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तो बेत कालचा मुळीच ठरला नव्हता |
केशवसुमार |
5 |
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मी कोण ...... |
चिंतामणराव |
0 |
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क्षण |
झेल्या |
0 |
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एक भावगीत |
रामदास |
25 |
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मराठी शाळेचे भारुड |
विनायक प्रभू |
18 |
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सखे ठोठावते आहेस कुठले दार देहाचे? |
ॐकार |
9 |
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तिची रुणूझुणू चाल--- |
पुष्कराज |
2 |
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व्हॅलेंटाईनच्या निमीत्ताने |
मूखदूर्बळ |
7 |
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आई |
ज्याक ऑफ ऑल |
3 |
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उन्मुक्त |
जयवी |
21 |
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कुणाच्या ह्या वेणा |
नीधप |
28 |
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या पाखरांस आता--- |
पुष्कराज |
2 |
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प्रेमदिनाची पूर्वसंध्या |
जयवी |
11 |
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-गणेश स्तवन- |
अनिरुद्धशेटे |
2 |
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कशी येशील कोंदणी??...(व्हॅलेंटाईन डे स्पेशल) |
चतुरंग |
24 |
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दुधवाच्या जंगलात मी एक जिवंत वाघ पाहिला |
माझी दुनिया |
9 |
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अमृतराय झोपडीत का गेला? |
चतुरंग |
19 |
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कधी रे येशील तू... अनामिका.... |
मृगनयनी |
9 |
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सजनासाठी... |
अंकुश चव्हाण |
0 |
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सुख पुढे वाटे.... |
संध्यानंदन |
0 |
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असा ही एक भावानुवाद "हो ना गं आई" |
श्रीकृष्ण सामंत |
13 |
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(गंधांच्या उलाढाली) |
चतुरंग |
2 |
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अटी शर्थी लागु |
सुचेता |
5 |
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एक वेडी आशा |
ज्ञानदा कुलकर्णी |
2 |
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मी बोचले म्हणालो |
केशवसुमार |
5 |
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कधी असे ... |
मनीषा |
10 |
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कोणास ठाऊक कसा पण्...विडंबनात उतरला पिडा... |
शितल |
7 |
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अ |
पुष्कराज |
0 |
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तुझे सब है पता... चा भावानुवाद |
आचरट कार्टा |
10 |
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<म्हणजे...> |
पिवळा डांबिस |
24 |
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रासलीला |
पुष्कराज |
3 |
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बाम |
केशवसुमार |
6 |
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प्रवाह..आणि उत्तर |
प्राजु |
39 |
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पण तू मात्र - 2 |
sanjubaba |
6 |
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<प्रवाह....आणि उत्तर> |
पिवळा डांबिस |
10 |
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((प्रवाह..आणि उत्तर)) |
चतुरंग |
18 |
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(चिकट सकाळ) |
बिपिन कार्यकर्ते |
24 |
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बिकट सकाळ |
केशवसुमार |
9 |
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सोबतीला पाव आहे |
केशवसुमार |
18 |
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आलो शरण तुला... |
अंकुश चव्हाण |
1 |
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म्हणजे-२ |
केशवसुमार |
13 |
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कवनासाठी कोण बरे विहंगाचा कवी |
श्रीकृष्ण सामंत |
5 |
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(फुकट सकाळ) |
बेसनलाडू |
9 |
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लावणी-प्रणयरातीला कुठ चालला |
पुष्कराज |
0 |
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(म्हणजे) |
बेसनलाडू |
7 |
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संक्रांतीच्या अनेक शुभेच्छा...! |
घाशीराम कोतवाल १.२ |
2 |
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तू यावेस |
trendi.pravin |
0 |
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स्वप्नपरी |
पुष्कराज |
1 |
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तुला पिताना पाहिलं की....... |
परिकथेतील राजकुमार |
9 |
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साद |
सुचेता |
8 |
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आठवण |
शर्मीला |
3 |
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हुंडाबळी |
शर्मीला |
0 |
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स्वप्न एखादे जणू... |
मिल्या |
6 |
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बकूळ फूले |
मानसी मनोजजोशी |
8 |
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Seezens (seasons) |
चतुरंग |
35 |
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तू |
प्रेरणा |
1 |
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कळले मला ना........ |
मानसी मनोजजोशी |
2 |
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प्रियेच्या भेटी--- |
पुष्कराज |
2 |
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तुला हसताना पाहिलं की....... |
अनंतसागर |
0 |
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मन कसे वेडे-पिसे |
पल्लवी |
21 |
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गुलाबाचे काटे |
पुष्कराज |
1 |
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ही तशी माझीच आहे गोष्ट पण... |
घाटावरचे भट |
14 |
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'सत्य म'ला उमगले! |
समीरसूर |
19 |
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आताही प्रेम तसेच आहे का? |
धनंजय |
26 |
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तू |
सचिन |
1 |
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मृगजळ |
सचिन |
1 |
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(ही 'तिची' माझीच आहे गोष्ट अन...) |
चतुरंग |
8 |
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लाजवंती |
संदीप चित्रे |
7 |
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हे तसे माझेच आहे काव्य पण.. |
केशवसुमार |
7 |
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एकमन |
सुचेता |
1 |