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सावलीत माझ्या |
ज्ञानराम |
3 |
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विखुरलेला चंद्र |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
23 |
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विखुरलेला चंद्र - २ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
11 |
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खबरदारी - |
विदेश |
10 |
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जंगलातले चालणे |
पाषाणभेद |
14 |
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मी आणि तू |
रेशा |
4 |
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दुरावलेलं.. |
गुड्डू |
6 |
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अरे समस्त गुणी जनांनो... |
निश |
4 |
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द्वंद्व |
चन्द्रशेखर गोखले |
5 |
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जुना पुराणा पिंपळ ... |
मनीषा |
14 |
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नव्या जगाशी जडले नाते .... |
अविनाशकुलकर्णी |
3 |
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(तु नसताना.... !) |
परिकथेतील राजकुमार |
27 |
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तु नसताना.... ! |
चंद्रशेखर महामुनी |
11 |
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नियती |
अज्ञातकुल |
4 |
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देव नाही देवळात |
विदेश |
4 |
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स्वैर त्याची ही कहाणी... |
वेणू |
4 |
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वेडी मीरा |
यश पालकर |
0 |
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देवळाबाहेरचा गाभारा |
झंम्प्या |
17 |
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फौजिया अबू खालिद यांच्या कवितांचा अनुवाद |
Kavita Mahajan |
32 |
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आई..... |
झंम्प्या |
2 |
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तु .. |
सुहास.. |
3 |
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नवजन्म |
jaypal |
9 |
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शुभंकरोति |
तिमा |
3 |
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पाणावलेल्या डोळ्यांना |
सौरभ उप्स |
8 |
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होय ( शर्मिला इरोमसाठी ) : सत्चिदानन्दन यांच्या मलयाळम कवितेचा अनुवाद |
Kavita Mahajan |
15 |
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मायामृग यांच्या हिंदी कवितेचा अनुवाद |
Kavita Mahajan |
13 |
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घनघन |
अज्ञातकुल |
4 |
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स्वामी तुम्ही तारा |
झंम्प्या |
2 |
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माणुसकी.... |
अमितसांगली |
10 |
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कायच्या काय |
ज्ञानोबाचे पैजार |
17 |
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कविता वाचण्याआधी एक क्षणभर मौन : एमनुएल ओर्तीज |
Kavita Mahajan |
28 |
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गाव... |
बिपिन कार्यकर्ते |
47 |
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लघु वल्गुदभारत-भाग १. |
बॅटमॅन |
24 |
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व्हतास सारथी म्हणोनी |
ज्ञानराम |
6 |
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ट्रफिकची भेळ |
अत्रुप्त आत्मा |
35 |
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हिरवं झालं रानं |
पाषाणभेद |
7 |
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शब्दांचा स्पर्श !! |
जेनी... |
10 |
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आर्त |
अज्ञातकुल |
1 |
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माझेच मी.... |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
13 |
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फिनिक्स |
पेशवा |
3 |
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<बद्ध लेखक> |
लंबूटांग |
16 |
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कातरवेळ.. |
मस्त कलंदर |
10 |
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(गर्विष्ठ निराकाराच्या शष्पतत्वज्ञानाचे कवित्व) |
मूकवाचक |
28 |
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संदेहमुक्ती |
मूकवाचक |
20 |
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काकध्वनी |
यकु |
20 |
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दु:खाचे निखारे |
गणेशा |
10 |
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बंद बनियन बरं-का...! |
अत्रुप्त आत्मा |
54 |
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तेंव्हा आणि आता..... |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
6 |
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" आई " |
कुलमयु |
3 |
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एक टुमदार गाव - माझे माधवनगर - भाग - २. |
शशिकांत ओक |
7 |
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सबूर |
धनंजय |
7 |
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अवचित |
अज्ञातकुल |
0 |
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धाव रे धाव देवा आता |
निश |
11 |
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श्रावणाच्या चिंब धारा |
सांजसंध्या |
5 |
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रेशमी |
अज्ञातकुल |
3 |
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लबाड कान्हा .. खट्याळ कान्हा ... |
विदेश |
0 |
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मग,काय केलस ग या वाढदिवसाला ? |
सुहास.. |
22 |
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रद्दीवाला - |
विदेश |
6 |
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" मैत्री - " |
विदेश |
0 |
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चंद्र-कळा |
पेशवा |
12 |
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(जिलब्या खायकू) |
sagarpdy |
12 |
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तीन हायकू - |
विदेश |
10 |
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लपाछपी |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
7 |
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रक्षाबंधन.. रक्षाबंधन .. |
विदेश |
0 |
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शब्दसावल्या |
अज्ञातकुल |
0 |
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( ढोस देशीही तू, हर दिवशी तू) |
नाना चेंगट |
5 |
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हट्ट! |
चैतन्य दीक्षित |
7 |
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हर देशीही तू, हर वेशीही तू |
नरेंद्र गोळे |
1 |
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(काऽऽय रेऽऽ देवाऽऽ) |
रमताराम |
50 |
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प्रदेश |
पेशवा |
9 |