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भाऊसाहेब पाटणकर यांच्या गझल |
पुष्कर |
67 |
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रानफुले |
कर्नलतपस्वी |
8 |
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वस्त्र विणताना.. |
Bhakti |
11 |
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सांजरंग |
चांदणशेला |
4 |
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मी एकटी |
पाषाणभेद |
2 |
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अवकाळी आला पाऊस |
पाषाणभेद |
0 |
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आसतेस.... नसतेस.... |
कर्नलतपस्वी |
0 |
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आरोग्य पाठ भाग दोन |
कर्नलतपस्वी |
4 |
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आभाळाच्या फळ्यावर |
अनन्त्_यात्री |
0 |
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सकाळ कोवळी |
पाषाणभेद |
6 |
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मोबाईल फोन |
दत्ता काळे |
11 |
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अश्रूंचे झरे |
चांदणशेला |
0 |
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सांज फुले |
चांदणशेला |
8 |
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पहिलं वहिलं प्रेम माझं |
प्रज्ञादीप |
0 |
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मिठी |
दत्ता काळे |
6 |
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शहाणी मुलगी ... 2 (#तूम्हणालास) |
प्राची अश्विनी |
19 |
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संभाव्याच्या अब्ज छटांतून |
अनन्त्_यात्री |
8 |
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चांदणी अन प्रियकर |
पाषाणभेद |
1 |
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लपाछपीचा डाव |
पाषाणभेद |
0 |
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सखी मी ....पावसाची |
प्रज्ञादीप |
3 |
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खुळावलो ग सखये मी खुळावलो |
विजुभाऊ |
3 |
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पिंपळपान |
श्रीगणेशा |
8 |
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कदाचित... |
शिवाजी होळगे |
11 |
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हाच क्षण |
अनन्त्_यात्री |
0 |
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शब्दांची कर्णफुले |
पाषाणभेद |
7 |
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आठवते का ... |
प्रज्ञादीप |
3 |
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धत् तेरे की... |
प्राची अश्विनी |
33 |
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आरोग्य पाठ भाग दोन |
कर्नलतपस्वी |
0 |
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पंचतत्व |
पाषाणभेद |
2 |
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मर्कट वंश |
मका म्हणे |
5 |
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शून्याशी गाठ |
Bhakti |
15 |
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मुखवटे |
पाषाणभेद |
2 |
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वाधल्या दाढी-मिश्या |
खान |
45 |
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माझे अन इतरांचे |
पाषाणभेद |
1 |
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विपरीत |
मी-दिपाली |
19 |
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प्रवास कसला? फरफट अवघी! |
चौकस२१२ |
4 |
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संस्कार |
बाजीगर |
0 |
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मंदिराचा मालक देव, पुजारी केवळ नोकर (मध्यप्रदेश कोर्टाचा निर्णय) |
बाजीगर |
5 |
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विस्कळखाईत कोसळताना |
अनन्त्_यात्री |
7 |
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इम्पिरिकल डेटा |
बाजीगर |
4 |
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कानाखाली जाळ |
बाजीगर |
12 |
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जगण्याचे कित्येक मजला अर्थही कळाले |
विजुभाऊ |
3 |
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शाळा आणि "ती" |
चक्कर_बंडा |
7 |
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आहुती ???????? |
खिलजि |
3 |
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(कळेना मला) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
16 |
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कळेना मला |
चांदणे संदीप |
8 |
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#तू म्हणालास... |
प्राची अश्विनी |
17 |
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||चाफा..|| |
प्राची अश्विनी |
7 |
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विचार ( हायकू) |
रानरेडा |
0 |
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गावाचा पिंपळ आणि इतर क्षणिका |
विवेकपटाईत |
3 |
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प्यायला पाहिजे! |
अजिंक्यराव पाटील |
2 |
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निसर्गाचा न्याय |
VRINDA MOGHE |
8 |
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विठुराया..... |
Jayagandha Bhat... |
11 |
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विठ्ठल नाम |
Bhakti |
12 |
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कविता |
VRINDA MOGHE |
7 |
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सहजच... |
भटक्य आणि उनाड |
10 |
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प्राक्तनाचे संदर्भ |
चंद्रकांत |
2 |
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मी लसं घेतली... मी लसं घेतली... |
अभिषेक९ |
6 |
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शिल्पकार ! |
राघव |
6 |
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टिपूर चांदणे |
अनन्त्_यात्री |
6 |
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कावळा आणि लॉक डाऊन |
अनिकेत कवठेकर |
3 |
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१. माझी मुलगी .. |
गणेशा |
17 |
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(मल-आशय !) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
22 |
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सुखाचे हे सुख, श्रीहरी मुख - काव्यानुभव |
arunjoshi123 |
47 |
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वेड लागले |
विजुभाऊ |
1 |
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सुटका नाही |
अनन्त्_यात्री |
6 |
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राघू |
खिलजि |
7 |
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माज |
खिलजि |
2 |
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बाल वयातील प्रेम |
Shubham vanve |
5 |
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वडीलांना काव्यसुमनांजली |
पाषाणभेद |
8 |