स्पर्धा |
आमोद शिंदे |
5 |
विटेवर चा विटोबा |
मन्जिरी पैठन्कर |
2 |
किती सुखाचे असेल |
क्रान्ति |
16 |
स्मशानात जागा हवी तेवढी |
गंगाधर मुटे |
12 |
हे स्वातंत्र्यदेवते! |
उमेश कोठीकर |
3 |
कविता माझी होशील का ? |
निरन्जन वहालेकर |
4 |
चार छोटुल्या... |
वैभव देशमुख |
12 |
मला पुरते कळले.... |
झुम्बर |
5 |
आठवणींच्या गाठी |
रणजित चितळे |
2 |
कणसूर |
विसुनाना |
18 |
लपंडाव |
फ्रॅक्चर बंड्या |
8 |
व्यथा |
राजेश घासकडवी |
3 |
कलाकारी |
पाषाणभेद |
1 |
एक पाहुणी पोरगी ... |
वैभव देशमुख |
30 |
गणेशा वंदन तुजला आता |
पाषाणभेद |
0 |
नाचत नाचत येई मयुरा |
पाषाणभेद |
4 |
प्रेमपत्र |
दिलीपकुमार |
0 |
(नाचत नाचत येई परा) |
अवलिया |
3 |
मैत्रीण |
कमलेश पाटील |
2 |
तुझा पाऊस |
कमलेश पाटील |
2 |
घड्याळ |
कमलेश पाटील |
1 |
औदार्य...? ? ? ? ? |
निरन्जन वहालेकर |
3 |
" बघ तुला माझी आठवण येते का ? " |
सुहास.. |
18 |
लग्नानन्तर |
अविनाश पालकर |
2 |
आली गं आली होळीपुनवेची रंगपंचीम आली |
पाषाणभेद |
6 |
(मृगजळाचे अनधिकृत बांधकाम ) |
अडगळ |
14 |
पाऊस |
उमेश कोठीकर |
2 |
(तिंगुलीने घात केला) |
अवलिया |
6 |
अक्षय धन |
निरन्जन वहालेकर |
1 |
अर्पणपत्रिका |
उमेश कोठीकर |
8 |
मुकी असेल वाचा |
गंगाधर मुटे |
1 |
घराकडे येताना मला काल पावसाने गाठले....... |
गुपचुप |
4 |
नकोना नकोना आता नकोना |
पाषाणभेद |
9 |
हा शब्दांच्या गुणसुत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
13 |
जेजूरी गडावर नांदे मल्हारी |
पाषाणभेद |
1 |
प्रेम कस असाव ? |
गुपचुप |
1 |
जीणं |
अमोल मेंढे |
1 |
दुरावा |
ऋषिकेश |
17 |
पाऊस वेडा |
स्वाती फडणीस |
1 |
तो पाऊस |
सुनिल पाटकर |
2 |
देऊनी स्वप्ने विझल्या गात्री |
विजुभाऊ |
9 |
स्वैर कल्पना: "वीजपाऊस" |
निमिष सोनार |
2 |
नाव सुचले नाही.... |
बरखा |
1 |
मावळतीला रंग शोधणारा ढग मी... |
फ्रॅक्चर बंड्या |
6 |
विश्वरूप तेज झाले | सर्व तेज येथ आले | |
सागरलहरी |
0 |
कुंडलीने घात केला |
गंगाधर मुटे |
8 |
लख्ख |
अर्धवट |
7 |
रानवाटा शोधतांना |
पाषाणभेद |
8 |
शेवटी |
डॉ.कैलास |
3 |
वादळ वळवाचे |
धनंजय |
18 |
'मोगरा' |
दिलीपकुमार |
6 |
“ म्याच फिक्सिंग “ |
निरन्जन वहालेकर |
1 |
आभाळमाया |
दत्ता काळे |
5 |
अधुरा चंद्र |
रुपेश कुलकर्णी |
1 |
माझे मन सुखाच्या मागे धावत असता.. |
संजयशिवाजीरावगडगे |
3 |
हा दारूच्या 'फुल'पात्रांचा दोष असावा |
केशवसुमार |
2 |
(चटेपटेरी चड्डीचा हा दोष असावा) |
राजेश घासकडवी |
6 |
वाटते बोलायचे राहून गेले |
डॉ.कैलास |
1 |
हा आयटिच्या सर्व मुलांचा दोष असावा |
केशवसुमार |
6 |
गण: वंदन करीतो गजाननास |
पाषाणभेद |
0 |
सामर्थ्यवान |
चिंगुसविकॄतजोशी |
2 |
तरंग |
अवलिया |
31 |
तंगड्यांवर तंगडे |
रणजित चितळे |
1 |
मातेचे ऋण |
शुचि |
8 |
माझ्या 'गोव्या'च्या पुडीत |
अडगळ |
22 |
“ घेतला वसा षंढतेचा ” |
निरन्जन वहालेकर |
4 |
चिंधी |
स्पंदना |
5 |