||चाफा..|| |
प्राची अश्विनी |
7 |
विचार ( हायकू) |
रानरेडा |
0 |
गावाचा पिंपळ आणि इतर क्षणिका |
विवेकपटाईत |
3 |
प्यायला पाहिजे! |
अजिंक्यराव पाटील |
2 |
निसर्गाचा न्याय |
VRINDA MOGHE |
8 |
विठुराया..... |
Jayagandha Bhat... |
11 |
विठ्ठल नाम |
Bhakti |
12 |
कविता |
VRINDA MOGHE |
7 |
सहजच... |
भटक्य आणि उनाड |
10 |
प्राक्तनाचे संदर्भ |
चंद्रकांत |
2 |
मी लसं घेतली... मी लसं घेतली... |
अभिषेक९ |
6 |
शिल्पकार ! |
राघव |
6 |
टिपूर चांदणे |
अनन्त्_यात्री |
6 |
कावळा आणि लॉक डाऊन |
अनिकेत कवठेकर |
3 |
१. माझी मुलगी .. |
गणेशा |
17 |
(मल-आशय !) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
22 |
सुखाचे हे सुख, श्रीहरी मुख - काव्यानुभव |
arunjoshi123 |
47 |
वेड लागले |
विजुभाऊ |
1 |
सुटका नाही |
अनन्त्_यात्री |
6 |
राघू |
खिलजि |
7 |
माज |
खिलजि |
2 |
बाल वयातील प्रेम |
Shubham vanve |
5 |
वडीलांना काव्यसुमनांजली |
पाषाणभेद |
8 |
जल-आशय! |
अत्रुप्त आत्मा |
22 |
आधार घेते |
सरीवर सरी |
2 |
जुन्या चहाची नवीन उकळी |
मनमेघ |
3 |
इंद्रधनू.... |
Jayagandha Bhat... |
3 |
प्रेम म्हणजे जणू क्रिकेटचा खेळ |
खिलजि |
3 |
कसाही बरसला, तरी मजा ती संपली. |
Sanjay Uwach |
0 |
|चाफा| |
सरीवर सरी |
1 |
कसं पटवावं पोरीला ? |
खिलजि |
8 |
भ्रम |
सरीवर सरी |
3 |
मी बिचारा एक म्हातारा |
खिलजि |
0 |
शिकून काय झाले |
खिलजि |
0 |
गेल्या सहस्त्रावधी वर्षांत हिंदुस्थानमध्ये लागलेल्या होळ्या!! |
Sumant Juvekar |
0 |
चहा घेणार? |
आगाऊ म्हादया...... |
17 |
काही बोलायचे आहे ( विरसग्रहण) |
प्रकाश घाटपांडे |
11 |
# तुम्ही(च) म्हणालात |
सुरिया |
8 |
हाकामारी |
कर्नलतपस्वी |
7 |
कन्यादान एक शब्द चित्र |
कर्नलतपस्वी |
4 |
महिलादिन |
कर्नलतपस्वी |
3 |
पाचा ऊत्तराची कहाणी |
कर्नलतपस्वी |
3 |
मधाळलेल्या कुण्या मिठीची... |
प्राची अश्विनी |
14 |
माय मराठी |
bhagwatblog |
3 |
पॉझिटिव्ह - निगेटिव्ह |
Jayagandha Bhat... |
0 |
देव |
अनुस्वार |
6 |
सांग कधी कळणार तुला (विडंबन) |
OBAMA80 |
0 |
आज जरी |
अनन्त्_यात्री |
6 |
......अजूनही ! |
फिझा |
5 |
चक्कर |
अनुस्वार |
7 |
नशिबाची परीक्षा |
खिलजि |
5 |
जपून ठेव! |
अनुस्वार |
2 |
प्राणप्रिये |
डॉ.अमित गुंजाळ |
6 |
Soap Opera |
संदीप-लेले |
4 |
तुला बापू म्हणू की बाप्या ? |
माहितगार |
6 |
अध्यात्माची भूमिती |
अनन्त्_यात्री |
7 |
(वळण) |
माहितगार |
2 |
उंटावरल्या प्रा.डॉ. दा.ता. |
माहितगार |
22 |
श्वासांचा बाजार |
खिलजि |
10 |
लयीत एका झुलवीत |
बिपीन सुरेश सांगळे |
1 |
मैत्री! |
चलत मुसाफिर |
1 |
कोविड-कोविड गोविंद गोविंद |
बाजीगर |
3 |
रात्र - चारोळी |
शब्दानुज |
1 |
तू |
सुमित_सौन्देकर |
1 |
परतीचे प्रवास |
मका म्हणे |
1 |
प्रतिभा |
कुमार जावडेकर |
1 |
slow down |
अमलताश_ |
1 |
चारोळ्या |
राजा सोवनि |
1 |
दिवाळी इथली आणि तिथली |
VRINDA MOGHE |
1 |
मी आणि तू |
श्रिया सामंत |
1 |