आभाळानं वाजिवलाय ढोल |
जव्हेरगंज |
7 |
-स |
सुधीरन |
3 |
विडंबन काव्यमाला-भाग-१ ''मी माझा''(मग तू कुणाचा?) |
अत्रुप्त आत्मा |
29 |
(भूक भागत नाही) |
रातराणी |
6 |
शब्द प्रेम! |
निमिष सोनार |
5 |
सदाफुली |
अभिषेक पांचाळ |
0 |
तुझं माझं नातं |
अभिषेक पांचाळ |
0 |
अनाचे दोडोबा.. (शिमगा पेश्शल) |
नाखु |
36 |
चाहुली...(चित्रपट गीत लिहिण्याचा छोटासा प्रयत्न) |
सुमित_सौन्देकर |
17 |
झेंडूची फुले |
सुधीरन |
11 |
मराठी भावानुवादः फर्ज़ करो - इब्ने इंशा |
तर्राट जोकर |
22 |
शब्द |
अभिषेक पांचाळ |
3 |
बोबडी कविता! |
चांदणे संदीप |
26 |
मोबाइल आणि मी !!! |
फिझा |
0 |
अगतिकता |
सुधीरन |
0 |
भूक भागत नाही |
अभिषेक पांचाळ |
1 |
तू |
आनंदमयी |
13 |
गुंतण |
pj |
5 |
<हे वागणं बरं नव्हं> |
नीलमोहर |
15 |
कधी कधी |
अभिषेक पांचाळ |
3 |
इवल्या त्या डोळ्यांमध्ये |
अभिषेक पांचाळ |
4 |
गरिबाला विचार |
अभिषेक पांचाळ |
4 |
मी अजून जिंकलो नाही |
अभिषेक पांचाळ |
3 |
काळ असा....... |
शिव कन्या |
15 |
आम्ही मनमौजी |
सुधीरन |
1 |
मार्ग मुक्तिचा |
विवेकपटाईत |
3 |
बीज |
gsjendra |
2 |
मराठी अनुवादः आज हंसो हंसो जल्दी हंसो - रघुवीर सहाय |
तर्राट जोकर |
1 |
मराठी अनुवादः सबसे खतरनाक होता है - कवी 'पाश' |
तर्राट जोकर |
6 |
फ़ासले आणि अंतरे |
वेल्लाभट |
21 |
शक्तिपात |
एच्टूओ |
12 |
<<<< चालचलाऊ मिपा>>> |
जेपी |
30 |
मराठी अनुवाद: शहर का व्याकरण - कवी धूमिल |
तर्राट जोकर |
5 |
पट पट पट मोजीत नोटा |
मूखदूर्बळ |
11 |
माहेर वारी |
त्रिपुरा |
2 |
<"ऊभारू का पण डु आय्डी"> |
नाखु |
31 |
कुंजविहारी हसे का मनी - |
विदेश |
11 |
दवाई-ऐ-गुलजार! |
|
6 |
“उभारू आपण गुढी!” |
उल्का |
2 |
बडबड गीत - पंखा मेरा दोस्त |
विवेकपटाईत |
3 |
जंजिऱ्या |
अभिषेक पांचाळ |
1 |
बसते बिचारी एकटी आजी - |
विदेश |
24 |
स्वदेशीचे ढोंगधतूरे : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
7 |
नजरानजर अचानक |
विदेश |
12 |
असा कसा काळ आला |
gsjendra |
1 |
पूर्वी |
शैलेन्द्र |
4 |
(कूणास ठाऊक ?) |
टवाळ कार्टा |
28 |
ती आणि तो |
भरत्_पलुसकर |
11 |
आमचे आगोबा [मिपाक्विता] |
टवाळ कार्टा |
21 |
कुणास ठाऊक ? |
gsjendra |
11 |
उंबरठा नसलेले घर -- १ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
38 |
व्यथा |
दिपुडी |
2 |
तो........ |
एक एकटा एकटाच |
17 |
आमचे आजोबा [बालकविता] |
विदेश |
23 |
एकतर्फी प्रेम झाले आवरी संताप तू |
विदेश |
2 |
पहिल्या प्रेमी गुंतत गेलो |
विदेश |
3 |
काय भारी होतं ना बालपण |
अभिषेक पांचाळ |
1 |
कन्या मानव्याची |
gsjendra |
0 |
खुंटीवरच्या कविता |
जव्हेरगंज |
6 |
मर्त्य |
त्रिपुरा |
6 |
( आमचे अगोबा [बाल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊकविता] ) |
प्रसाद गोडबोले |
37 |
कवीची कविता |
उल्का |
1 |
करार |
वटवट |
5 |
आमचे आगोबा [मिपाक्विता] |
टवाळ कार्टा |
0 |
आमचे आगोबा [मिपाक्विता] |
टवाळ कार्टा |
0 |
नमस्कार |
दिपुडी |
2 |
(कूणास ठाऊक ?) |
टवाळ कार्टा |
0 |
(कूणास ठाऊक ?) |
टवाळ कार्टा |
0 |
मोदीभक्त आम्ही... |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
74 |
अशी कबुतरे येती... |
अत्रुप्त आत्मा |
57 |