| पहायचं होत ग तुला एक नजर...!!! | kunal lade | 0 | 
          
                  | ..तुला पाहण्याचा मला छंद राणी.. | कानडाऊ योगेशु | 11 | 
          
                  | आखाजीचा सण | पाषाणभेद | 13 | 
          
                  | तेव्हा मला तू फार फार आवडतेस - प्रवास ३ | कानडाऊ योगेशु | 16 | 
          
                  | आधी सोसायचे ,मग हासायचे | पथिक | 2 | 
          
                  | माय | ऊध्दव गावंडे | 8 | 
          
                  | समरस व्हावे ऐसे | चांदणे संदीप | 7 | 
          
                  | एकट्याने रात हि पेलावी कशी | पथिक | 23 | 
          
                  | गाव बदललाय! | निशांत_खाडे | 12 | 
          
                  | ..वॉन्टेड.. | कानडाऊ योगेशु | 15 | 
          
                  | (इच्छा अधूरी..) | नीलमोहर | 10 | 
          
                  | HOW ARE YOU? | जव्हेरगंज | 27 | 
          
                  | पहाट बोले … | उल्का | 4 | 
          
                  | तेव्हा मला तू फार म्हणजे फार आवडतोस | ज्ञानोबाचे पैजार | 23 | 
          
                  | नाडलेल्या लोकांची कहाणी ............. | माम्लेदारचा पन्खा | 24 | 
          
                  | असा कसा काळ आला | gsjendra | 3 | 
          
                  | कस सांगु ??? | एक एकटा एकटाच | 8 | 
          
                  | बीज | gsjendra | 9 | 
          
                  | (तिफण गोफण) | नाखु | 9 | 
          
                  | चारचौघांत | हर_हुन्नरी | 30 | 
          
                  | निर्णय | तुषार जोशी | 1 | 
          
                  | सावली | तुषार जोशी | 1 | 
          
                  | दया तेथ धर्मु  च्या थिम वर | भम्पक | 3 | 
          
                  | तेव्हा मला तू फार फार आवडतेस...प्रवास २ | कानडाऊ योगेशु | 16 | 
          
                  | चला अंताक्षरी खेळूया.... | माम्लेदारचा पन्खा | 457 | 
          
                  | तुज्या डोल्यांच गान आयकलच नाय | ब्रिटिश | 31 | 
          
                  | प्राजक्त | विशाल कुलकर्णी | 14 | 
          
                  | झाडीबोली गझल  - " बदल " | स्वामी संकेतानंद | 12 | 
          
                  | बाई सोडून गेली | नीलमोहर | 25 | 
          
                  | गहाणात ७/१२..... | गंगाधर मुटे | 14 | 
          
                  | कन्या मानव्याची | gsjendra | 22 | 
          
                  | चिरंतन भेट | मनमेघ | 10 | 
          
                  | पु . ल . तुमच्यासाठी! | उल्का | 6 | 
          
                  | ....तसं नाहीये | मिसळलेला काव्यप्रेमी | 24 | 
          
                  | प्रिय समुद्रा | मिसळलेला काव्यप्रेमी | 35 | 
          
                  | एकटा ! | ब़जरबट्टू | 18 | 
          
                  | मोकळ्या दाही दिशा | आनन्दा | 6 | 
          
                  | एकरूप | रातराणी | 22 | 
          
                  | मराठी भावानुवादः मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको - अदम गोंडवी | तर्राट जोकर | 31 | 
          
                  | मिशी नृत्य | माहितगार | 3 | 
          
                  | आभाळानं वाजिवलाय ढोल | जव्हेरगंज | 7 | 
          
                  | -स | सुधीरन | 3 | 
          
                  | विडंबन काव्यमाला-भाग-१ ''मी माझा''(मग तू कुणाचा?) | अत्रुप्त आत्मा | 29 | 
          
                  | (भूक भागत नाही) | रातराणी | 6 | 
          
                  | शब्द प्रेम! | निमिष सोनार | 5 | 
          
                  | सदाफुली | अभिषेक पांचाळ | 0 | 
          
                  | तुझं माझं नातं | अभिषेक पांचाळ | 0 | 
          
                  | अनाचे दोडोबा.. (शिमगा पेश्शल) | नाखु | 36 | 
          
                  | चाहुली...(चित्रपट गीत लिहिण्याचा छोटासा प्रयत्न) | सुमित_सौन्देकर | 17 | 
          
                  | झेंडूची फुले | सुधीरन | 11 | 
          
                  | मराठी भावानुवादः फर्ज़ करो - इब्ने इंशा | तर्राट जोकर | 22 | 
          
                  | शब्द | अभिषेक पांचाळ | 3 | 
          
                  | बोबडी कविता! | चांदणे संदीप | 26 | 
          
                  | मोबाइल आणि मी  !!! | फिझा | 0 | 
          
                  | अगतिकता | सुधीरन | 0 | 
          
                  | भूक भागत नाही | अभिषेक पांचाळ | 1 | 
          
                  | तू | आनंदमयी | 13 | 
          
                  | गुंतण | pj | 5 | 
          
                  | <हे वागणं बरं नव्हं> | नीलमोहर | 15 | 
          
                  | कधी कधी | अभिषेक पांचाळ | 3 | 
          
                  | इवल्या त्या डोळ्यांमध्ये | अभिषेक पांचाळ | 4 | 
          
                  | गरिबाला विचार | अभिषेक पांचाळ | 4 | 
          
                  | मी अजून जिंकलो नाही | अभिषेक पांचाळ | 3 | 
          
                  | काळ असा....... | शिव कन्या | 15 | 
          
                  | आम्ही मनमौजी | सुधीरन | 1 | 
          
                  | मार्ग मुक्तिचा | विवेकपटाईत | 3 | 
          
                  | बीज | gsjendra | 2 | 
          
                  | मराठी अनुवादः  आज हंसो हंसो जल्दी हंसो - रघुवीर सहाय | तर्राट जोकर | 1 | 
          
                  | मराठी अनुवादः सबसे खतरनाक होता है - कवी 'पाश' | तर्राट जोकर | 6 | 
          
                  | फ़ासले आणि अंतरे | वेल्लाभट | 21 |