| !!  यश  !! | कवि मानव | 0 | 
          
                  | (हूं) | रातराणी | 5 | 
          
                  | गुपित | राजेंद्र देवी | 0 | 
          
                  | तू... | कवि मानव | 8 | 
          
                  | मी ..... कोण ? | फिझा | 10 | 
          
                  | सुगंधसय | पिशी अबोली | 16 | 
          
                  | नव्या युगाची पहाट | राजेंद्र देवी | 0 | 
          
                  | झड श्रावणाची | राजेंद्र देवी | 2 | 
          
                  | !!  रावणामुळे दिवाळी !! | कवि मानव | 8 | 
          
                  | !! सैनिक मरतो देश राहतो  !! | कवि मानव | 11 | 
          
                  | होता का मानूस ? | पथिक | 8 | 
          
                  | " कृष्णाकडे असतील  का उत्तरे    ???....... " | फिझा | 9 | 
          
                  | स्वप्न मनाचे | माहीराज | 2 | 
          
                  | भास... | माधुरी विनायक | 10 | 
          
                  | कधी तरी पुन्हा आपण भेटायला हवं.. | चुकलामाकला | 17 | 
          
                  | सगळं कस साधं सोप्प | अबोली२१५ | 1 | 
          
                  | श्रद्धांजली | निनाव | 1 | 
          
                  | मनाचा एकांत - काळे पाणी | शिव कन्या | 6 | 
          
                  | श्रावण... | राजेंद्र देवी | 0 | 
          
                  | साक्षीदार  ....... ! | फिझा | 4 | 
          
                  | आदाब अर्ज है !( २६-०७-११) हार जाने का हौसला है मुझे......... | अश्फाक | 95 | 
          
                  | मनाचा एकांत - चिमण्या | शिव कन्या | 18 | 
          
                  | शब्द | अश्विनी वैद्य | 2 | 
          
                  | काजळरेषा | राजेंद्र देवी | 4 | 
          
                  | खरा खुरा रंगमंच ..... ! | फिझा | 3 | 
          
                  | शांतता | मिसळलेला काव्यप्रेमी | 32 | 
          
                  | ठिकरी | राजेंद्र देवी | 0 | 
          
                  | मी एक ढग - एकटाच  ...... !!! | फिझा | 1 | 
          
                  | अनाठाई | सुमित_सौन्देकर | 1 | 
          
                  | व्यथा | राजेंद्र देवी | 2 | 
          
                  | नवमी | सूड | 63 | 
          
                  | पण नाही होत ना असं! | रातराणी | 35 | 
          
                  | माझेच (म्हणणे) खरे | नाखु | 18 | 
          
                  | साम दाम दंड भेद | राजेंद्र देवी | 3 | 
          
                  | राया... | राजेंद्र देवी | 3 | 
          
                  | तू | ज्योति अळवणी | 5 | 
          
                  | [[पण होत नाही ना!]] | जव्हेरगंज | 6 | 
          
                  | येते आठवण अधून -मधून .... | अविनाश लोंढे. | 8 | 
          
                  | हेमलकसा | राजेंद्र देवी | 3 | 
          
                  | फक्त तू खचु नकोस... | कुणाल धस | 7 | 
          
                  | श्वास... | राजेंद्र देवी | 4 | 
          
                  | फिमेल बाइटस! | स्पंदना | 20 | 
          
                  | रात्रवेड | पथिक | 8 | 
          
                  | श्रावणभुल | राजेंद्र देवी | 6 | 
          
                  | एक क: पदार्थ | शंतनु _०३१ | 2 | 
          
                  | हर हर महादेव ! | माम्लेदारचा पन्खा | 3 | 
          
                  | ... असंही होतं  ना कधी कधी.... | शिव कन्या | 26 | 
          
                  | उरीचा घाव | संदीप डांगे | 13 | 
          
                  | पुणेकरांचा मिपा च्या वर्धापन निमित्त शुभेच्छांचा वर्षाव | वाल्मिक | 3 | 
          
                  | एकक ! | निनाव | 6 | 
          
                  | दृष्टीकोन | ज्योति अळवणी | 1 | 
          
                  | भिकारी... | दिनेश५७ | 4 | 
          
                  | एक अशीही राधा !! | फिझा | 15 | 
          
                  | आस | विशाल कुलकर्णी | 17 | 
          
                  | गॅटर | जव्हेरगंज | 16 | 
          
                  | मृगजळ दिसण्याआधी .... | अविनाश लोंढे. | 2 | 
          
                  | मी अश्व!! | चांदणे संदीप | 9 | 
          
                  | कविता  ......! | फिझा | 2 | 
          
                  | रंडीबाज कवी | जव्हेरगंज | 10 | 
          
                  | आखाजीना सन | पाषाणभेद | 2 | 
          
                  | पाऊस | निलम बुचडे | 1 | 
          
                  | सुख म्हणजे काय असते? | निनाव | 2 | 
          
                  | दिशा | राजेंद्र देवी | 1 | 
          
                  | मनाचा एकांत - cursor च्या सुईने | शिव कन्या | 12 | 
          
                  | एक रात्र मिठीतली. | आनन्दा | 6 | 
          
                  | गौराई... | राजेंद्र देवी | 3 | 
          
                  | गझल - अनुवाद करण्यास मदती हवी. | निनाव | 6 | 
          
                  | मिठीतली रात्र | निनाव | 4 | 
          
                  | मन | पथिक | 20 | 
          
                  | तू फूल कुणाचे देखणे? | शिव कन्या | 18 |