|
माझ्या वेदनेला लाभो जोड तुझ्या वेदनेची...! |
वटवट |
15 |
|
पैंजणे |
सटक |
9 |
|
मनमोर ... |
विशाल कुलकर्णी |
4 |
|
गुलझार |
महासंग्राम |
2 |
|
सखी तुझ्या अंतरात होतो |
drsunilahirrao |
5 |
|
गुलाल |
महासंग्राम |
4 |
|
प्यार हमे किस मोड पें ले आया : विडंबन |
विशाल कुलकर्णी |
5 |
|
वाट पाहतो तुझी |
यल्लप्पा सट्वजी... |
0 |
|
.....पाऊस गात आहे ..... |
चुकलामाकला |
23 |
|
पाऊस |
सटक |
10 |
|
आंगणवाडी ते .... |
प्रमोद देर्देकर |
2 |
|
नागपुरी तडका : सरकार म्हंजे काय असते? |
गंगाधर मुटे |
4 |
|
थांबली मुंबई सारी |
यल्लप्पा सट्वजी... |
18 |
|
रानी |
ऊध्दव गावंडे |
6 |
|
पाऊस म्हणजे? |
यल्लप्पा सट्वजी... |
3 |
|
< वाटतं असं …. की > |
रातराणी |
48 |
|
शस्त्र ओले परजतो पाऊस आहे... |
विशाल कुलकर्णी |
14 |
|
का पाहूनही टाळत राहतेस... |
शब्दबम्बाळ |
3 |
|
पाऊस.... .वेगवेगळा •○●¤° |
गोल्या |
7 |
|
पाऊस .. तेव्हाचा |
गोल्या |
9 |
|
वाटतं असं... की! |
अत्रुप्त आत्मा |
27 |
|
लेखनवैमूढ्य |
बॅटमॅन |
54 |
|
पाऊस पडून गेल्यावर |
यल्लप्पा सट्वजी... |
2 |
|
रयतेचा राजा |
शब्दबम्बाळ |
6 |
|
मत्सर ... |
विशाल कुलकर्णी |
13 |
|
आजही श्वासात आहे.. लागतो काही सुगावा |
केशवसुमार |
19 |
|
अशक्य केवळ |
जयवी |
19 |
|
मी होतो किनारा................. |
झंडुबाम |
4 |
|
मित्रवेडा |
विनीत संखे |
7 |
|
थोड्ड्स्स्स्स्सं खोटं... |
अत्रुप्त आत्मा |
37 |
|
नव्याने बरसणार्या पावसात |
यल्लप्पा सट्वजी... |
0 |
|
थांबव लपंडाव तुझा रे पावसा |
यल्लप्पा सट्वजी... |
2 |
|
जाणवतो तुझा सहवास |
यल्लप्पा सट्वजी... |
0 |
|
अनईझी.......!! |
गोल्या |
24 |
|
<<<<< सुगी >>>>>> |
गोल्या |
6 |
|
'गोडशी' भगवी भुतावळ का बरे थंडावली ? |
hitesh |
0 |
|
समर |
महासंग्राम |
2 |
|
राग |
अजब |
2 |
|
फक्त तू नाही आहेस.................. |
झंडुबाम |
7 |
|
प्रेम करुन करुन दमावं |
चिन्ट् |
15 |
|
वडा पाव रे........!!! |
गोल्या |
27 |
|
जन्म घेतला तेव्हाच....!! |
गोल्या |
7 |
|
पुन्हा एकदा दमामि म्हणे … |
दमामि |
42 |
|
जगावेगळे... ! |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
|
वाट |
अनिल रामेश्वर लांडे |
0 |
|
आळी मिळी गुप चिळी! |
सटक |
18 |
|
इतकाच अर्थ आता जगण्यास माणसाच्या |
विशाल कुलकर्णी |
28 |
|
प्रेम |
Hrushikesh Marathe |
11 |
|
ती आणि मी |
गरजू पाटिल. |
2 |
|
(नवमि)पाखरास...अर्थात दमामि म्हणे ! |
दमामि |
108 |
|
भावनेचा वेग |
यल्लप्पा सट्वजी... |
1 |
|
गावाकडची जुनाट आज्जी ..... |
चुकलामाकला |
38 |
|
तहानलेली वसुंधरा |
यल्लप्पा सट्वजी... |
1 |
|
आई हिंदवी स्वराज्य स्थापू दे ! |
ganeshpavale |
2 |
|
तुझं प्रेम |
ganeshpavale |
0 |
|
मैत्रीच्या थोडं पलीकडे.. प्रेमाच्या थोडं अलीकडे...! |
Hrushikesh Marathe |
27 |
|
विसावा. |
अशोक गोडबोले |
11 |
|
(रेडा म्हणे वडाला) |
सूड |
40 |
|
अजुनी दूर किनारे |
अर्व |
7 |
|
'कविता' म्हणजे काय वेगळे |
विदेश |
7 |
|
'लुच्चे दिन' आले : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
17 |
|
भोगदासी........ |
एक एकटा एकटाच |
18 |
|
वड बोलला यमाला |
क्रान्ति |
49 |
|
अनमोल ते सारे... |
ganeshpavale |
2 |
|
पिंपळ |
पथिक |
5 |
|
मॉडर्न अभंगवाणी |
विनीत संखे |
12 |
|
जंगल पूर्वीचे आज महानगर झाले |
विवेकपटाईत |
0 |
|
आभाळाच्या मांडवाला भुई ची रे हाक |
गणेशा |
2 |
|
एक केवळ बाप तो |
गंगाधर मुटे |
1 |
|
शत, शत कोटि मुजरा करितो |
ganeshpavale |
1 |