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त्या गेंड्याची दोन पावले - (विडंबन) |
विदेश |
10 |
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प्रेमही जरुरीपुरतंच करावं... |
अजब |
10 |
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विंचू चावला |
फुंटी |
4 |
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<पतंग> |
राजेश घासकडवी |
16 |
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<दबंग> |
वेल्लाभट |
9 |
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<लवंग> |
अनुप ढेरे |
14 |
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कोवळीक |
पाषाणभेद |
4 |
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तवंग |
बेसनलाडू |
10 |
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प्रवाही |
आतिवास |
13 |
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पत्र |
अजब |
7 |
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माझ्या शेल्फवरची पुस्तके...!! |
प्रकाश१११ |
10 |
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मी लोकलयात्री |
वेल्लाभट |
4 |
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ते काळे अभद्र आभाळ …। |
प्रकाश१११ |
5 |
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(डोसा इथला संपत नाही) |
धन्या |
49 |
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AN ODE TO मिसळपाव ! द्वितीय पुष्प |
माम्लेदारचा पन्खा |
16 |
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बोटावर न मोजता येतील इतके दिवस असतात ..!! |
प्रकाश१११ |
10 |
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कांदा |
विवेकपटाईत |
19 |
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शुभ दसरा !!! |
फटू |
13 |
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AN ODE TO मिसळपाव ! प्रथम पुष्प |
मारवा |
26 |
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क्षितीज चांदणी...... |
माझं आभाळ |
4 |
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काय रे देवा… (संदीप खरे यांची माफी मागून ) |
माम्लेदारचा पन्खा |
9 |
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दसरा |
लाडू |
0 |
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दर्पण, सर्पण, अर्पण, तर्पण, आकर्षण, प्रोक्षण, लवण, कर्तन |
अत्रुप्त आत्मा |
108 |
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तिला नेहमी वाटतं |
खटपट्या |
36 |
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इरेला पेटला आहे पिसारा (गझल) |
अजय जोशी |
9 |
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बंद दरवाजा |
विवेकपटाईत |
4 |
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ह्रुदया मध्ये घर बांधु या,अशा घराला दार कशाला? |
खुशि |
9 |
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देर न हो जाये |
भावना कल्लोळ |
4 |
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गाढव ऐकेना, गाढव समजेना |
संजय क्षीरसागर |
87 |
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तू गेल्यानंतर... तू येईपर्यंत... |
माधुरी विनायक |
7 |
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आयुष्य म्हणजे.... |
चेतन677 |
6 |
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ह्ये वागनं बरं नव्हं |
निराकार गाढव |
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मिस यू बाप्पा ... |
फुंटी |
3 |
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प्रार्थना प्रिमियर लीग विजयाची |
वेल्लाभट |
4 |
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वेदना |
निरन्जन वहालेकर |
2 |
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ह्रुदयामध्ये घर बांधु या!अशा घराला दार कशाला!! |
खुशि |
2 |
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"माझी गझल निराळी" दुसरी आवृत्ती प्रकाशन सोहळा |
गंगाधर मुटे |
4 |
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फेसबुक मानिया |
फुंटी |
3 |
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(चला ऑफीस आले आता...) |
ऋषिकेश |
2 |
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मलई! |
अत्रुप्त आत्मा |
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सरडा- काही क्षणिका काही म्हणी |
विवेकपटाईत |
4 |
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गोजिरी |
विअर्ड विक्स |
2 |
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गणपतीची आरती |
गंगाधर मुटे |
16 |
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केमिकल लोच्या |
फुंटी |
6 |
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ट्रेकिंग बिकिंग |
फुंटी |
4 |
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जवाबदेही |
रसिया बालम |
10 |
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वरुण राजाला साकडं |
विवेकपटाईत |
2 |
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सखे तुझ्या कवितेत... |
अनाम |
3 |
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गोंधळ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
23 |
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अस्थी कृषीवलांच्या |
गंगाधर मुटे |
28 |
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वंगाळ ! |
सुहास.. |
5 |
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एकच तर जिंदगी हि... |
मर्फी |
3 |
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(तमाशा) |
धन्या |
22 |
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अवशेची कविता बिविता.... |
फुंटी |
18 |
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गुंफता कवन हे |
वेल्लाभट |
6 |
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माझ्यात राहुन जगतात बाबा..! |
अजय जोशी |
11 |
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वारे जरासे गातील काही... |
अजय जोशी |
5 |
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सल आठवांचा... |
मूकवाचक |
4 |
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कामधेनु |
विवेकपटाईत |
5 |
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मुळीच नाही |
वेल्लाभट |
13 |
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अंगाई गीत |
आनंदमयी |
5 |
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तुझ्या अंगणी |
पद्मश्री चित्रे |
11 |
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गोविंदा आहे.....म्हणूनच |
वेल्लाभट |
13 |
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बाबूंचे अच्छे दिन आले |
विवेकपटाईत |
9 |
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मग कधीतरी |
मित्रहो |
4 |
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एक लाडीक कविता |
रामदास |
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अडगळीतल्या काही कविता. |
रामदास |
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दोन अश्रू आणि एक सलाम..! |
अजय जोशी |
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पैसा येतो आणिक जातो |
गंगाधर मुटे |
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प्रेमाची कहाणी |
माम्लेदारचा पन्खा |
7 |