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तू अता ये याच रस्त्याने तुझ्यापाशी ... |
drsunilahirrao |
0 |
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२०१४ इलेक्शन स्पेशल - चार ओळी |
अमोल केळकर |
2 |
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सावित्रीच्या लेकी - महिला दिना निमित्त |
नेत्रा वैद्य |
2 |
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मटका भरके सूरज उल्टा |
चाणक्य |
14 |
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आदिशक्ती.... |
स्मिता श्रीपाद |
6 |
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बायको ही सायको असते..डरकाळ्या आणि म्यांव..म्यांव |
कानडाऊ योगेशु |
24 |
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बघता बघता देवा - |
विदेश |
8 |
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चालत राहणार |
विवेकपटाईत |
1 |
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मदिरा स्तोत्र |
नेत्रा वैद्य |
11 |
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मी तुझा चंद्र झालो |
मंदार दिलीप जोशी |
1 |
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खिचडी बिघडली - विडंबन |
नेत्रा वैद्य |
3 |
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निवडणूका जवळ आल्या सारखे वाटतंय |
निलरंजन |
0 |
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मराठी भाषा |
Bhagwanta Wayal |
1 |
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माय मराठीचे श्लोक...!! (ध्वनीफ़ित) |
गंगाधर मुटे |
2 |
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मायमराठी |
सार्थबोध |
1 |
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श्वास लय |
अज्ञातकुल |
0 |
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स्विकार... |
अत्रुप्त आत्मा |
32 |
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वसुधैव कुटुंबकम |
आयुर्हित |
0 |
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(कश्या कश्याला मुकलो ते...) |
धन्या |
6 |
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अस्वस्थता अस्वस्थता |
पंडित मयुरेश ना... |
2 |
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कश्या कश्याला मुकलो ते... |
अविनाशकुलकर्णी |
6 |
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'पालखी' |
drsunilahirrao |
0 |
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"नवरा - बायको म्हणले की हे असे होणारच" |
वैभवकुमारन |
12 |
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निर्मोही |
अज्ञातकुल |
2 |
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टेंडर |
चाणक्य |
15 |
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बसा की एकदा खुर्ची वरती |
विवेकपटाईत |
1 |
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मन रे |
अज्ञातकुल |
4 |
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घाव |
लाडू |
1 |
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भविष्य |
drsunilahirrao |
1 |
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... तुझ्यासाठी बहर होते |
drsunilahirrao |
4 |
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नवीन चारोळ्या |
विवेकपटाईत |
3 |
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रंग |
सार्थबोध |
2 |
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आज आसु मझ्या..... |
पंडित मयुरेश ना... |
5 |
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'अद्वैत' |
drsunilahirrao |
2 |
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बरंच बरंच काही... |
जुईचे फूल |
2 |
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चांदणचकवा |
पद्मश्री चित्रे |
20 |
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अमेठीची शेती |
गंगाधर मुटे |
19 |
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उल्का |
पाषाणभेद |
12 |
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ओढ |
psajid |
4 |
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चिमुटभर |
अज्ञातकुल |
1 |
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काही व्हेलेंटाईनी चारोळ्या |
विवेकपटाईत |
2 |
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पांडुरंग |
आतिवास |
28 |
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पायघड्या पुन्हा पडल्या त्याच नेत्याला - झुलवी जन स्मृतींना वतनी मनातल्या |
माहितगार |
0 |
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एक गीत |
उदय सप्रे |
5 |
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मिपाचे नविन सदस्य |
बरखा |
15 |
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संत मीराबाईची विराणी |
आयुर्हित |
7 |
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आपल्याला सगळं कसं,साधं सोपं पाहिजे … |
घन निल |
2 |
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द्विभाषिक क्षणिका/ चश्मा /उम्मीद |
विवेकपटाईत |
9 |
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पारा |
drsunilahirrao |
7 |
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नाटक... |
psajid |
5 |
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मदगन्ध |
अज्ञातकुल |
1 |
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रसिका |
अज्ञातकुल |
4 |
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<<<< उपकृमी वाढे खात्यात >>> |
सुहास.. |
15 |
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रानपाखरं.......! |
psajid |
7 |
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पाऊले चालती ठाकुर्लीची वाट |
धन्या |
31 |
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"परिस्थिती" |
अमेय६३७७ |
13 |
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बंधने |
अज्ञातकुल |
2 |
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एक कप चहा...! |
jaypal |
10 |
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कॉफीचं कॅथार्सिस अर्थात चिडचिड-ए-सोमवार |
आदूबाळ |
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तुझी 'माया'च बाकी ....... |
psajid |
3 |
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समुद्र......!! |
फिझा |
7 |
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कस्टर्ड ड्रॅगन (Translated Poem) |
शुचि |
9 |
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सैनिक |
अमेय६३७७ |
4 |
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निरलस |
अज्ञातकुल |
4 |
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मन अंतर्मन |
अज्ञातकुल |
1 |
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नविनच |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
19 |
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मनास गंध स्पर्शता... |
आनंदमयी |
11 |
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संक्रांति ऋतू परिवर्तन |
विवेकपटाईत |
2 |
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चारोळी: तीळ अन् गुळाची नाती !! |
निमिष सोनार |
1 |
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घन टमी.. |
तिमा |
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