सोने की चिड़ियां |
संदीप डांगे |
7 |
डॉलर |
अविनाश लोंढे. |
2 |
तेच ते |
मित्रहो |
3 |
एकटेपणाच्या कविता |
पालीचा खंडोबा १ |
7 |
बुधवारच्या कविता |
llपुण्याचे पेशवेll |
68 |
ऋण |
यशोधरा |
33 |
दुलई |
सुमेध रानडे |
11 |
प्रपोजल् |
बेसनलाडू |
23 |
Celebration |
पालीचा खंडोबा १ |
10 |
तुझे मजवरी भाळणे ते अवेळी |
विशाल कुलकर्णी |
36 |
(तुझे पाशवी बोलणे ते अवेळी) |
चतुरंग |
29 |
'माझा' 'मी' 'मी' 'मी' चा पाढा, आजपण तू ऐकशील का..? |
मोदक |
165 |
खिशात किती नोटा आहेत जमा ? |
मयुरMK |
10 |
निवले तुफान आता |
गंगाधर मुटे |
18 |
वऱ्हाडी लोकगीत -उचाट नागोबुढा |
श्रीरंग_जोशी |
12 |
पाहीलं मी तुला |
माहीराज |
0 |
कविता |
शैलेन्द्र |
29 |
लकेरी |
पालीचा खंडोबा १ |
1 |
पाऊस कालचा |
gsjendra |
0 |
कुंपणापलीकडली हुरहूर |
पालीचा खंडोबा १ |
5 |
.बनलेही असते राधा, मज कृष्ण भेटला नाही .. |
प्राची अश्विनी |
91 |
अन् मलाही! |
चांदणे संदीप |
7 |
आता घे आवरते सारे |
पालीचा खंडोबा १ |
13 |
ती खोली |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
55 |
मुहाजिर् नामा |
अश्फाक |
10 |
संक्रांत |
सुधीर वैद्य |
0 |
शेवटी संपन्न हा वनवास झाला.. |
drsunilahirrao |
8 |
ज्यू असण्याचे जोखड |
पालीचा खंडोबा १ |
9 |
जोडी |
मयुरMK |
7 |
अंगणात बाप, दारात माय, |
ज्ञानोबाचे पैजार |
26 |
मराठीमधील आणि मिपावरील सर्वोत्कृष्ट कविता कोणत्या |
माहितगार |
57 |
अंतर |
अविनाश लोंढे. |
0 |
पश्मीना |
पालीचा खंडोबा १ |
11 |
पहिले विडंबन |
gsjendra |
6 |
गोमांस |
पालीचा खंडोबा १ |
4 |
concentration |
सुधीर वैद्य |
0 |
अमृतप्याला |
वेल्लाभट |
10 |
मैं तुझे फिर मिलूँगी- अमृता प्रीतम मुक्त अनुवाद |
महासंग्राम |
9 |
बायको गेली माहेरी.. |
अत्रुप्त आत्मा |
41 |
कीस बाप्या कीस, गाजर कीस |
विवेकपटाईत |
11 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
गजाननाचे वंदन गाऊ |
सुमेध रानडे |
2 |
'मी' च ! |
विशाल कुलकर्णी |
3 |
बाजीराव मस्तानी न पाहताच आलेले शहाणपण |
सप्तरंगी |
7 |
लानपन |
ऊध्दव गावंडे |
17 |
मी |
माहीराज |
0 |
"तू" |
पालीचा खंडोबा १ |
7 |
तुझ्या कळा माझ्या कळा |
मूखदूर्बळ |
3 |
तुझ्या नजरेचा बाण !! |
वपाडाव |
42 |
कुंकवाचा भार ना होतो कपाळी ... |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
कुठं कुठं जाऊ मी सांगायला? |
चांदणे संदीप |
5 |
माझी मस्तानी |
सौन्दर्य |
18 |
अखेरची मानवंदना |
गंगाधर मुटे |
2 |
पुढाऱ्याचे प्रेम |
सप्तरंगी |
2 |
झाडांच्या सावलीत, राणीच्या बागेत, ... ... येताय ना ? ;) |
माहितगार |
0 |