(पुन्हा दिवाळी) |
मेघवेडा |
23 |
काव्यफुफाटा |
मराठमोळा |
12 |
दिवाळी पाडवागीत: आज आनंद आसमंतात भरला |
पाषाणभेद |
0 |
अभंगः विठ्ठल उभा विटेवरी |
पाषाणभेद |
3 |
(पुन्हा टवाळी) |
राजेश घासकडवी |
27 |
दिवाळी |
पारा |
3 |
शुभ दिपावली |
जयदेव |
1 |
ती दिवाळी पण दिवाळी होती |
गजानन१८५७ |
0 |
वंगणबद्ध |
सन्जोप राव |
31 |
मीपावरती मी पितरांचा कौल काढला नवा |
केशवसुमार |
32 |
सल्ल्यासाठी विजूभाऊनी, इथ फोडिला टाहो, |
केशवसुमार |
50 |
आई .. मिटलेला श्वास .. ५ |
गणेशा |
1 |
आधार प्रितीचा |
जयदेव |
2 |
फराळ फटाके: जीवनाच्या दिवाळीतले!!! |
निमिष सोनार |
7 |
बैल |
जयदेव |
7 |
शाळेतल्या गमतीजमती |
रमणरमा |
15 |
माझ्या व्यथे... (गझल) |
स्वानंद मारुलकर |
4 |
पंचाक्षरी आकांत |
शरदिनी |
27 |
" मनांतले श्लोक - " |
विदेश |
0 |
हडळ जागी भूत जागे |
केशवसुमार |
41 |
... |
प्रियाली |
85 |
निकामी |
पद्मश्री चित्रे |
12 |
पाऊस.. |
पद्मश्री चित्रे |
10 |
नभी चांदणे...(गझल) |
पद्मश्री चित्रे |
14 |
चिऊचं घर शेणाचं... |
आपला अभिजित |
6 |
राप्चिक र्राप्चिक कूल कूल |
चन्द्रशेखर गोखले |
12 |
बांड्या |
अरुण मनोहर |
4 |
प्रतीक्षा |
नगरीनिरंजन |
12 |
... स्मरण असावे (गझल) |
अजय जोशी |
6 |
कोजागिरी पौर्णिमा |
स्वप्निल मन |
3 |
निम्मा रस्ता चालला |
पाषाणभेद |
3 |
आंब्याच्या झाडाले वांगे : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
15 |
हे काय आहे?? |
यशवंतकुलकर्णी |
16 |
क्षण.. |
अथांग |
3 |
चर्पटपंजरिका स्तोत्राचा भावानुवाद |
राघव |
30 |
गोलात goल |
पाषाणभेद |
7 |
नाते तुझे नि माझे ना सापडे अताशा |
स्वानंद मारुलकर |
13 |
अजून काय... |
असुर |
12 |
तो आणि त्याची स्वप्नं |
पुष्कर |
2 |
जीव गुंतला .. ( चाल खेळ मांडला) |
गणेशा |
1 |
एका सैनिकाने लिहिलेल्या हृदयद्रावक कवितेचे भाषांतर |
गणेशा |
9 |
युगलगीतः तू माझी हो काठी, मी तुझी काठी |
पाषाणभेद |
2 |
आज या कातरवेळी तिची आठवण का होतेय? |
स्वप्निल मन |
5 |
परिवर्तन!!! |
श्रावण मोडक |
28 |
"मैफिल" |
पेशवे बाजीराव तिसरे |
3 |
प्रेम..जगावेगळे... |
अथांग |
7 |
कै. नारायण सुर्वे यांची "मुंबई" हि कविता मला हवी आहे. |
विशाल कुलकर्णी |
3 |
युगलगीतः बाई इथंच ठोकू का हा खिळा? |
पाषाणभेद |
9 |
(सिनेमातल्या हिरोंची पूर्वी भरली सभा) |
अमोल केळकर |
23 |
सरकारी योजना |
पाषाणभेद |
3 |
गहिवरल्या अधीर धारा ... |
गणेशा |
1 |
युगलगीत: रुसली ग रुसली, माझी बायको रुसली |
पाषाणभेद |
4 |
(गावात प्लेग) |
अर्धवट |
14 |
(शापीत मेघ) |
अडगळ |
17 |
(कापित केक) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
29 |
भरमाध्यान्हीच्या सान्ताक्लॉजचे प्रियाराधन |
शरदिनी |
39 |
टीन एज वारे वाहू लागलंय ! |
अथांग |
3 |
झाडांच्या पानात |
गणेशा |
1 |
तुझं माझं घर... |
जयवी |
15 |
पण बोलणार नाही... |
नगरीनिरंजन |
6 |
(शापीत मेघ ) ... |
गणेशा |
7 |
माझा नवरा पैसं खातो |
पाषाणभेद |
9 |
शापीत मेघ |
गणेशा |
6 |
कुत्र्याचे शेपूट ... |
मनीषा |
8 |
मैत्रि (एक खोडकर ओलावा) |
कल्पेश इसई |
10 |
काम करी दाम येड्या |
केशवसुमार |
19 |
पुन्हा क्रांती |
चन्द्रशेखर गोखले |
7 |
कशी दिसते दिसते लाडाची लाडी तुमची |
पाषाणभेद |
3 |
लग्नगीतः पतीची ग वाट पाही, मंडपी सजली नवरी |
पाषाणभेद |
0 |
उसाश्यांचे भान |
विजुभाऊ |
6 |