|
सांता क्लॉज |
अविनाशकुलकर्णी |
9 |
|
कोवळं वय |
अविनाशकुलकर्णी |
0 |
|
टेकडी आणि तो.......... |
एक एकटा एकटाच |
13 |
|
घेई छंद |
तिमा |
1 |
|
हुरहुर |
विशाल कुलकर्णी |
6 |
|
तुझी आठवण |
माहीराज |
5 |
|
आई |
पालीचा खंडोबा १ |
4 |
|
सॅचुरेशन पॉइंट |
विशाल कुलकर्णी |
35 |
|
आतातरी जाग |
पालीचा खंडोबा १ |
2 |
|
तुला मी आठवतो का गं? |
एक एकटा एकटाच |
27 |
|
एsssssssss...कटा..,चला सुटाsssssssssssss |
अत्रुप्त आत्मा |
49 |
|
गोंधळ |
नाखु |
54 |
|
पंचशील ..........संभोगाच्या अपूर्ण कथा |
पालीचा खंडोबा १ |
92 |
|
गॅलरीतला [तिसरा] पालापाचोळा |
शिव कन्या |
8 |
|
गॅलरीतला [दुसरा] पालापाचोळा |
शिव कन्या |
17 |
|
गॅलरीतला [हसरा] पालापाचोळा |
नाखु |
7 |
|
तगमग.... |
माम्लेदारचा पन्खा |
4 |
|
माह्या मायेचं कारटं |
जव्हेरगंज |
16 |
|
आत्मबंध.. |
अत्रुप्त आत्मा |
45 |
|
नास्तिक |
सुमित_सौन्देकर |
16 |
|
तुझ्या माझ्या वाटेवर..... |
सुमित_सौन्देकर |
9 |
|
रात्रीच्या निळ्याशार डोहात डुंबताना.... |
कविता१९७८ |
36 |
|
थांग या आयुष्याचा |
कविता१९७८ |
16 |
|
मिपावरी कोनाडा असावा..... |
दमामि |
42 |
|
काल पाहिली मी तिला...... |
एक एकटा एकटाच |
10 |
|
तिची एक आठवण....... |
एक एकटा एकटाच |
26 |
|
कादंबरी |
स्वामी संकेतानंद |
3 |
|
सावली |
संतोष तादंळे |
26 |
|
आत्मनिवेदन |
पालीचा खंडोबा १ |
4 |
|
वंशशोध |
पालीचा खंडोबा १ |
8 |
|
दूर तू दूर मी |
माहीराज |
6 |
|
चारोळ्या |
विश्वव्यापी |
2 |
|
अपरिचित! |
निनाव |
6 |
|
बंडुमामाची बंडुमामी |
पालीचा खंडोबा १ |
11 |
|
आली लहर केला कहर. |
अविनाशकुलकर्णी |
18 |
|
म्हणूनतर नाही ना चांदोबा निंबोणीमागे लपला ? |
माहितगार |
33 |
|
दुष्काळ - जिंकायाची आहे लढाई |
शार्दुल_हातोळकर |
7 |
|
बाबा तू चुकला रे |
मित्रहो |
19 |
|
मागे उभा मंगेश .... |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
|
लपंडाव |
माहीराज |
2 |
|
शिकार (गझल) |
शार्दुल_हातोळकर |
16 |
|
दिव्यचक्षु |
अभ्या.. |
24 |
|
मुमुक्षु |
नगरीनिरंजन |
10 |
|
ती धावली ...... (विडंबन) |
दमामि |
10 |
|
अरे या ना रे |
जव्हेरगंज |
6 |
|
नाटकांवरुन कविता |
रसायन |
35 |
|
पूल |
शरदिनी |
22 |
|
उत्सर्जन |
पालीचा खंडोबा १ |
6 |
|
टिटवी, म्हातारी आणि भुजंग |
पालीचा खंडोबा १ |
5 |
|
अंधार वेशी वरचे |
निनाव |
1 |
|
धुक्यात हरपले कुंचले |
पालीचा खंडोबा १ |
9 |
|
एका प्रेमाची गोष्ट |
विश्वव्यापी |
11 |
|
अस्थी |
अत्रुप्त आत्मा |
37 |
|
पुन्हा मुकाट पेरतोच स्वप्न अंगणात मी |
विशाल कुलकर्णी |
20 |
|
एल्गार स्वरांचा |
महासंग्राम |
5 |
|
नव्याने ... |
विशाल कुलकर्णी |
14 |
|
ती सावली |
संदीप डांगे |
9 |
|
नारी नारी (हिशम अब्बास) या गाण्याचं विडंबन |
वेल्लाभट |
0 |
|
| विस्थापित वेदना | |
पालीचा खंडोबा १ |
5 |
|
दमामिने माझी कविता पळवली |
जव्हेरगंज |
18 |
|
लंगोट तुझा ना राहिला, ना अस्थीही तुझ्या राहिल्या |
माहितगार |
10 |
|
गॅलरी ..... |
शिव कन्या |
14 |
|
'पावली' (विडंबन) |
DEADPOOL |
5 |
|
(जिलेबी कथा - लिहायचे नियम) |
चांदणे संदीप |
16 |
|
मावळत्या या संध्याकाळी .... |
सत्य धर्म |
0 |
|
( सासुची व्य्था ) |
जेनी... |
19 |
|
करवाचौथ |
महासंग्राम |
7 |
|
आतातरी............ |
एक एकटा एकटाच |
15 |
|
यार |
पालीचा खंडोबा १ |
21 |
|
गिलोटिन |
पालीचा खंडोबा १ |
8 |