नाऱ्या नाऱ्या |
चुकलामाकला |
6 |
किती सांगू मी सांगू कुणाला - युवराजान्च्या पुनरागमनाच्या आनन्दाप्रीत्यर्थ |
लॉर्ड फॉकलन्ड |
18 |
दूर |
योगेश भालेकर |
4 |
कुक्कुट शर्विलक-विलाप |
चलत मुसाफिर |
18 |
असा मी तसा मी |
Rajvardhan |
4 |
आज मी आहे |
Rajvardhan |
1 |
वळ्ण |
योगेश भालेकर |
3 |
डोळे आमचे आहेत म्हणुनी |
विदेश |
8 |
पुरुशाचे अस्तित्व...! |
संदीप डांगे |
34 |
गनिमी कावा |
विदेश |
4 |
जायचे आहेच तर जावेस आता .. |
drsunilahirrao |
8 |
हरवला जीव तो … |
अनामिक२४१० |
0 |
धोतर आणी डबा २ |
शब्दानुज |
0 |
आसवांच्या प्रतिबिंबात |
शब्दानुज |
1 |
मराठी |
वेल्लाभट |
13 |
रस्ता... |
शब्दबम्बाळ |
2 |
सये भांडतेस कशा.. |
कहर |
15 |
नाटक वाटू नये |
गंगाधर मुटे |
3 |
अशी कशी ग तु........... |
एक एकटा एकटाच |
6 |
संध्याछाया.. |
अत्रुप्त आत्मा |
10 |
मि.पा. येते.... आणिक जाते |
अत्रुप्त आत्मा |
32 |
एक जिलबी पाडायचीच |
वेल्लाभट |
54 |
बडबड गीत |
भिंगरी |
22 |
गवसणी.(चारोळ्या) |
प्रल्हाद दुधाळ. |
3 |
आभास |
सुमित_सौन्देकर |
3 |
ऋतु आला ऋतु गेला |
सांजसंध्या |
10 |
अगर |
नेताजी बोराडे |
3 |
चिद्विलास (स्वैर भावानुवाद) |
मूकवाचक |
3 |
लयास गेले कधीच ते - |
विदेश |
2 |
नक्षीची दुसरी बाजू.. |
सूड |
91 |
लागला मला छंद |
शशिका॑त गराडे |
0 |
गोवंशाला अभय द्या : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
13 |
मंतरलेली रात्र |
सुमित_सौन्देकर |
0 |
स्मशान शांततेची शिकवण |
देवदत्त परुळेकर |
7 |
रसज्ञ नरभक्षक |
देवदत्त परुळेकर |
6 |
..नका जाऊ देऊ राया दुपार ही वाया.. |
कानडाऊ योगेशु |
15 |
सोनुलं |
ऊध्दव गावंडे |
6 |
भाव तिथे देव |
निनाद जोशी |
3 |
आज अवसेची रात आहे.......... |
एक एकटा एकटाच |
7 |
कविता- मेसेज... |
प्रितम तोरवने |
26 |
भजन - भक्तीचा डिज्जे (विडंबन - फेविकॉल से) |
वेल्लाभट |
14 |
बस मी आणि बाळ |
शब्दानुज |
5 |
भ्रष्ट झाला कोळसा |
चुकलामाकला |
1 |
घरी जाताना |
शिव कन्या |
1 |
दोन वात्रटिका (मार्च १५) |
विवेकपटाईत |
1 |
शोधू किती बहाणे... |
सांजसंध्या |
31 |
मि ही निळा रंग निळा,रंगांच्या बहुत कळा |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
मृगजळ... |
एक एकटा एकटाच |
1 |
ढ |
वेल्लाभट |
7 |
हा दोष ना कुणाचा (कविता) |
सांजसंध्या |
16 |
तरीसुद्धा ... |
पद्मश्री चित्रे |
3 |
सांजवात.. |
सांजसंध्या |
24 |
चांगला होता जरी हा "त्या"स कधि ना भावला - |
विदेश |
4 |
मत्कविता चालली ही! |
पदकि |
1 |
कागाळी |
विशाल कुलकर्णी |
14 |
माहेरपण..... |
चुकलामाकला |
11 |
मी वळूनी हासले - चुकले जरासे |
सांजसंध्या |
33 |
तुम्ही अनावर व्हा.... |
शिव कन्या |
3 |
पाऊस खच्चुनी हा "अत्ता" कशास देवा??? |
अत्रुप्त आत्मा |
28 |
एके दिवशी |
shrivallabh Panchpor |
6 |
उंच भरारी घे पाखरा |
shrivallabh Panchpor |
1 |
ती मात्र ............ |
एक एकटा एकटाच |
32 |
निष्पर्ण |
शब्दबम्बाळ |
9 |
तुकाराम होणे |
देवदत्त परुळेकर |
7 |
रूसली ही पोर .. |
सांजसंध्या |
14 |
पौरुषी... |
अत्रुप्त आत्मा |
22 |
पळ पळ राधे, आला कान्हा घेऊन ग पिचकारी - |
विदेश |
6 |
सावल्यांनी पोळलो आहे इथे मी ... |
drsunilahirrao |
13 |
प्रेमाचे हाय कू (?) |
विवेकपटाईत |
5 |
तुझा प्रवास सुखाचा होवो |
निनाद जोशी |
7 |