|
II शहराकडून "बा" चा फून आला II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
झाली...पहाट झाली! |
सत्यजित... |
0 |
|
मला आजवर कधीच रडू आलं नाही निपचित पडलेल्या कलेवरांच |
गरजू पाटिल. |
1 |
|
मराठी माणसा झोपलाच राहा |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
1 |
|
II नऊची ती बस खास होती II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
चिंब |
अज्ञातकुल |
7 |
|
दखल |
उपटसुंभ |
5 |
|
भवताल |
चंद्रकांत |
0 |
|
माझ्या शब्दांनी एवढे स्वस्त व्हायला नको होते! |
आर्या१२३ |
24 |
|
अनोळखी...(गझल) |
स्वानंद मारुलकर |
5 |
|
अबोल प्रीत, उमलतेय.. |
प्राजु |
29 |
|
शिवस्तुती |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
2 |
|
II मास्तर म्हणतात पोरांना , पिरेम लय वाईट II |
सिद्धेश्वर विला... |
12 |
|
II हात सोड कटेवरचे , उचल बडव्यांशी लढावया II |
सिद्धेश्वर विला... |
21 |
|
एक अधिक एक... |
अत्रुप्त आत्मा |
8 |
|
II तो स्पर्शच नवा होता II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
आठवणींचा पाऊस |
निमिष सोनार |
0 |
|
नियतीचा खेळ (एकच चारोळी दोन पद्धतीने) |
निमिष सोनार |
0 |
|
बाप हा ताप नसतो, पोरा |
सिद्धेश्वर विला... |
11 |
|
विठोबा |
पिशी अबोली |
13 |
|
माझ्या गावाचा पाऊस.. |
अत्रुप्त आत्मा |
28 |
|
..तिथे ती भेटते |
अनन्त्_यात्री |
2 |
|
भेटी लागी जीवा . . |
माम्लेदारचा पन्खा |
11 |
|
अन् फुलांचे देह ओले पेटवावे तू! |
सत्यजित... |
2 |
|
II मी प्रेमपुरीचा विठ्ठल II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
तुफान आलंया !! |
फिझा |
0 |
|
II बळीराज किंकर अख्नंडीत माझे II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
ती उत्तर मागत नाही... |
सत्यजित... |
7 |
|
उगवता सूर्य आणि तो |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
|
भूमिपुत्र आणि काळी आई |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
|
व्याकुळकथा |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
|
भरारी |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
|
अविनाशीत्व |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
|
टाळण्या कवटाळण्या वा पाळण्यायोग्य... |
दमामि |
11 |
|
घराला मनांचा उबारा करु! |
सत्यजित... |
9 |
|
आनंदवन |
अनन्त्_यात्री |
5 |
|
II ना होतो नवा मी , ना होती ती जुनी II ( मिपा मित्रानो "जेनी" नाही बरं का ... जुनी ) |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
कविता :: II बॉस हा नेहमी बॉस असतो II |
सिद्धेश्वर विला... |
2 |
|
आयुष्याची गाडी |
माम्लेदारचा पन्खा |
11 |
|
कविता II आपुल्या नात्याचा शिलालेख कल्पला II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
|
कविता II अजून एक चान्स तू घ्यायला हवा होता II |
सिद्धेश्वर विला... |
42 |
|
नजरोंको चुराकर वो... |
सत्यजित... |
2 |
|
...असे आजोबा! |
हृषीकेश पतकी |
7 |
|
सिविपासींच्या कवितांचा तौलनिक व संक्षिप्त आढावा |
पिशी अबोली |
12 |
|
निळा प्रवासी |
विशाल कुलकर्णी |
4 |
|
मेरे मरदको काम पे है जाना आणि काडीचा सरडा |
पाषाणभेद |
2 |
|
ती पहा पडली गझल... |
सत्यजित... |
11 |
|
और भी आसार बाकी है |
drsunilahirrao |
2 |
|
वारी हो वारी |
माम्लेदारचा पन्खा |
2 |
|
साक्षात्कार |
अनन्त्_यात्री |
13 |
|
येथे पाहिजे जातीचे ..... |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
2 |
|
वाघोबा वाघोबा किती वाजले |
श्रीगुरुजी |
5 |
|
पहिले प्रेम आणि पहिला पाऊस सारखाच! |
bhavana kale |
5 |
|
मी कोणालाच काही सांगणार नाही... |
bhavana kale |
8 |
|
पावसावर कविता? नाय नो नेव्हर! |
रातराणी |
17 |
|
ढग . . ! |
माम्लेदारचा पन्खा |
9 |
|
अदृष्य हात |
संदीप-लेले |
0 |
|
संध्याराणी |
शार्दुल_हातोळकर |
24 |
|
फ्लो डायग्राम---->माझ्या पावसाळी कविता॑चा |
अनन्त्_यात्री |
0 |
|
पाऊस..... काचेपलिकडचा.....! |
सनकी |
4 |
|
शिव तांडव स्तोत्र - मराठी अनुवाद |
नरेंद्र गोळे |
38 |
|
हिरकणी (कविता) |
शार्दुल_हातोळकर |
23 |
|
मीच का ? |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
0 |
|
अंबरनक्षी |
सांजसंध्या |
24 |
|
तूरडाळ टंचाई |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
2 |
|
क्रृष्णमेघ |
चष्मेबद्दूर |
4 |
|
पाखरे |
संदीप-लेले |
4 |
|
जय महाराष्ट्र बोला |
पाषाणभेद |
4 |
|
झिन झनन निनादत होते |
अनन्त्_यात्री |
7 |
|
ऊन |
शिव कन्या |
0 |