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वेडी आशा अनुदानाची - |
विदेश |
0 |
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आर्त |
सागरलहरी |
8 |
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देवा एक माझे | पुरवावे कोड | |
सागरलहरी |
6 |
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ंमौन... |
उर्जिता |
21 |
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अन्यथा |
क्रान्ति |
25 |
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आनंदसागर |
श्रिया |
15 |
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आई .. |
विदेश |
5 |
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माझ्या गावात कधी आता - |
विदेश |
1 |
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अवकाळी.. |
अभिषेक९ |
2 |
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डोळे |
मनिष |
4 |
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विखुरलेला चंद्र - अंतिम |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
11 |
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प्रेम - तुझे माझे ... |
विदेश |
1 |
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विदूषक |
उपटसुंभ |
5 |
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देहाला चोळून घेता...(एक लांबड) |
योगप्रभू |
13 |
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नशिबाचे भोग - |
विदेश |
2 |
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उरली फक्त आठवण .. |
विदेश |
1 |
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जीवनरेषा |
अज्ञातकुल |
0 |
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देहाला चोळुन घेता |
ज्ञानोबाचे पैजार |
6 |
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नेहमीचेच यशस्वी कलाकार |
नाना चेंगट |
17 |
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सिद्धोबा |
विसुनाना |
23 |
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मनमुक्त |
समयांत |
21 |
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ओढ तुझी |
आर्णव |
6 |
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नरवीर तानाजी मालुसरे "वीरगाथा" |
अनिल तापकीर |
36 |
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शेरनीच्या जबड्यात ससा (हझल) |
गंगाधर मुटे |
5 |
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स्त्रीस श्रद्धांजली |
सांजसंध्या |
15 |
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खोल खोल मनामध्ये... |
वेणू |
8 |
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नकोस |
अज्ञातकुल |
7 |
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घे उत्तुंग भरारी, |
अनिल तापकीर |
4 |
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नाव चालते नावीका रे |
सांजसंध्या |
11 |
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दर्द - ऐ - दात |
५० फक्त |
67 |
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मी नव्याने कोवळा झालो... |
धन्या |
50 |
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मुसळधार पाऊस आणि मि एक एकटा |
श्रीमत |
17 |
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मी बिभीषण एकटा |
चाणक्य |
18 |
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नि:शब्द .... मी ! |
विदेश |
4 |
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पुरुषार्थ |
विदेश |
2 |
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राधा |
रेशा |
17 |
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नाविन्याची साद |
जयवी |
12 |
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आता तू येशील.... |
झंम्प्या |
13 |
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आता तरी मानवा सावध होशील का ? |
शिवप्रसाद |
10 |
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"माझ्या सर्व विध्यार्थी मित्रांसाठी" |
शिवप्रसाद |
22 |
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प्रांतिक किंवा भाषीय वाद |
पंकज रुगे |
3 |
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चुप्प! |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
29 |
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पिसे |
अज्ञातकुल |
5 |
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वेदना |
kanchanbari |
5 |
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तेजाळलेल्या रात्रीचे क्षण |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
9 |
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शांती नवं वर्षातली |
अत्रुप्त आत्मा |
35 |
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माझ्या घरचा नवीन गुंड |
आर्णव |
15 |
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घडवून आण मग बोल… |
आर्णव |
6 |
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भूक |
अरुण मनोहर |
14 |
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एक रानगोष्ट |
अरुण मनोहर |
4 |
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मुद्राराक्षस किंवा एका अंगुलीयकाने. |
बॅटमॅन |
39 |
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तुझा कुणी केला घात… |
आर्णव |
4 |
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झाली माझी गोष्ट |
वामन देशमुख |
24 |
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दर्पणाने सांगावे |
सांजसंध्या |
14 |
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सांभाळ का म्हणावे, गालातल्या खळ्यांना |
सांजसंध्या |
24 |
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एकटेपणा..... |
रणजीत देशमुख |
2 |
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.............नियती......... |
प्रेमवेडा |
1 |
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विखुरलेला चंद्र - ३ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
6 |
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व्यथा |
सुरताल |
7 |
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देह आत्म्याचे मंदीर |
अरुण मनोहर |
11 |
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"शिवराय" |
अनिल तापकीर |
18 |
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दीप |
समयांत |
16 |
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जगत रहायच,जगत रहायच |
कौस्तुभ आपटे |
4 |
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कविता |
सु.द.मोरे |
5 |
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आजूनहि मी |
श्रीमत |
2 |
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कविता |
सु.द.मोरे |
5 |
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झक मारली आणी एन्जीनीअरिन्ग्ला आलो.................. |
रणजीत देशमुख |
10 |
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राजे संभाजी |
अनिल तापकीर |
39 |
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मित्र :) |
रसायन |
7 |
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आता तरी देवा, |
अनिल तापकीर |
2 |