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बाबा |
kalpana joshi |
4 |
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<पिवून हय क्यु?> |
विजुभाऊ |
18 |
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गुलाब |
kalpana joshi |
3 |
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ज्योती |
kalpana joshi |
0 |
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पुन्हा अनोळखी होऊ .... !! |
psajid |
7 |
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मनकवडी |
अज्ञातकुल |
5 |
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तुही नाही मीही नाही …………. !!! |
फिझा |
5 |
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एक आगळी वेगळी पाऊस कविता |
जुईचे फूल |
11 |
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मला झोप हवी |
वैभव कुलकर्नि |
1 |
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असणे नसणे |
अज्ञातकुल |
13 |
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.....आणि बाकी शून्यात ...........!! |
psajid |
6 |
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आहे!? |
पाषाणभेद |
10 |
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शोध माझ्यातला |
पाषाणभेद |
8 |
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डासाचे मनोगत |
भ ट क्या खे ड वा ला |
4 |
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प्रवासी |
सार्थबोध |
1 |
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संस्कृती |
सार्थबोध |
0 |
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रानपाखरं... |
psajid |
1 |
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क्षण |
स्वाती३५११ |
6 |
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(गड गड गड) |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
10 |
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न्याय |
स्वाती३५११ |
2 |
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फितुरी ( त्या सावळ्या तनुचे वर आधारीत ) |
स्वाती३५११ |
2 |
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ती... |
सार्थबोध |
1 |
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अथांग |
अज्ञातकुल |
0 |
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येथे तिरंगा विकला जातो'.......... |
जमीर इब्राहीम 'आझाद' |
34 |
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आजहि |
अज्ञातकुल |
0 |
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स्वकीय ? |
psajid |
0 |
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घाबरगुंडी |
ऋषिकेश |
13 |
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शत'शब्द शोधिताना...! |
अत्रुप्त आत्मा |
22 |
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किमया |
अज्ञातकुल |
0 |
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'दु:स्वास' |
psajid |
5 |
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विषय |
Bhagwanta Wayal |
0 |
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आव्हान |
आतिवास |
10 |
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एक चिऊ, गोजिरवाणी.. |
वेणू |
9 |
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वेदना |
सार्थबोध |
4 |
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स्वातंत्र्य |
सार्थबोध |
0 |
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चीन विश्वासपात्र नाही |
गंगाधर मुटे |
18 |
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अशी वाहने येती - ( विडंबन ) |
विदेश |
1 |
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या साध्या घरात माझ्या |
सार्थबोध |
8 |
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शिमगा |
अज्ञातकुल |
2 |
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सद्गदीत |
अज्ञातकुल |
4 |
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नजर |
राजा सोव्नी |
1 |
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वाटते मजला भिती - (गझल) |
विदेश |
3 |
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विरंगुळा |
अज्ञातकुल |
6 |
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काळा-गोरा |
सार्थबोध |
7 |
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(एका तळ्यात होती) |
मूकवाचक |
31 |
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मरण झाले स्वस्त |
Bhagwanta Wayal |
3 |
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पाणी लाऊन हजामत |
गंगाधर मुटे |
0 |
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तान्हुला |
Bhagwanta Wayal |
10 |
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रंजनभ्रमरी |
अज्ञातकुल |
1 |
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"गूढ" (बेडसे लेणी-एक गूढानुभव!) |
अत्रुप्त आत्मा |
45 |
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काही अठवणी...! |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
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कुंपणावरच्या मित्रांसाठी.... |
ऋषिकेश |
56 |
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रेषा आणि लढाया |
प्रसाद साळवी |
2 |
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स्वतःशी मी कधीतरी आडमुठा वागतो |
वैभव कुलकर्नि |
2 |
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रात्रीस उखाणा सुचला |
प्रसाद साळवी |
6 |
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एक प्रेमपत्र लिहले होते |
वैभव कुलकर्नि |
0 |
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बाकी काही नाही.............. माझी ८वन काढतंय कुणीतरी |
वैभव कुलकर्नि |
0 |
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" चिऊ चिऊ चिडकी - " (बालगीत) |
विदेश |
1 |
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" आरती कंत्राटदाराची - " |
विदेश |
1 |
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ऐक स्त्री जन्मा तुझी कहाणी.. |
टक्कू |
3 |
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अनेक ज्योती पेटवणारी, एक पणती मालवली होती |
सार्थबोध |
0 |
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मोठीशी आरोळी |
वैभव कुलकर्नि |
2 |
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पंढरीचा राया : अभंग |
गंगाधर मुटे |
6 |
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बाप.....उर्फ़ वडिल ....!!!!! |
DTPS |
3 |
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समर्पण |
सार्थबोध |
4 |
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पर्णोपर्णी |
सार्थबोध |
0 |
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नार्सिससचा स्वप्नदोष |
नगरीनिरंजन |
8 |
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राते- हिंदी रचना आणि भावानुवाद |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
10 |
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' ठोकळे ' |
drsunilahirrao |
0 |
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कृष्ण तो आतला ... |
आतिवास |
29 |