| माझे मन सुखाच्या मागे धावत असता.. | संजयशिवाजीरावगडगे | 3 | 
          
                  | हा दारूच्या 'फुल'पात्रांचा दोष असावा | केशवसुमार | 2 | 
          
                  | (चटेपटेरी चड्डीचा हा दोष असावा) | राजेश घासकडवी | 6 | 
          
                  | वाटते बोलायचे राहून गेले | डॉ.कैलास | 1 | 
          
                  | हा आयटिच्या सर्व मुलांचा दोष असावा | केशवसुमार | 6 | 
          
                  | गण: वंदन करीतो गजाननास | पाषाणभेद | 0 | 
          
                  | सामर्थ्यवान | चिंगुसविकॄतजोशी | 2 | 
          
                  | तरंग | अवलिया | 31 | 
          
                  | तंगड्यांवर तंगडे | रणजित चितळे | 1 | 
          
                  | मातेचे ऋण | शुचि | 8 | 
          
                  | माझ्या 'गोव्या'च्या पुडीत | अडगळ | 22 | 
          
                  | “ घेतला वसा षंढतेचा ” | निरन्जन वहालेकर | 4 | 
          
                  | चिंधी | स्पंदना | 5 | 
          
                  | पाऊस... | वैभव देशमुख | 2 | 
          
                  | कंट्रोल झेड | अविनाश ओगले | 24 | 
          
                  | जीव तुझा कासावीस ... | वैभव देशमुख | 9 | 
          
                  | ती स्वप्नसुंदरी | गंगाधर मुटे | 3 | 
          
                  | पराक्रमी असा मी : हझल | गंगाधर मुटे | 4 | 
          
                  | एकटीच होते बरी मी एकटीच होते खरी | झुम्बर | 5 | 
          
                  | निस्सिम प्रेम | चिंगुसविकॄतजोशी | 1 | 
          
                  | धागा धागा अखंड दळूया | केसुरंगा | 11 | 
          
                  | अहंकार | दिलीपकुमार | 1 | 
          
                  | मैत्री चिरायु होवो..a.k.a Long Live Friendship | कानडाऊ योगेशु | 2 | 
          
                  | <घागरा> | अवलिया | 10 | 
          
                  | जीवन म्हणजे मुशायरा | अजय जोशी | 1 | 
          
                  | प्रश्न | सौरभ परांजपे | 1 | 
          
                  | दयाळू | सौरभ परांजपे | 3 | 
          
                  | कृष्णा तू आमच्या संगे खेळत का नाही? | पाषाणभेद | 1 | 
          
                  | <एक पाहुणी पोरगी> | अवलिया | 17 | 
          
                  | ' ती ' | दिलीपकुमार | 0 | 
          
                  | ताप | मितभाषी | 3 | 
          
                  | अनुभवींनी मार्गदर्शन करावे. | शानबा५१२ | 20 | 
          
                  | माझी जन्माची शिदोरी | क्रान्ति | 15 | 
          
                  | मित्रार्थ | निमिष सोनार | 0 | 
          
                  | ती...... | सुभाष् अक्कावार | 3 | 
          
                  | (माझी जन्माची शिदोरी ) | अडगळ | 16 | 
          
                  | रक्त आटते, मन सुक्ते | रणजित चितळे | 2 | 
          
                  | विलास तो गेला, गेला, तिला भेटण्याला | केसुरंगा | 5 | 
          
                  | संस्थळी प्रतिसाद देता | शुचि | 15 | 
          
                  | अघटीत | निमिष सोनार | 2 | 
          
                  | ((बट डोईवरि बट झुलते तरी)) | मराठमोळा | 3 | 
          
                  | (बट डोईवरि बट झुलते तरि) | राजेश घासकडवी | 16 | 
          
                  | लावणी : आसं कसं वो तुमी मर्द गडी | पाषाणभेद | 5 | 
          
                  | मंद जाहल्या तारका..... | निरन्जन वहालेकर | 2 | 
          
                  | मी पहात होतो दूर... | भारतीय | 1 | 
          
                  | माझ्या अंगामधी  भिनलाय वादळी वारा | पाषाणभेद | 0 | 
          
                  | हातचा | स्वाती फडणीस | 9 | 
          
                  | फिनिक्स | निरन्जन वहालेकर | 2 | 
          
                  | ..... बाकी सगळं ठीक आहे ! | मनीषा | 10 | 
          
                  | प्रार्थना | यशोधरा | 22 | 
          
                  | माझे बाबा | पाषाणभेद | 4 | 
          
                  | पाउस आला पाउस आला | पाषाणभेद | 3 | 
          
                  | अरे देवा मी काही सुखी नाही | पाषाणभेद | 6 | 
          
                  | पाध्यांचे मनोगत | नितिन थत्ते | 24 | 
          
                  | आठवण  आणि …… | निरन्जन वहालेकर | 3 | 
          
                  | जुनी | अरुण मनोहर | 5 | 
          
                  | नका जावू अशा पावसात | पाषाणभेद | 4 | 
          
                  | <शीघ्र कवीची एक कविता> | विजुभाऊ | 4 | 
          
                  | हा तोच किनारा फिरतो मी | राजेश घासकडवी | 7 | 
          
                  | विहंगगीत. | अशोक गोडबोले | 13 | 
          
                  | 'केशवा' अजब तुझे अवतार! | चतुरंग | 11 | 
          
                  | (केव्हा तरी पहाटे) | llपुण्याचे पेशवेll | 22 | 
          
                  | नव्या वर्षाची गुढी उभारू चला | पाषाणभेद | 2 | 
          
                  | अरूपाचे रूप | क्रान्ति | 14 | 
          
                  | (अवलिया रुप) | केसुरंगा | 16 | 
          
                  | <अवलियाचे रूप> | परिकथेतील राजकुमार | 28 | 
          
                  | पाऊस आला | पाषाणभेद | 0 | 
          
                  | पाऊस गाणी | स्वाती फडणीस | 3 | 
          
                  | ..पाउस | जाई अस्सल कोल्हापुरी | 12 | 
          
                  | यशदा | स्वाती फडणीस | 8 |