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दाहीरची यमदिक्षा |
पालीचा खंडोबा १ |
40 |
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क्षणो क्षणी |
विश्वव्यापी |
4 |
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"चक्रव्यूह" |
भानिम |
2 |
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कॅलरी |
दमामि |
10 |
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स्वप्न सुंदर |
माहीराज |
4 |
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देव म्हणावे कोणाला ? |
मयुरMK |
17 |
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एक कविता मनाची....... |
मयुरMK |
10 |
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मी तुझा |
माहीराज |
12 |
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एक साधी सरळ प्रेम कहाणी |
अविनाशकुलकर्णी |
6 |
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गाईन मीच गाणी, गर्दभ नका म्हणू... |
विशाल कुलकर्णी |
24 |
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चाललो मी आता टॅम्पोत बसुनी |
जव्हेरगंज |
4 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
16 |
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शोध |
मयुरMK |
13 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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आला आला जिलबीवाला |
स्वामी संकेतानंद |
0 |
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जगणं |
माहीराज |
2 |
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कवितांजली |
मयुरMK |
4 |
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संस्कृती |
स्वामी संकेतानंद |
17 |
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जराशी............. |
एक एकटा एकटाच |
16 |
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भयंकररस:२ |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
1 |
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जास्त नाही.. |
रातराणी |
33 |
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दौलतजादा |
जव्हेरगंज |
3 |
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उद्दाम |
विशाल कुलकर्णी |
18 |
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२ कविता |
अविनाशकुलकर्णी |
12 |
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शौ(चौ) र्यनिखारे |
मोगा |
13 |
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दिपज्योती |
माहीराज |
2 |
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लवंगी काव्यचोर |
खटासि खट |
17 |
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ICU- २ |
स्वामी संकेतानंद |
7 |
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जमेल तितकं सांग... |
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0 |
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धागा वाढेना ,धागा चालेना |
पाटीलअमित |
102 |
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अस्तनीतले पत्रनिखारे |
मंदार दिलीप जोशी |
28 |
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कै च्या कै कविता ... |
विशाल कुलकर्णी |
7 |
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सांज प्रहरी |
तिमा |
2 |
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बाला |
चांदणे संदीप |
21 |
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धुसरिका - व्युत्क्रम |
जातवेद |
75 |
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जेव्हा जेव्हा कांदा कापला जातो |
जव्हेरगंज |
11 |
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तिथली दिवाळी..... |
शिव कन्या |
5 |
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आईनस्टाईनने माझा स्टोव्ह पळवला |
खटासि खट |
51 |
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मनाच्या आकाशवाणी केंद्रावरून ! |
शिव कन्या |
22 |
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ती येणार म्हणून ...... |
दत्ताभाऊ गोंदीकर |
4 |
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नवकविता - ट्रॅफिक जॅम |
वेल्लाभट |
10 |
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कवितेवर केलेली कविता (विडंबन) |
दमामि |
46 |
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असे कधी घडत नसते! |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
1 |
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एक माणूस बनेल काढून.................. |
पगला गजोधर |
15 |
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भय इथले संपत नाही..... |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
4 |
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चारोळी |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
8 |
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माझ्या मराठीचा बोल |
वेल्लाभट |
13 |
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कार्यकर्ता |
आनंद कांबीकर |
6 |
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भयंकररस:१ |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
3 |
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हाक |
मंदार दिलीप जोशी |
12 |
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शब्द गोठून गेले अर्थाविन ............ |
एकप्रवासी |
3 |
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कवितेवर केलेली कविता |
निलम बुचडे |
34 |
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केस विस्कटलेले, ओघळले काजळ गाली |
अविनाशकुलकर्णी |
15 |
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कौतुक |
विशाल कुलकर्णी |
18 |
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अरसिक? |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
7 |
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कंपूबाजी |
घाटावरचे भट |
57 |
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आई......... |
एकप्रवासी |
7 |
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"माझ्या सोलापुरी मातीत..." |
विशाल कुलकर्णी |
25 |
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तुझ्याशिवाय... |
निलम बुचडे |
7 |
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तिची साधीशी कविता |
प्रसाद गोडबोले |
30 |
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बारिश की मेमरी |
महासंग्राम |
19 |
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तिची कविता |
निलम बुचडे |
4 |
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काल दुपारी.... |
जव्हेरगंज |
2 |
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मायें... |
आनंद कांबीकर |
8 |