श्रावणभुल |
राजेंद्र देवी |
6 |
एक क: पदार्थ |
शंतनु _०३१ |
2 |
हर हर महादेव ! |
माम्लेदारचा पन्खा |
3 |
... असंही होतं ना कधी कधी.... |
शिव कन्या |
26 |
उरीचा घाव |
संदीप डांगे |
13 |
पुणेकरांचा मिपा च्या वर्धापन निमित्त शुभेच्छांचा वर्षाव |
वाल्मिक |
3 |
एकक ! |
निनाव |
6 |
दृष्टीकोन |
ज्योति अळवणी |
1 |
भिकारी... |
दिनेश५७ |
4 |
एक अशीही राधा !! |
फिझा |
15 |
आस |
विशाल कुलकर्णी |
17 |
गॅटर |
जव्हेरगंज |
16 |
मृगजळ दिसण्याआधी .... |
अविनाश लोंढे. |
2 |
मी अश्व!! |
चांदणे संदीप |
9 |
कविता ......! |
फिझा |
2 |
रंडीबाज कवी |
जव्हेरगंज |
10 |
आखाजीना सन |
पाषाणभेद |
2 |
पाऊस |
निलम बुचडे |
1 |
सुख म्हणजे काय असते? |
निनाव |
2 |
दिशा |
राजेंद्र देवी |
1 |
मनाचा एकांत - cursor च्या सुईने |
शिव कन्या |
12 |
एक रात्र मिठीतली. |
आनन्दा |
6 |
गौराई... |
राजेंद्र देवी |
3 |
गझल - अनुवाद करण्यास मदती हवी. |
निनाव |
6 |
मिठीतली रात्र |
निनाव |
4 |
मन |
पथिक |
20 |
तू फूल कुणाचे देखणे? |
शिव कन्या |
18 |
व्यक्त न मी कुणास, तुज उमजेन का तरी |
निनाव |
10 |
मणाचा एकान्त |
सुरवंट |
4 |
ईच्छा |
पथिक |
11 |
नाही पुरेसे.... |
राजेंद्र देवी |
4 |
दारी श्रावण दारी साजण.... |
राजेंद्र देवी |
1 |
मी ..... |
ज्योति अळवणी |
2 |
एकेकाचे जगणे |
पथिक |
7 |
आठवणींचा वसंत |
राजेंद्र देवी |
2 |
मी एकटी .... |
राजेंद्र देवी |
6 |
झाडावर पाखरू बसलं : लावणी |
गंगाधर मुटे |
14 |
कामगार.... |
राजेंद्र देवी |
2 |
रहाटगाडगं. |
अत्रुप्त आत्मा |
9 |
मनात असावा सतत श्रावण.... |
राजेंद्र देवी |
0 |
यार देवदार |
पथिक |
7 |
जाणिवांच्या जखमा |
महेश रा. कोळी |
6 |
रात्रीस खेळ चाले.... |
राजेंद्र देवी |
12 |
आता मला वाटते भिती |
राजेंद्र देवी |
3 |
गुडगांव |
स्वामी संकेतानंद |
20 |
प्रेमकविता...विडंबन. |
चिनार |
17 |
हे बुद्धिच्या ईशा |
फुंटी |
2 |
आता मला वाटते भिती |
राजेंद्र देवी |
0 |
गुडगांव |
स्वामी संकेतानंद |
4 |
पाऊस |
bhavana kale |
14 |
उथळ |
तिमा |
9 |
सावली.... |
Jabberwocky |
15 |
त्या दोघी. |
अंतरा आनंद |
46 |
मुन्नी बदनाम हुई |
JAGOMOHANPYARE |
4 |
'राहून गेलेलं काही...' |
एस |
65 |
मनाचा एकांत - रवा आणि खसखस |
शिव कन्या |
18 |
दोस्ता... |
पगला गजोधर |
11 |
स्टँबिलाईझ्ड |
फुंटी |
6 |
बैलांच्या जातीत |
स्वामी संकेतानंद |
5 |
कॅनव्हास |
विश्वेश |
1 |
बेशिस्त |
शैलेन्द्र |
8 |
माझीच मी... |
आनंदमयी |
12 |
"तडफड" की "तोडफोड" |
विशुमित |
4 |
कोण? |
मिसळपाव |
4 |
पावसाची रुपे |
शब्दानुज |
2 |
बरे नाही |
अविनाशकुलकर्णी |
9 |
अर्पिते मी तुला ,जे तुला हवे ते. |
अविनाशकुलकर्णी |
31 |
गोविंदा!... |
दिनेश५७ |
7 |
होऊंदे खर्च |
सुरवंट |
3 |
जेवण |
अविनाशकुलकर्णी |
16 |