)) नेहमीच ... तुझ्यामुळे (( |
बिनडोक बनी |
11 |
(एका मिसळीचे बिल भरलेच नाही !) |
संदीप चित्रे |
2 |
दृष्टी |
अरुण मनोहर |
3 |
(पेताडांच्या मेळ्यामध्ये !) |
संदीप चित्रे |
5 |
झुरणी - लेखणी |
हर्षद आनंदी |
3 |
पाऊल नाद की विनाश वाटेवरील मृत्युगीत? |
अरुण मनोहर |
8 |
दुःखामधे सुख लपलेले असते साजणा रे! |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
बॅचलरांच्या मेळ्यामध्ये |
बिनडोक बनी |
7 |
(वय साठावं लागलं की) |
चतुरंग |
12 |
वय सोळावं सरलं की..... |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
19 |
पावसाळ्यातील एक दिवस |
अजिंक्य |
4 |
रात्र जागूनी झोपीजाण्याचे दिन आले |
श्रीकृष्ण सामंत |
15 |
रुद्ध प्रतिभा चतुरस्र वाहू दे |
धनंजय |
18 |
आणि एक स्केच..... |
उदय सप्रे |
5 |
आंबट-गोड नाती |
स्वाती फडणीस |
11 |
चाहूल |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
23 |
मी डेटिंग केले नाही..! |
उपटसुंभ |
30 |
पावनखिंड |
घाटावरचे भट |
0 |
जत्रा..! |
उपटसुंभ |
7 |
जत्रा |
अविनाश ओगले |
11 |
डोळ्यांसमोर तीच आता दिसणार उठता बसता..! |
उपटसुंभ |
3 |
उघड दार देवा आता... |
अंकुश चव्हाण |
2 |
इथले प्रत्येक क्षण.! |
अंकुश चव्हाण |
0 |
भुमीपुत्र... |
अंकुश चव्हाण |
0 |
श्वास |
पेशवे बाजीराव तिसरे |
0 |
माझा विनोद वाचणार का? |
विपुल वर्तक |
5 |
स्केच.. |
भाग्यश्री |
17 |
एका तळ्यात होती बदके पिले अनेक... |
मृगनयनी |
6 |
(सांगा ढेकुण कुणी हा पाहिला ) |
अमोल केळकर |
8 |
खेळी. |
स्वाती फडणीस |
16 |
"किती धटिंगण किती भयंकर"... ई डंबन... |
बेचवसुमार |
1 |
मोजणी |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
37 |
अगागागागाऽऽगाऽऽऽगा!!!!! |
पिवळा डांबिस |
28 |
मालवुन टाक दीप... ई -डंबन |
बेचवसुमार |
4 |
भेळपुरीच्या गाड्या |
केशवसुमार |
15 |
कविकिरडुंची साठमारी ... (विडंबनाची भेळपुरी) |
केशवटुकार |
10 |
(जिज्ञासू) |
चतुरंग |
12 |
पाउस..! |
उपटसुंभ |
14 |
नव्हतो ग! मी सजणे असा |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
श्रावणातील सण |
अथांग सागर |
5 |
(चाहूल) |
चतुरंग |
6 |
त्याला जरा रागवा ना बाई ! |
संदीप चित्रे |
6 |
..ढोसुनि गुत्त्यात सार्या ब्रँड माझा वेगळा..ई-डंबन |
बेचवसुमार |
4 |
म्हणून म्हणतो ऐका माझे ... |
अंकुश चव्हाण |
1 |
आज कल प्रेम फार स्वस्त झालंय..... |
भुषण भोले |
1 |
स्वप्न |
विष्णु |
0 |
नेहमीच ... तुझ्यामुळे |
बेसनलाडू |
17 |
कालनिर्णय... |
खादाड_बोका |
0 |
रानात वनात |
सुवर्णमयी |
0 |
(एक पेग संपून गेला..) |
केसुरंगा |
6 |
असूनी दोस्त करितो दुष्मनी |
श्रीकृष्ण सामंत |
2 |
(जत्रा) |
केशवटुकार |
8 |
(नेहमीच ... तुझ्यामुळे) |
केशवटुकार |
18 |
( अटी मान्य केला सर्व ह्या, ) |
अमोल केळकर |
1 |
एक क्षण निसटू गेला.. |
स्वाती फडणीस |
10 |
(एक कवी संपून गेला ..) |
चतुरंग |
11 |
नको बागेत येऊस |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
((नेहेमीच...तुझ्यामुळे)) |
चतुरंग |
6 |
श्रावणमासी, विरस मानसी,हळहळ दाटे चोहिकडे |
अविनाश ओगले |
13 |
(सारक) |
केसुरंगा |
6 |
आला आला हा श्रावण... |
अथांग सागर |
0 |
जीवनगाणे |
घाटावरचे भट |
16 |
खरचं तु हवी होतीस .. |
पंचम |
8 |
(नूर) |
चतुरंग |
8 |
बंधने |
स्नेहश्री |
0 |
सहजीवन |
शितल |
11 |
जागतिक मैत्री दिनाच्या शुभेच्छा !!! |
फटू |
2 |
अस्तित्व |
पेशवे बाजीराव तिसरे |
1 |
भानगड |
अमोल केळकर |
11 |
चैन |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
27 |