.बनलेही असते राधा, मज कृष्ण भेटला नाही .. |
प्राची अश्विनी |
91 |
अन् मलाही! |
चांदणे संदीप |
7 |
आता घे आवरते सारे |
पालीचा खंडोबा १ |
13 |
ती खोली |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
55 |
मुहाजिर् नामा |
अश्फाक |
10 |
संक्रांत |
सुधीर वैद्य |
0 |
शेवटी संपन्न हा वनवास झाला.. |
drsunilahirrao |
8 |
ज्यू असण्याचे जोखड |
पालीचा खंडोबा १ |
9 |
जोडी |
मयुरMK |
7 |
अंगणात बाप, दारात माय, |
ज्ञानोबाचे पैजार |
26 |
मराठीमधील आणि मिपावरील सर्वोत्कृष्ट कविता कोणत्या |
माहितगार |
57 |
अंतर |
अविनाश लोंढे. |
0 |
पश्मीना |
पालीचा खंडोबा १ |
11 |
पहिले विडंबन |
gsjendra |
6 |
गोमांस |
पालीचा खंडोबा १ |
4 |
concentration |
सुधीर वैद्य |
0 |
अमृतप्याला |
वेल्लाभट |
10 |
मैं तुझे फिर मिलूँगी- अमृता प्रीतम मुक्त अनुवाद |
महासंग्राम |
9 |
बायको गेली माहेरी.. |
अत्रुप्त आत्मा |
41 |
कीस बाप्या कीस, गाजर कीस |
विवेकपटाईत |
11 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
खडक |
gsjendra |
0 |
गजाननाचे वंदन गाऊ |
सुमेध रानडे |
2 |
'मी' च ! |
विशाल कुलकर्णी |
3 |
बाजीराव मस्तानी न पाहताच आलेले शहाणपण |
सप्तरंगी |
7 |
लानपन |
ऊध्दव गावंडे |
17 |
मी |
माहीराज |
0 |
"तू" |
पालीचा खंडोबा १ |
7 |
तुझ्या कळा माझ्या कळा |
मूखदूर्बळ |
3 |
तुझ्या नजरेचा बाण !! |
वपाडाव |
42 |
कुंकवाचा भार ना होतो कपाळी ... |
विशाल कुलकर्णी |
19 |
कुठं कुठं जाऊ मी सांगायला? |
चांदणे संदीप |
5 |
माझी मस्तानी |
सौन्दर्य |
18 |
अखेरची मानवंदना |
गंगाधर मुटे |
2 |
पुढाऱ्याचे प्रेम |
सप्तरंगी |
2 |
झाडांच्या सावलीत, राणीच्या बागेत, ... ... येताय ना ? ;) |
माहितगार |
0 |
रचना कशी असावी...? |
राघव |
11 |
प्रतिसाद.... |
मुक्त विहारि |
14 |
काकणे आणि गाळ |
पालीचा खंडोबा १ |
22 |
सूर्यसावलीत अडकले रथचक्र |
पालीचा खंडोबा १ |
10 |
माझ्या आठवणीत |
माहीराज |
7 |
पोर्ट्रेट |
हर_हुन्नरी |
3 |
याद |
अविनाश लोंढे. |
0 |
आयुष्य |
सुधीर वैद्य |
2 |
'नो बॉल' |
अविनाश लोंढे. |
2 |
काटा |
मयुरMK |
4 |
अनुभव |
सुधीर वैद्य |
0 |
विरहाची कास |
पालीचा खंडोबा १ |
2 |
गौरीचे गाणे |
पालीचा खंडोबा १ |
8 |
विडंबन-धुंदीशाळा---बघ हा रंगित चाळा. |
अत्रुप्त आत्मा |
13 |
मध |
अविनाश लोंढे. |
7 |
माझ्याच श्वासांनी |
मयुरMK |
10 |
अघळपघळ |
रातराणी |
32 |
प्रेमात हे असेच घडते.... |
माहीराज |
4 |
चांदणधुळ |
पालीचा खंडोबा १ |
32 |
नवा जिल्बिवाला |
अत्रुप्त आत्मा |
60 |