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रेशमाच्या गाठी |
पूनम १ |
4 |
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सार्या जातींना खड्यात जावूद्या |
पाषाणभेद |
5 |
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तुला कसली रे एवढी घाई ? |
विश्वेश |
5 |
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कान्हा |
कोमल |
3 |
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पुन्हा एकदा वर्जेश सोळंकी |
मुक्तसुनीत |
12 |
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ते अलवार नाजूक,तरल क्षण.... !! |
प्रकाश१११ |
6 |
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माझे आजुसचा नंगोट |
आगरी बाणा |
8 |
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तरीही लिहा.. |
फ्रॅक्चर बंड्या |
6 |
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मैत्री... |
कोमल |
8 |
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घुबडाच्या मागे लागले कावळे हजार ...!! |
प्रकाश१११ |
3 |
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अमेरीकन भ्रमनिरास |
गणेशा |
19 |
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किती दिवस झाले माहेराला गेले नाही |
पाषाणभेद |
6 |
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<परततीचाच प्रवास> |
विजुभाऊ |
4 |
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एक घर विकत घ्यायचे आहे ..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
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' सुखाचा ठेवा -' |
विदेश |
5 |
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मुक्तता |
अभिषेक९ |
1 |
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(पारावरचं आत्मचरित्र) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
26 |
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याहो याहो पाव्हणं तुम्ही |
पाषाणभेद |
1 |
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एकच प्याला आज रिता झाला-भाग ४ |
मनराव |
2 |
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(पाठीखालच्या भागावर ) |
अडगळ |
9 |
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आकाशातील मी घन काळा |
गणेशा |
4 |
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दारासमोरचा रस्ता |
अवलिया |
25 |
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मैत्रीचे गणित - |
विदेश |
3 |
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'च' |
नाहिद नालबंद |
11 |
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तोतयांची, फक्त... |
अजय जोशी |
6 |
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<< प्रेमदिनाच्या खस्ता >> |
सुहास.. |
23 |
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मी माझ्यात बंद ....!! |
प्रकाश१११ |
3 |
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एकच प्याला आज रिता झाला-भाग ३ |
मनराव |
1 |
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हे कवितेचे झाड....!! |
प्रकाश१११ |
5 |
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मुलीची आई |
शुचि |
15 |
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स्वप्न बघायला हरकत काय ..!! |
प्रकाश१११ |
6 |
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न लगे कोठे, शोधे तुज माझे मन |
एकमाणुस |
0 |
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प्रतिक्रीया.. की अवांतर?? |
परिकथेतील राजकुमार |
25 |
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दैव आज हरवले! |
स्वैर परी |
8 |
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एकच प्याला आज रिता झाला- भाग २ |
मनराव |
4 |
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अन्तर्यात्रा |
मूकवाचक |
9 |
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अंतर्नाद |
दत्ता काळे |
4 |
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आठवण...( की विसर??) |
हरिप्रिया_ |
3 |
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एकच प्याला आज रिता झाला-भाग १ |
मनराव |
5 |
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फक्त मिसळपावमुळे |
अनिल आपटे |
8 |
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माता ही घाबरी --- |
विदेश |
9 |
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वाटंतं.... |
झंम्प्या |
7 |
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गच्च मिठी शहारलेली |
गणेशा |
7 |
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तेव्हाही तो पाऊस वेगळाच होता |
माझीही शॅम्पेन |
4 |
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एक खिडकी , एक मुलगी |
माझीही शॅम्पेन |
14 |
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जुने वाडे जमीनदोस्त ..!! |
प्रकाश१११ |
3 |
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कट्टी अलमट्टीशी |
शरदिनी |
14 |
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महाराष्ट्र्गीत |
पिनुपवार |
5 |
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लफंगा भूंगा |
श्रीकृष्ण सामंत |
3 |
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यांच असं का होतं ते कळतं नाही ... विचारवंताना समर्पित ! |
छोटा डॉन |
35 |
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आजकाल कावळ्याचे खिडकीवर बसून ...!! |
प्रकाश१११ |
5 |
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कर्तव्यनिष्ठ दधीचीचा कर्मदरिद्री अस्थिभंग |
शरदिनी |
37 |
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गझल |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
19 |
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राख होऊन मेला : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
10 |
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वॅलेंटाईन भेट प्रवास |
गणेशा |
8 |
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कविता का सुचली ... |
अभिषेक९ |
2 |
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कसे दिवस मस्त होते ...!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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नभी उठतो बुलंद आवाज मराठीचा |
गणेशा |
5 |
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चला दोस्तहो सैपाकावर खर्डू काही ! |
केशवसुमार |
23 |
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पण...बंड करणार नाही... |
अमोल देशमुख |
4 |
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पुढार्या,तू मंञी होणार ! |
विदेश |
2 |
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कसा घट्ट आपलेपणा ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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माझा देश ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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दु:ख आता फार झाले |
गंगाधर मुटे |
5 |
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बायका |
नाहिद नालबंद |
12 |
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कारण लग्न करुन तु सासरी गेली आहेस ... |
गणेशा |
5 |
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शाळेतले झुरळ |
अमित करकरे |
6 |
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डासाचे गाणे |
अमित करकरे |
3 |
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कसे उदास नि बेचव वाटते हे आयुष्य ..!! |
प्रकाश१११ |
6 |
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चंद्रावरती बांधलाय बंगला ..!! |
प्रकाश१११ |
5 |