प्रेम करुन करुन दमावं |
चिन्ट् |
15 |
वडा पाव रे........!!! |
गोल्या |
27 |
जन्म घेतला तेव्हाच....!! |
गोल्या |
7 |
पुन्हा एकदा दमामि म्हणे … |
दमामि |
42 |
जगावेगळे... ! |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
वाट |
अनिल रामेश्वर लांडे |
0 |
आळी मिळी गुप चिळी! |
सटक |
18 |
इतकाच अर्थ आता जगण्यास माणसाच्या |
विशाल कुलकर्णी |
28 |
प्रेम |
Hrushikesh Marathe |
11 |
ती आणि मी |
गरजू पाटिल. |
2 |
(नवमि)पाखरास...अर्थात दमामि म्हणे ! |
दमामि |
108 |
भावनेचा वेग |
यल्लप्पा सट्वजी... |
1 |
गावाकडची जुनाट आज्जी ..... |
चुकलामाकला |
38 |
तहानलेली वसुंधरा |
यल्लप्पा सट्वजी... |
1 |
आई हिंदवी स्वराज्य स्थापू दे ! |
ganeshpavale |
2 |
तुझं प्रेम |
ganeshpavale |
0 |
मैत्रीच्या थोडं पलीकडे.. प्रेमाच्या थोडं अलीकडे...! |
Hrushikesh Marathe |
27 |
विसावा. |
अशोक गोडबोले |
11 |
(रेडा म्हणे वडाला) |
सूड |
40 |
अजुनी दूर किनारे |
अर्व |
7 |
'कविता' म्हणजे काय वेगळे |
विदेश |
7 |
'लुच्चे दिन' आले : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
17 |
भोगदासी........ |
एक एकटा एकटाच |
18 |
वड बोलला यमाला |
क्रान्ति |
49 |
अनमोल ते सारे... |
ganeshpavale |
2 |
पिंपळ |
पथिक |
5 |
मॉडर्न अभंगवाणी |
विनीत संखे |
12 |
जंगल पूर्वीचे आज महानगर झाले |
विवेकपटाईत |
0 |
आभाळाच्या मांडवाला भुई ची रे हाक |
गणेशा |
2 |
एक केवळ बाप तो |
गंगाधर मुटे |
1 |
शत, शत कोटि मुजरा करितो |
ganeshpavale |
1 |
"भयग्रस्त जाहलो आहे भयमुक्त जाहलो आहे " |
कैलास गायकवाड |
15 |
ऐसा भूमीवरी कोणी नाही झाला |
ganeshpavale |
0 |
शिववंदना |
ganeshpavale |
0 |
छावा |
ganeshpavale |
0 |
वरूणराजाचे आगमन |
यल्लप्पा सट्वजी... |
0 |
मनात माझ्या |
विदेश |
2 |
चित्रकार पिंटू [बालकविता] |
विदेश |
4 |
अनमोल ते सारे |
ganeshpavale |
2 |
किणारा अन् लाट |
यल्लप्पा सट्वजी... |
27 |
स्मायली जीवन माझे |
अत्रुप्त आत्मा |
29 |
चिंब |
अर्व |
12 |
मलाही कविता सुचली |
दमामि |
29 |
बाटली आणि दारू..... |
माम्लेदारचा पन्खा |
10 |
प्रेम |
परी१२३४५ |
12 |
आजारपण |
यल्लप्पा सट्वजी... |
11 |
न न न कविता |
विवेकपटाईत |
18 |
मुठठा माई (विडंबन) |
गरजू पाटिल. |
6 |
रेल्वे पोलीस |
यल्लप्पा सट्वजी... |
12 |
विरहणी आणि वीज |
विवेकपटाईत |
1 |
सुट्टी म्हणजे -[बालकविता] |
विदेश |
3 |
बरेच दिवस झाले, ट्रेक झाला नाही |
वेल्लाभट |
10 |
कुणी जाल का |
मित्रहो |
5 |
कल्चर इट स्त्राटेजी फॉर ब्रेकफास्ट |
पगला गजोधर |
12 |
अमराईतला निवडुंग, |
ज्ञानोबाचे पैजार |
14 |
२. नको बोलु बाबा काही |
गणेशा |
15 |
छोटू सरदार- (बालकविता) |
विदेश |
8 |
करार |
ज्ञानोबाचे पैजार |
6 |
रातीत लाज ओली |
अर्व |
27 |
आई..... |
गणेशा |
7 |
गॅलरीतला पालापाचोळा |
शिव कन्या |
2 |
पिंक जिव्हारी गर्दुल्ल्याचे नकादु चेण्यापका सके |
शरदिनी |
40 |
असतेस घरी तू जेव्हा...(विडंबन ) |
Vimodak |
2 |
डुडुळगावचा गोलंदाज |
शरदिनी |
60 |
कारुण्याशा |
शरदिनी |
37 |
मालगाड़ी |
Vimodak |
20 |
क्षितिज-कुंपण |
Vimodak |
10 |
'माझा' अभिप्राय |
प्रसाद गोडबोले |
12 |
कविता - हापूस |
वेल्लाभट |
24 |
अंध चित्र |
शब्दानुज |
9 |