| कडकलक्ष्मी | क्रान्ति | 6 | 
          
                  | बाबरीचे श्राद्ध | शरद जयकर | 10 | 
          
                  | शिव-वडा | पॅपिलॉन | 3 | 
          
                  | हसली रे हसली... | Navigator | 4 | 
          
                  | देणे | क्रान्ति | 9 | 
          
                  | (नको आणखी ) | अमोल केळकर | 6 | 
          
                  | नको आणखी | जयवी | 11 | 
          
                  | (बोका) | शाहरुख | 12 | 
          
                  | कविते, हे तर तुझेच देणे..! | प्राजु | 13 | 
          
                  | हवी..... | उदय सप्रे | 3 | 
          
                  | (कविते, हे तर तुझेच देणे..!) | चतुरंग | 15 | 
          
                  | (धोका) | चतुरंग | 9 | 
          
                  | धोका | क्रान्ति | 13 | 
          
                  | म्हणून..... | उदय सप्रे | 4 | 
          
                  | उमेद | विजुभाऊ | 0 | 
          
                  | राणी वै-याची रात्र आहे | शरद जयकर | 0 | 
          
                  | कधी कधी | फ्रॅक्चर बंड्या | 6 | 
          
                  | <परा> | विजुभाऊ | 5 | 
          
                  | दुरावा | जयवी | 13 | 
          
                  | माझेच होते..... | उदय सप्रे | 10 | 
          
                  | व्हर्च्युअल रिअॅलिटी | श्रावण मोडक | 14 | 
          
                  | मनात माझ्या... | अजिंक्य | 7 | 
          
                  | अंगाई | क्रान्ति | 6 | 
          
                  | रुतावे कुठे | जयवी | 13 | 
          
                  | आज अचानक... | नीलांबरी | 6 | 
          
                  | ती | क्रान्ति | 18 | 
          
                  | आठवण...(२) | प्रभो | 5 | 
          
                  | कारे प्रिया दूर जाशी, | सागरलहरी | 0 | 
          
                  | या गूढ सावल्यांनी.. | प्राजु | 17 | 
          
                  | मंडली, म्या एक दादांसारकी कविता ल्यिहल्येली हाय. वाचा तर मंग आता. | पाषाणभेद | 5 | 
          
                  | (लिहावे कुठे) | चेतन | 0 | 
          
                  | प्रेम काव्य संग्रह | निमिष सोनार | 7 | 
          
                  | माझी अगतीकता | पाषाणभेद | 4 | 
          
                  | हे चित्र पहा आणि ते चित्र पहा" | अविनाशकुलकर्णी | 2 | 
          
                  | काकमित्रा | सागरलहरी | 2 | 
          
                  | प्रित माझी कळेना.. | अविनाशकुलकर्णी | 1 | 
          
                  | प्रहरांचे दु:ख..... | उदय सप्रे | 2 | 
          
                  | अगतिक..... | उदय सप्रे | 7 | 
          
                  | असे सखे तू रुसू नको ना..... | सागरलहरी | 7 | 
          
                  | कोडगं सूख..... | उदय सप्रे | 11 | 
          
                  | (कोडगं सुख.....) | ज्ञानोबाचे पैजार | 0 | 
          
                  | (कुठे भास होतो मला 'कोंकणाचा') | चतुरंग | 22 | 
          
                  | तत्वज्ञान..... | उदय सप्रे | 1 | 
          
                  | सोनपावले ही तुझी... | अंकुश चव्हाण | 3 | 
          
                  | फर्निचर | अरुण मनोहर | 16 | 
          
                  | छंद दे.. | प्राजु | 22 | 
          
                  | ((त्यांच्या लग्नाची पत्रिका आज घरी आली)) | Nile | 6 | 
          
                  | वाट चुकवेल वाट | क्रान्ति | 3 | 
          
                  | (छंद दे) | चतुरंग | 17 | 
          
                  | [उन घे] | अमृतांजन | 3 | 
          
                  | हवे कुणाला...! | विशाल कुलकर्णी | 2 | 
          
                  | आक्रोश...! | विशाल कुलकर्णी | 6 | 
          
                  | थरथरत्या ज्योतीला अंधाराचा भार | सागरलहरी | 0 | 
          
                  | क- कवितेचा | बाबुराव | 3 | 
          
                  | चालू करा तुमचे इंजन | पाषाणभेद | 5 | 
          
                  | विडंबक | चतुरंग | 13 | 
          
                  | <strong>खेळ मांडला.....</strong> | उदय सप्रे | 0 | 
          
                  | गवगवा..... | उदय सप्रे | 0 | 
          
                  | इज्जत! | दिनेश५७ | 5 | 
          
                  | भूताच्या भूतकाळाचे गूढ प्रेम...!!! | निमिष सोनार | 1 | 
          
                  | वेल | सागरलहरी | 0 | 
          
                  | तू तेव्हा तशी ... | विश्वेश | 0 | 
          
                  | बेत | विश्वेश | 0 | 
          
                  | प्रेमाचा "निसर्ग" | निमिष सोनार | 0 | 
          
                  | ओझी | क्रान्ति | 9 | 
          
                  | लीला केली विश्वंभरे .... | सागरलहरी | 2 | 
          
                  | खरेसाहेब…माफ़ करा : ३ : दिवस असे की … | विशाल कुलकर्णी | 6 | 
          
                  | उत्सव ...! | विशाल कुलकर्णी | 0 | 
          
                  | 'खरेसाहेब माफ करा : २ : एवढंच ना? | विशाल कुलकर्णी | 12 | 
          
                  | ती -२ | केशवसुमार | 14 |