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आमची बायको कुत्रा पाळते |
अरुण मनोहर |
4 |
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बरेच काही..! |
उपटसुंभ |
4 |
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(चकणा ) |
अमोल केळकर |
0 |
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भुलण्याचे वय तुझे... सावर सावर |
धोंडोपंत |
25 |
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वसुली |
श्रीकृष्ण सामंत |
4 |
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माझी विठ्ठल माऊली.. |
राघव |
7 |
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काळ्या पिशवीत पिशवीत |
मूखदूर्बळ |
7 |
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फुलपाखरु |
अरुण मनोहर |
16 |
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अर्थ काय ह्याचा? |
अरुण मनोहर |
5 |
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येथे..! |
उपटसुंभ |
7 |
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एक फक्कड लावणी |
शशिकांत ओक |
5 |
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तेंव्हाही - २ |
आजानुकर्ण |
4 |
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( कणा ) |
अमोल केळकर |
5 |
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तनुलीचे गद्य,पद्य |
श्रीकृष्ण सामंत |
5 |
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दाखविली मातेची व्यथा कौतुके |
श्रीकृष्ण सामंत |
2 |
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बघ तुला आठवण येते का ? |
मूखदूर्बळ |
0 |
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(तसा कुठे मी....) |
चतुरंग |
1 |
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पहाट |
दत्ता काळे |
16 |
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रम्य एका सकाळी |
चन्द्रशेखर गोखले |
7 |
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विडंबन - सांग सांग भोलानाथ |
श्रीमंत दामोदर पंत |
5 |
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दोन कविता |
दत्ता काळे |
6 |
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स्मृति बालपणाची |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
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भैया हलेना |
मूखदूर्बळ |
18 |
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(आशिक मी अन माल भेटली होती 'कविता') |
चतुरंग |
16 |
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आवरताना काल मिळाल्या काही कविता... |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
18 |
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मग मी असा ..शांत ... |
निखिलचं शाईपेन |
0 |
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पालखी |
बेसनलाडू |
14 |
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निःशब्द होता सारा परिसर |
श्रीकृष्ण सामंत |
3 |
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आजीची काठी |
श्रीकृष्ण सामंत |
1 |
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द्विधा मनाची.... |
पारोळेकर |
4 |
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अलौकिक |
द्विज |
34 |
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या रे या! |
चन्द्रशेखर गोखले |
9 |
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"अरे, आतातरी 'खो' दे ।" |
हर्षदा विनया |
7 |
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सहज सुचलं म्हणून |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
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आजाचं गुपीत |
श्रीकृष्ण सामंत |
5 |
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शांती अन् मुक्ता |
धनंजय |
10 |
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प्रकाशाशी जुळावं नातं! .. तुम्हा सगळ्यांस दिवाळीच्या हार्दिक शुभेच्छा! |
राघव |
9 |
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दिवाळी |
मनीषा |
8 |
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विषकन्या (पूर्ण) |
अरुण मनोहर |
3 |
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मनुवादी आचरटपणा |
द्विज |
33 |
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(कुंतलांचा पसारा) |
चतुरंग |
12 |
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नवागताच्या दोन चारोळ्या |
दत्ता काळे |
6 |
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फक्त तुझ्यातच |
द्विज |
2 |
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आठवांचा पसारा.. |
प्राजु |
25 |
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दिवाळी (?) |
हर्षदा विनया |
2 |
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नव्या भोंडल्यातले एक गाणे |
दत्ता काळे |
8 |
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बागेची गोष्ट. |
रामदास |
10 |
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निघून गेली रात्रपरी |
अरुण मनोहर |
11 |
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<strong>नव्या भोंडल्यातले एक गाणे</strong> |
दत्ता काळे |
0 |
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(मदार) |
चतुरंग |
4 |
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त्रिवेणीचा प्रयत्न : |
प्राजु |
80 |
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अमृतरूपी झरा |
शर्मीला |
1 |
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चारोळ्या |
mina |
2 |
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वादळ... |
हर्षदा विनया |
8 |
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आठवण |
चन्द्रशेखर गोखले |
4 |
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श त्रू |
दत्ता काळे |
4 |
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निरोप...... |
sanjubaba |
0 |
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गर्भ मंदीर |
चन्द्रशेखर गोखले |
8 |
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तुझ्यासवे पुन्हा नवा जन्म घेतो... |
विजुभाऊ |
12 |
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चारोळी म्हणजे |
विजुभाऊ |
18 |
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त्रिवेणींची वेणी |
बेसनलाडू |
26 |
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बिघडलिये मान |
लिखाळ |
8 |
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ती येण्याची चाहूल लागली |
धुमधडाका |
0 |
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...हमने इश्क किया है.(१) |
रामदास |
11 |
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नाट्यसंगीत |
mina |
0 |
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तुझ्याशिवाय |
धुमधडाका |
5 |
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(भलताच जाच!) |
चतुरंग |
13 |
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बिघडलीये काच! |
नीधप |
29 |
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चिंतन |
चन्द्रशेखर गोखले |
4 |
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नशीब |
दत्ता काळे |
3 |