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हायकू - |
विदेश |
2 |
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अवनी |
अज्ञातकुल |
1 |
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१ प्रश्न |
वैभव कुलकर्नि |
4 |
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" धन्य आज दर्शनाने तुझ्या -" |
विदेश |
0 |
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" हे असे चालायचेच!! " |
निनाव |
2 |
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भिंत |
drsunilahirrao |
2 |
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कधीतरी |
वेल्लाभट |
6 |
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सासर-पण-माहेर |
Bhagwanta Wayal |
4 |
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~देवा आता हार मान तू~ |
वैभव कुलकर्नि |
2 |
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झालंया सगळ येगळ आता .. |
वैभव कुलकर्नि |
4 |
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गजलेचा अनुवाद |
अज्ञातकुल |
6 |
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मांजर, हत्ती, कुत्रा कि चिमणी? |
निनाव |
1 |
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पाऊस |
पद्मश्री चित्रे |
15 |
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शब्द शब्द |
अज्ञातकुल |
4 |
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आकाश |
drsunilahirrao |
2 |
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एक सूफी गीत ... |
मूकवाचक |
6 |
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माया ही पात्तळ-१"बेशर्त स्वीकृती" |
अत्रुप्त आत्मा |
36 |
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" बया आज माझी नसे वात द्याया .." |
विदेश |
11 |
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ग बाई तुन्ह नाव शे सुपडाबाई |
पाषाणभेद |
16 |
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शेवटी कळले आयुष्य न उलघडणारे कोडे आहे........ |
वैभव कुलकर्नि |
7 |
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" आम्ही वारकरी, निघालो पंढरपुरी - " |
विदेश |
1 |
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चारोळी |
राजा सोव्नी |
2 |
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आधीन |
अज्ञातकुल |
14 |
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...शब्द काही |
वेल्लाभट |
10 |
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दुष्काळाच्या मरणकळा |
वैभव कुलकर्नि |
3 |
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देवा आता हार मान तू |
वैभव कुलकर्नि |
1 |
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जिंदगी जम चुकी है अब |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
26 |
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चारोळी... |
रसिका तिलेकर |
1 |
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न ठहरे किसी मंजिल पर शब होने तक |
निनाव |
13 |
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साला एक प्याला , साला एक प्याला |
वैभव कुलकर्नि |
1 |
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माझी पहिली कविता |
रसिका तिलेकर |
29 |
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माझे ऑफिस |
Bhagwanta Wayal |
10 |
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शब्दबेवडा |
गंगाधर मुटे |
8 |
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प्रतिबिंब |
निनाव |
7 |
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नशिब!!! |
अत्रुप्त आत्मा |
21 |
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उंदीर मांजराचा खाऊ |
पाषाणभेद |
16 |
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बाळूचे स्वप्न - (बाल कविता) |
विदेश |
4 |
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युग |
drsunilahirrao |
4 |
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मेंदू |
drsunilahirrao |
2 |
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सुप्त |
अज्ञातकुल |
6 |
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सरकारी नोकर |
Bhagwanta Wayal |
7 |
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श्राद्ध |
drsunilahirrao |
8 |
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'ती' एक बातमी!! |
निनाव |
7 |
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आडदांड पाऊस |
गंगाधर मुटे |
4 |
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"शिवराय" |
अनिल तापकीर |
10 |
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हे विहगांनो |
अज्ञातकुल |
2 |
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...हे असचं आहे |
दिपक.कुवेत |
9 |
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ब्रुटसची खंजीर |
विवेकपटाईत |
3 |
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भांडार हुंदक्यांचे....! |
गंगाधर मुटे |
2 |
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लाचार शेत झाले |
गंगाधर मुटे |
1 |
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शकुनगंध |
अज्ञातकुल |
1 |
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नभईर्षा |
अज्ञातकुल |
6 |
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हुलकडूबी नाव |
गंगाधर मुटे |
1 |
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मेघावळ.... |
अज्ञातकुल |
1 |
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उंदीर मांजराचा खाऊ |
पाषाणभेद |
0 |
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पहिला पाऊस |
तुमचा अभिषेक |
18 |
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जीव |
drsunilahirrao |
10 |
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जय परशुराम...जय वामन!!! |
अत्रुप्त आत्मा |
122 |
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एकविसाव्या शतकातली कहाणी |
कोमल |
14 |
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' रक्तरेषा ' |
drsunilahirrao |
16 |
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कार्या लयात असताना.... ;) |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
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आत्महत्या बळीच्या तू रोख वामना |
गंगाधर मुटे |
62 |
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सत्तेसाठी कायपण |
Bhagwanta Wayal |
2 |
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कविच्या आत ... |
अलोककुमार |
6 |
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शुभ मंगल सावधान … |
भावना कल्लोळ |
13 |
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पूल |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
15 |
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माझ्या पूण्याच्या भूमीत |
कोमल |
27 |
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प्रवास वेगळाच घडला… |
मनिष |
9 |
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दारु पुराण |
Bhagwanta Wayal |
14 |
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सासर्या व्यथा |
Bhagwanta Wayal |
3 |