| 
            विखुरलेलं चांदणं           | 
                  
            रातराणी           | 
                  
            20            | 
              
          
                  | 
            ।।गंगास्मरण।। ( अर्थात राम तेरी गंगा मैली)           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            54            | 
              
          
                  | 
            दयेच्या छावण्या           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            श्रावण सर           | 
                  
            अविनाशकुलकर्णी           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            स्पर्श            | 
                  
            ज्योति अळवणी           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            ll गंगास्मरण ll           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            38            | 
              
          
                  | 
            एक कविता_व्हॅलेंटाईन डे           | 
                  
            चिमणराव वरवंटे ...           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            "बाई गेली"           | 
                  
            अमेय६३७७           | 
                  
            51            | 
              
          
                  | 
            अंबाडा           | 
                  
            चांदणे संदीप           | 
                  
            45            | 
              
          
                  | 
            प्रतिसाद, वाद वगैरे....           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            28            | 
              
          
                  | 
            नका हसु.           | 
                  
            अविनाशकुलकर्णी           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            पराजित योद्धा           | 
                  
            विवेकपटाईत           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            आठवण...           | 
                  
            सतिश गावडे           | 
                  
            22            | 
              
          
                  | 
            गांधीजयंती निमित्त गझल           | 
                  
            चिमणराव वरवंटे ...           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            जुळयांचे नव्हे जुळ(व्)लेले दुखणे           | 
                  
            नाखु           | 
                  
            17            | 
              
          
                  | 
            भेट...           | 
                  
            अत्रुप्त आत्मा           | 
                  
            64            | 
              
          
                  | 
            मराठीचे  कवतुक           | 
                  
            दिवाकर कुलकर्णी           | 
                  
            1            | 
              
          
                  | 
            टीव्ही वरची धूळ           | 
                  
            समीर_happy go lucky           | 
                  
            26            | 
              
          
                  | 
            काहि बालके खुप गोड क्युट असतात           | 
                  
            अविनाशकुलकर्णी           | 
                  
            6            | 
              
          
                  | 
            तुमची शांताबाई आमचा राजाभाऊ!!           | 
                  
            जव्हेरगंज           | 
                  
            22            | 
              
          
                  | 
            जगावेगळी ती           | 
                  
            समीर_happy go lucky           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
             जमलंच तूला तर....!!           | 
                  
            चिमणराव वरवंटे ...           | 
                  
            0            | 
              
          
                  | 
            प्रेमाचा वर्षाव           | 
                  
            विवेकपटाईत           | 
                  
            8            | 
              
          
                  | 
            म्हणता म्हणता ......           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            8            | 
              
          
                  | 
            अतूट काही...           | 
                  
            प्राची अश्विनी           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            पायजमा           | 
                  
            जव्हेरगंज           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            प्रेममयी           | 
                  
            मांत्रिक           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            ओलसर भिंतिंच माजघर           | 
                  
            अविनाशकुलकर्णी           | 
                  
            1            | 
              
          
                  | 
            प्रीत धुंदी            | 
                  
            ज्योति अळवणी           | 
                  
            10            | 
              
          
                  | 
            तिला काट्यात घर सापडले           | 
                  
            सिध्दार्थ           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
             बाप्पाचा निरोप घेताना....           | 
                  
            सुमित_सौन्देकर           | 
                  
            0            | 
              
          
                  | 
            <विखुरलेला चखणा>           | 
                  
            जव्हेरगंज           | 
                  
            16            | 
              
          
                  | 
            चुलीमध्ये घाल           | 
                  
            गंगाधर मुटे           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            ..पापड कर वा पोळ्या लाट..           | 
                  
            कानडाऊ योगेशु           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            एक गोष्ट........           | 
                  
            एक एकटा एकटाच           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            प्रणयपंचमी           | 
                  
            शैलेन्द्र           | 
                  
            13            | 
              
          
                  | 
            नेता            | 
                  
            विवेकपटाईत           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            राधा कृष्ण....... जर...            | 
                  
            शशीभूषण_देशपाण्डे           | 
                  
            11            | 
              
          
                  | 
            तुकारामा-           | 
                  
            शशीभूषण_देशपाण्डे           | 
                  
            5            | 
              
          
                  | 
            कुछ अनमोल लोगो से रिश्ता रखता हूँ…           | 
                  
            बहुगुणी           | 
                  
            35            | 
              
          
                  | 
            हे काय कमी काय?           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            13            | 
              
          
                  | 
            किती भाग्यवान आम्ही!           | 
                  
            शिव कन्या           | 
                  
            8            | 
              
          
                  | 
            ..... तो कृष्ण 'एकटा' होता !           | 
                  
            विशाल कुलकर्णी           | 
                  
            23            | 
              
          
                  | 
            || सांगा आता आम्ही काय करायचं? ||           | 
                  
            नितिन५८८           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            राधा कृष्ण            | 
                  
            शशीभूषण_देशपाण्डे           | 
                  
            3            | 
              
          
                  | 
            पापड कर वा पोळ्या लाट (विडंबन)           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            17            | 
              
          
                  | 
            तू इथे असतीस तर....!           | 
                  
            चांदणे संदीप           | 
                  
            21            | 
              
          
                  | 
            हि दिल्ली हाय एक जतरा ...           | 
                  
            विशाल कुलकर्णी           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            बैसलो होतो पानटपरीवर           | 
                  
            भैड्या           | 
                  
            12            | 
              
          
                  | 
            विक्री गीत           | 
                  
            भिंगरी           | 
                  
            36            | 
              
          
                  | 
            वैराग्याकडे पाउले           | 
                  
            शेखरमोघे           | 
                  
            6            | 
              
          
                  | 
            रंगल्या रात्री अश्या           | 
                  
            भैड्या           | 
                  
            15            | 
              
          
                  | 
            बाय           | 
                  
            जव्हेरगंज           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            आयटीची गोष्ट           | 
                  
            यमन           | 
                  
            29            | 
              
          
                  | 
            < नैराश्याकडे फाऊले>           | 
                  
            जव्हेरगंज           | 
                  
            2            | 
              
          
                  | 
            हम्मामा म्हणे किंवा  हसरी मिसळ हाणून मठ्ठा, दे रसिका दिदारसा...           | 
                  
            माहितगार           | 
                  
            16            | 
              
          
                  | 
            आवर्त            | 
                  
            अरुण मनोहर           | 
                  
            17            | 
              
          
                  | 
            दमामि म्हणे किंवा विडंबनकाराची व्यथा किंवा चोराच्या उलट्या बोंबा           | 
                  
            दमामि           | 
                  
            53            | 
              
          
                  | 
            करार           | 
                  
            वटवट           | 
                  
            10            | 
              
          
                  | 
            हलले "दु"कान           | 
                  
            नाखु           | 
                  
            22            | 
              
          
                  | 
            त्याला ती हवीये...           | 
                  
            पिलीयन रायडर           | 
                  
            39            | 
              
          
                  | 
            लाघवी           | 
                  
            विशाल कुलकर्णी           | 
                  
            15            | 
              
          
                  | 
            बनलो असतो दादा, मज साहेब भेटला नाही           | 
                  
            ज्ञानोबाचे पैजार           | 
                  
            34            | 
              
          
                  | 
            ताज़ी जिल्बी:- स्कार्फ आणि डोळे!   ;-)           | 
                  
            अत्रुप्त आत्मा           | 
                  
            54            | 
              
          
                  | 
            हं ! ते तुला कधी जमणारच नाही           | 
                  
            गणेशा           | 
                  
            13            | 
              
          
                  | 
            गंड  मार्गदर्शन काव्य- मार्फत प्रेरणा दायी हम्मा  (आम्ही प्रेरणा देतो :) )           | 
                  
            माहितगार           | 
                  
            0            | 
              
          
                  | 
            तू ग           | 
                  
            ज्योति अळवणी           | 
                  
            7            | 
              
          
                  | 
            शब्द !!!           | 
                  
            शीतल जोशी           | 
                  
            6            | 
              
          
                  | 
            चूक नाही           | 
                  
            वेल्लाभट           | 
                  
            9            | 
              
          
                  | 
            धर्मगंड           | 
                  
            संदीप ताम्हनकर           | 
                  
            1            |