| टारझण मला खास वाटत नाहीत | बाबुराव | 20 | 
          
                  | ~ गुढीपाडवा ~ | निमिष सोनार | 2 | 
          
                  | )तुझ्या रेशमी केसांनी( | sur_nair | 0 | 
          
                  | तुझ्या रेशमी केसांनी | विजुभाऊ | 4 | 
          
                  | ))तुझ्या रेशमी केसांनी(( | तुका म्हणे | 0 | 
          
                  | )तुझ्या रेशमी केसांनी( | राजेश घासकडवी | 2 | 
          
                  | न्युड पोर्ट्रेट | विशाल कुलकर्णी | 13 | 
          
                  | परम सन्तोश | निरन्जन वहालेकर | 5 | 
          
                  | कोल्हापुर | नाद्खुळा | 2 | 
          
                  | पहिला पाउस | नाद्खुळा | 5 | 
          
                  | रातराणी | निरन्जन वहालेकर | 6 | 
          
                  | पाठलाग | निरन्जन वहालेकर | 0 | 
          
                  | रस्त्यात मामा आडवा येतो जेंव्हा... | Navigator | 2 | 
          
                  | ..... पुन्हा पुन्हा ! | जयवी | 7 | 
          
                  | आठव | आमोद | 5 | 
          
                  | (....पुन्हा पुन्हा!) | चतुरंग | 19 | 
          
                  | भग्न किनारे | जयवी | 10 | 
          
                  | नजर | प्रभो | 5 | 
          
                  | जातो म्हणतोस..... | Dhananjay Borgaonkar | 7 | 
          
                  | स्वप्ने | फ्रॅक्चर बंड्या | 0 | 
          
                  | जाते म्हणतेस................... | मंगेशपावसकर | 18 | 
          
                  | आज पुन्हा गपचूप घरी येऊन गप्प बसलो ............. | मंगेशपावसकर | 7 | 
          
                  | कारण ती माझी चांगली मैत्रीण होती......... | मंगेशपावसकर | 6 | 
          
                  | चला खवैय्ये, खादाडीवर खरडू काही ..! | विशाल कुलकर्णी | 4 | 
          
                  | स्त्री - पुरुष | मंगेशपावसकर | 15 | 
          
                  | जाणीव | तुका म्हणे | 1 | 
          
                  | जन्मा येण्या कारण तू.. | प्राजु | 27 | 
          
                  | चला जोडीनं तण हे काढू, चला ठिबकसिंचन करू | पाषाणभेद | 0 | 
          
                  | पंख | sur_nair | 8 | 
          
                  | माय मराठी | नाद्खुळा | 4 | 
          
                  | कवितक -१ माणूस अशातला - माणूस तशातला | चित्रा | 50 | 
          
                  | कर्मण्येवाधिकारस्ते  . . . | दत्ता काळे | 3 | 
          
                  | समर्थांना  पत्र | नाद्खुळा | 0 | 
          
                  | चंदनाचे जीवन | moghe | 0 | 
          
                  | बघता बघता | नाद्खुळा | 2 | 
          
                  | श्वास | नाद्खुळा | 0 | 
          
                  | फुलांच्या थव्यांनी.. | प्राजु | 18 | 
          
                  | ||इंजिनिअरिंगचे श्लोक|| | चिर्कुट | 3 | 
          
                  | मैत्री | गुपचुप | 5 | 
          
                  | सोहम | वर्षा म्हसकर-नायर | 3 | 
          
                  | प्रेमबन | वर्षा म्हसकर-नायर | 12 | 
          
                  | माझे बाबा........... | मंगेशपावसकर | 0 | 
          
                  | लावणी  - खास  होळी  निमित्त | sur_nair | 3 | 
          
                  | आमचा देश | सचिन थमके | 1 | 
          
                  | बेरंग होळी!! | निमिष सोनार | 3 | 
          
                  | काव्य जगावे | क्रान्ति | 5 | 
          
                  | ३ चारोळ्या | sur_nair | 6 | 
          
                  | चल उसात दंगा करू | पाषाणभेद | 10 | 
          
                  | आता पुन्हा बॉम्बस्फोट होणार... | कुल | 18 | 
          
                  | विक्रमादित्याचा पोवाडा | विशाल कुलकर्णी | 0 | 
          
                  | वाट पाहणं! | राघव | 5 | 
          
                  | धुकट सकाळ | धनंजय | 34 | 
          
                  | (माझ्या कविता - असा पाऊस पडावा : एक विडंबसुनीत) | राजेश घासकडवी | 29 | 
          
                  | 'म'वाली | विशाल कुलकर्णी | 0 | 
          
                  | नेत्यांची प्रतिज्ञा ........... | मंगेशपावसकर | 13 | 
          
                  | पाउस  - मुळ कविता | sur_nair | 10 | 
          
                  | घन घोर मराठी पोर...{Patriotic material}.. | मंगेशपावसकर | 0 | 
          
                  | गंध आवडला फुलाचा म्हणून | मी एक वाटसरू | 4 | 
          
                  | "मिड-लाइफ क्रायसिस" अर्थात एका लेखकाचे 'मनोगत' | केशवसुमार | 27 | 
          
                  | ---------प्रश्न -------- | अनुप्रिया | 10 | 
          
                  | झाकोळ | स्मृती | 3 | 
          
                  | कसा दिस आला.....{verry sad material} | मंगेशपावसकर | 2 | 
          
                  | (जगताना) | राजेश घासकडवी | 8 | 
          
                  | तुझ्या मिठीच्या धुंद सरी.. | प्राजु | 17 | 
          
                  | काही जुनी टिपणे. | रामदास | 22 | 
          
                  | प्रेमदिन | जयवी | 7 | 
          
                  | जगताना... | जयेश माधव | 3 | 
          
                  | काय करावे कळेना | पाषाणभेद | 1 | 
          
                  | तुझे माझे गुलाबाचे | पुष्कराज | 1 | 
          
                  | गुलाबाचा सण होता | पुष्कराज | 8 |