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सुख |
चांदणे संदीप |
12 |
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|| बिर्याणीस्तोत्रम् || |
बॅटमॅन |
136 |
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< मिसळपावात... > |
नीलमोहर |
27 |
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गद्य-पद्य |
कवि मनाचा |
4 |
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माझा नातू [प्रौढ कविता] |
सुरवंट |
2 |
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सारे जहाँसे |
तिमा |
1 |
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निसर्गचक्र |
कवि मनाचा |
0 |
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वाढदिवस |
कवि मनाचा |
0 |
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जीवनसंगीत |
कवि मनाचा |
0 |
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विषय |
कवि मनाचा |
1 |
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जीवनशाळा |
कवि मनाचा |
2 |
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मी विलायती ‘नीट’ घेणे टाळतो |
ज्ञानोबाचे पैजार |
40 |
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नाही म्हणजे नाही |
कवि मनाचा |
1 |
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किसमिस |
लीलाधर |
56 |
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घरात जरा उदासच वाटलं |
अन्नू |
6 |
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पुण्यात... |
जव्हेरगंज |
29 |
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कधीतरी......... |
एक एकटा एकटाच |
9 |
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बालपण |
मीनादि |
7 |
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एकांत |
मीनादि |
0 |
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तू ये... |
सतिश गावडे |
42 |
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वळून नाही पाहिलंस ……! |
एकप्रवासी |
2 |
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मन.... |
लीलाधर |
17 |
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आम्हाला इंग्लिश येतंय |
वेल्लाभट |
42 |
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पाटी |
मीनादि |
0 |
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एक होते झुरळ |
खालीमुंडी पाताळधुंडी |
10 |
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पास ऑन |
ब्रिटिश |
40 |
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मराठी भाषा दिनानिमित्त |
शान्तिप्रिय |
2 |
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सासुरवाशीण |
मीनादि |
3 |
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ये ग गाई गोठ्यामध्ये |
खालीमुंडी पाताळधुंडी |
43 |
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बिलिंदर राणी |
विवेकपटाईत |
11 |
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हल्ली मेघ धुंदीत येऊ लागले कि.. |
निशांत_खाडे |
11 |
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एका शीघ्र कवीची शीघ्र कविता ! |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
36 |
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माझी कविता |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
21 |
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जिलब्या टाकतांना... ;-) |
अत्रुप्त आत्मा |
24 |
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आठवणी |
मीनादि |
4 |
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जर्जरी वार्धक्य माझे |
तिमा |
21 |
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रात्रीस भेळ चाले |
मूखदूर्बळ |
10 |
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शहरातुन गावाकडे...........! |
एकप्रवासी |
4 |
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पांढरा दिवस |
सुरवंट |
5 |
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तुम्हाला कोणत्या (प्रमाणेतर) मराठी बोलीभाषा येतात अथवा परिचय आहे? सोबत बोलीभाषांमधील शब्दार्थ चर्चा |
माहितगार |
29 |
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तू आणि मी |
प्रसाद_कुलकर्णी |
19 |
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(जालाचे भामटं) |
स्वामी संकेतानंद |
12 |
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शेपटा |
ANIRUDDHA JOSHI |
6 |
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(बाटा रुते कुणाला) |
स्वामी संकेतानंद |
38 |
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(अशी कबुतरे येती) |
स्वामी संकेतानंद |
7 |
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काटा हालेना, काटा चालेना |
बाजीप्रभू |
14 |
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एका कातरवेळी ………. |
एकप्रवासी |
13 |
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मोहब्बत.. |
विनायक पन्त |
15 |
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(महवांची गाळ फुले) |
स्वामी संकेतानंद |
6 |
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मेहबूब मेरे... |
विनायक पन्त |
18 |
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भिंतीपल्याड जग असतं... |
वेल्लाभट |
9 |
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कातरवेळ...... |
एक एकटा एकटाच |
4 |
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तृप्ती |
स्वामी संकेतानंद |
7 |
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खेकडा |
सुरवंट |
1 |
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आपल्याकडे बुवा असलेच काही तरी असते.. |
पिके से पिके तक.. |
3 |
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चाफा |
शिव कन्या |
18 |
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सांज वेडी रंगताना |
माहीराज |
14 |
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(एक विडंबन_व्हॅलेंटाईन डे) |
तर्राट जोकर |
12 |
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रात्र |
आनंदमयी |
14 |
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शब्दकोश |
सुचिकांत |
1 |
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अपूर्ण कविता ..... |
मयुरMK |
1 |
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मिपात जरा ऊदासच वाटलं... |
अभिदेश |
10 |
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अस्तित्वाची बोंब |
संदीप डांगे |
11 |
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एका कातरवेळी ………. |
एकप्रवासी |
0 |
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एका कातरवेळी ………. |
एकप्रवासी |
0 |
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एका कातरवेळी ………. |
एकप्रवासी |
0 |
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गुजरान |
हरिदास |
4 |
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धर्मासाठी........... |
एकप्रवासी |
9 |
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सावली |
राघव |
14 |
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पुण्यात जरा ऊदासच वाटलं |
जव्हेरगंज |
33 |