| 
            होळी आणि गटारी (विडंबन)           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            20            | 
              
          
                  | 
            करवाचौथ आणी संकष्टी चतुर्थी           | 
                  
            महासंग्राम           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            लाजाळू नि गुलाब           | 
                  
            चांदणे संदीप           | 
                  
            6            | 
              
          
                  | 
            फुल सांगे काट्याला  ………            | 
                  
            एकप्रवासी           | 
                  
            1            | 
              
          
                  | 
            ।। बरे झाले स्वातंत्र्य मिळाले ।।           | 
                  
            सचिन जाधव           | 
                  
            11            | 
              
          
                  | 
            विठ्ठलाला पिणारा पाहिजे..!           | 
                  
            गंगाधर मुटे           | 
                  
            73            | 
              
          
                  | 
            पालखी           | 
                  
            चैतन्य दीक्षित           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            कुणाच्यापुढे कोण झुकले बघा रे           | 
                  
            वेल्लाभट           | 
                  
            31            | 
              
          
                  | 
            जिंदगी ना मिलेगी दोबारा - जावेद अख्तर भावानुवाद           | 
                  
            अजब           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            एक पहाट गावाकडची  ………            | 
                  
            एकप्रवासी           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            माझी शायरी            | 
                  
            एस.योगी           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            रक्त पिपासू            | 
                  
            अरुण मनोहर           | 
                  
            4            | 
              
          
                  | 
            माळी पुनेव           | 
                  
            ऊध्दव गावंडे           | 
                  
            26            | 
              
          
                  | 
            अगा लेखकांनो           | 
                  
            सन्जोप राव           | 
                  
            85            | 
              
          
                  | 
            नात्याला अर्थ पुरेसा.....           | 
                  
            चुकलामाकला           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            श्रद्धाळु           | 
                  
            आनंद कांबीकर           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            ऎसा खत में लिखो           | 
                  
            पंकज           | 
                  
            24            | 
              
          
                  | 
            द गडू शेट द गडू शेट ......:)           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            34            | 
              
          
                  | 
            पाण्याचे जगने           | 
                  
            आनंद कांबीकर           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            नागाला दुध पाजण्याची  आहे आपली  रिती           | 
                  
            विवेकपटाईत           | 
                  
            28            | 
              
          
                  | 
            तू कुणाचा...           | 
                  
            आनंदमयी           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            तेव्हा तू कुठं होता?           | 
                  
            नगरीनिरंजन           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            बालपण            | 
                  
            एकप्रवासी           | 
                  
            0            | 
              
          
                  | 
            मिटण्याचा हव्यास    (विडंबन)           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            112            | 
              
          
                  | 
            चापण्याचा हव्यास            | 
                  
            अरुण मनोहर           | 
                  
            11            | 
              
          
                  | 
            मिमीक्री करुनी भाषण देतो कुणी           | 
                  
            बाजीगर           | 
                  
            4            | 
              
          
                  | 
            “रावणदहनाच्या” हार्दिक शुभेच्छा...!           | 
                  
            गंगाधर मुटे           | 
                  
            10            | 
              
          
                  | 
            सेहेवागी पोवाडा           | 
                  
            अत्रुप्त आत्मा           | 
                  
            63            | 
              
          
                  | 
            तुझ्या आठवणीत. ..           | 
                  
            माहीराज           | 
                  
            1            | 
              
          
                  | 
            शब्दात नाही गुंतायचं!           | 
                  
            ज्योति अळवणी           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            चारचा चहा           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            21            | 
              
          
                  | 
            चालत राहू......           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            21            | 
              
          
                  | 
            चकती वाचे           | 
                  
            निनाद           | 
                  
            17            | 
              
          
                  | 
            भुकेल वासरू            | 
                  
            माहीराज           | 
                  
            16            | 
              
          
                  | 
            मन आंब्याचा मोहोर....!           | 
                  
            प्राजु           | 
                  
            53            | 
              
          
                  | 
            ..अळणी..           | 
                  
            कानडाऊ योगेशु           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            मिसळपावातील भय            | 
                  
            पाटीलअमित           | 
                  
            32            | 
              
          
                  | 
            मळली तर वाळवा           | 
                  
            पगला गजोधर           | 
                  
            8            | 
              
          
                  | 
            कळली तर कळवा           | 
                  
            गंगाधर मुटे           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            <<< आवडून घेतलेलं काही... >>>           | 
                  
            प्यारे१           | 
                  
            18            | 
              
          
                  | 
            "हाय"कू           | 
                  
            नाखु           | 
                  
            50            | 
              
          
                  | 
            माझा गांव..           | 
                  
            आनंद कांबीकर           | 
                  
            8            | 
              
          
                  | 
            पटली तर पळवा           | 
                  
            पाटीलअमित           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            (माझी) जाssssssssssssssssssड बाईल           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            17            | 
              
          
                  | 
            मी असा त्या बासरीचा सूर होतो           | 
                  
            बाजीगर           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            ग़म इक चिठ्ठी जिसमें ख़ुशियों का सन्देश           | 
                  
            बाजीगर           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            सोडल्य दह्यात मिश्या ( करून दाखवले )           | 
                  
            पाटीलअमित           | 
                  
            25            | 
              
          
                  | 
            शब्द           | 
                  
            नीलमोहर           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            सहाचा वडा           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            22            | 
              
          
                  | 
            ( बाराची बिअर )           | 
                  
            पगला गजोधर           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            ती           | 
                  
            शीतल जोशी           | 
                  
            4            | 
              
          
                  | 
            एकाकी           | 
                  
            सुमित_सौन्देकर           | 
                  
            11            | 
              
          
                  | 
            क्रूड ऑईल...           | 
                  
            अत्रुप्त आत्मा           | 
                  
            102            | 
              
          
                  | 
            माणसांना पालवी नाही ..           | 
                  
            drsunilahirrao           | 
                  
            17            | 
              
          
                  | 
            ठिकऱ्या           | 
                  
            जव्हेरगंज           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            नका घेऊ गळफास           | 
                  
            गंगाधर मुटे           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            कविता            | 
                  
            समीर_happy go lucky           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            नटरंग           | 
                  
            एच्टूओ           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            नाते           | 
                  
            अमेय६३७७           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            माझे आकाश...           | 
                  
            बन्या बापु           | 
                  
            6            | 
              
          
                  | 
            अव्यक्त            | 
                  
            रातराणी           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            माणूस           | 
                  
            सुमित_सौन्देकर           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            देवाचा 'सुपर कंप्युटर'           | 
                  
            समीर_happy go lucky           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            उशीर फार झाला. .           | 
                  
            माहीराज           | 
                  
            1            | 
              
          
                  | 
             दुष्काळ वणवा           | 
                  
            माहीराज           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            विकावी म्हणतोय लुना…           | 
                  
            चुकलामाकला           | 
                  
            75            | 
              
          
                  | 
            सुखद श्रावणसरी           | 
                  
            माहीराज           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            माहेराची आटवण येई           | 
                  
            पाषाणभेद           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            माझ्या कविता            | 
                  
            माहीराज           | 
                  
            1            | 
              
          
                  | 
            एक होती रातराणी            | 
                  
            रातराणी           | 
                  
            22            |