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नेहमीसारखेच - ३ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
5 |
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आलो असा मी नजरेत |
निनाव |
2 |
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पैलतीर ... |
विश्वेश |
1 |
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उठवू नका मज आता |
निनाव |
4 |
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मशाल क्रांतीची... |
अभिषेक९ |
6 |
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गण: देव गौरीनंदन आधी वंदुया |
पाषाणभेद |
3 |
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फुलपाखरु |
सद्दाम हुसैन |
6 |
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सर... |
झंम्प्या |
2 |
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स्त्री सूक्त |
योगप्रभू |
15 |
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स्त्री |
गणेशा |
4 |
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वाट तुझी पाहात |
निनाव |
4 |
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स्त्री सूक्त |
योगप्रभू |
0 |
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श्रीशिवरायाचा जयकार |
जातीवंत भटका |
6 |
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शरण... |
विश्वेश |
2 |
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नको बोलु बाबा काही |
गणेशा |
6 |
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मी घर बदललंय ... |
विश्वेश |
6 |
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नेहमीसारखेच - २ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
3 |
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श्वानमित्र...एक हास्यकविता.????? |
कानडाऊ योगेशु |
5 |
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ते क्षण जे त्यानं दिले |
निनाव |
4 |
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अन्तर्नाद |
पूनम १ |
2 |
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हरवली पोर माझी कविता नावाची ! |
गणेशा |
13 |
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(कसं काय टार्या बरं हाय का?) |
अवलिया |
17 |
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((मालवून टाक दीप)) |
बट्ट्याबोळ |
3 |
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अमेरिका |
साबुदाणा खिचडी |
10 |
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सोनेरी पानं |
निनाव |
3 |
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मुन्ना बदनाम हुआ.. |
अरुण मनोहर |
13 |
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नावं |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
19 |
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जरी वाटेल माझे बोलणे (गझल) |
अजय जोशी |
9 |
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पाहून सयीला माझ्या.... |
झंम्प्या |
3 |
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देवद्वार छंद |
धोंडोपंत |
38 |
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त्रिवेणी - पहीला प्रयत्न |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
12 |
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कां? |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
8 |
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मृत्युशय्येवर .... |
विश्वेश |
3 |
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देवा ... |
विश्वेश |
2 |
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मिपाची हालहवाल.. |
परिकथेतील राजकुमार |
42 |
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सराईत |
अर्धवट |
10 |
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घेतली ओठात आम्ही |
परिकथेतील राजकुमार |
6 |
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घेतली मिठीत आम्ही |
पुष्कराज |
2 |
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मज आठवता मग |
निनाव |
3 |
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समर्थ रामदासांनी वन-बागा निर्मितीसाठी केलेले काव्य... |
शशिकांत ओक |
9 |
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फुलपाखरू |
अरुण मनोहर |
2 |
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जिद्द जगण्याची |
निनाव |
2 |
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गाभार्यातील शिव शंभो ..!! |
प्रकाश१११ |
9 |
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ते झाड.. |
निनाव |
3 |
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हरवलेली डायरी... |
निनाव |
8 |
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बाराची गाडीबी गेली |
पाषाणभेद |
2 |
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मज काय भाळी उमगेना ... |
विश्वेश |
2 |
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सुंदर हसली गालावर खळी |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
9 |
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माझी गाव भेट |
निनाव |
6 |
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वेध |
गुड्डु |
4 |
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मज काय भाळी उमगेना ... |
विश्वेश |
0 |
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साम्य |
चित्रा |
10 |
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गंध मायेचे.. |
मेघवेडा |
29 |
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परतीचा प्रवास ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
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आजकाल मुलाचा मुक्काम फेसबुकवर असतो ..!! |
प्रकाश१११ |
10 |
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त्याच्या पासपोर्ट साईझ फोटोचा नकाशा ..!! |
प्रकाश१११ |
9 |
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अंतर |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
19 |
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मजनु आणि बाग... |
चिगो |
2 |
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समुद्र किनारा आणि मी.. |
निनाव |
2 |
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उजाडलेच नाही आज... |
निनाव |
2 |
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चरित्र-मंथन |
दैत्य |
5 |
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इनो संपल्या नन्तर ..... |
विजुभाऊ |
5 |
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...अस्तित्व माझे |
गणेशा |
7 |
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"*जग साल्या जग" |
जगप्रवासी |
1 |
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सुकलेल्या मातीवर... |
निनाव |
6 |
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मावळला तो तारा... |
निनाव |
3 |
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समजत नाही.. |
गवि |
9 |
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जाग!! |
निनाव |
1 |
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खारूताई, खारूताई ! |
विदेश |
6 |
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मला काय त्याचे, मला काय त्याचे |
पाषाणभेद |
2 |