( निवडणुकीचा एक दिवस ) |
अमोल केळकर |
0 |
एक दिवस |
ज्ञानदा कुलकर्णी |
4 |
मी अगदी मजेत आहे |
मोगॅम्बो |
13 |
गुलाबी चांदणे |
जयवी |
17 |
काही चारोळ्या.......... |
sanjubaba |
5 |
(गुलाबी चांदणे) |
चतुरंग |
5 |
" गजरा " |
sanjubaba |
0 |
हे असं चालू शकेल? |
अनंत छंदी |
0 |
प्यार कुणावर... |
चतुरंग |
14 |
शिक्षकांचे विद्यार्थिनीस पत्र . . . . . . . |
क्षितीजा |
15 |
मॅट्रिक्स...[Matrix] |
अविनाशकुलकर्णी |
0 |
गणपतीला स्वेटर |
लिखाळ |
13 |
चारोळी |
मॅन्ड्रेक |
1 |
तिचा मोकळा वावर |
पुष्कराज |
2 |
हि कुण्या गावचि नार...... |
अविनाशकुलकर्णी |
5 |
दिव्याभोवती अंधार (गीतांजली - अनुवाद) |
लिखाळ |
21 |
"आई" |
sanjubaba |
5 |
कंडोम |
अविनाशकुलकर्णी |
10 |
लग्न करुन तु सासरी गेली आहेस |
अविनाशकुलकर्णी |
15 |
क्षितीज |
शाल्मलि |
9 |
अर्धांगीनि |
अविनाशकुलकर्णी |
4 |
राजे – ४ |
श्रावण मोडक |
10 |
जीवन म्हणजे नक्की काय असतं ? |
शर्मीला |
7 |
नि:शब्द विजय (उद्धव मात्रावृत्त) |
ऋषिकेश |
6 |
माझे मन..... |
sanjubaba |
0 |
तो माणूस भणंग होता |
मूखदूर्बळ |
0 |
मी आलो. |
रेझर रेमॉन |
6 |
गजल |
mahesh jahagirdar |
4 |
वन्स मोअर, |
अविनाशकुलकर्णी |
4 |
पाणि |
मॅन्ड्रेक |
4 |
प्राक्तन |
संदीप चित्रे |
22 |
तुझ्या डोळ्यांचा थांग घेताना - कविता |
सागर |
19 |
वैधानीक इशारा. |
रामदास |
13 |
डायरेक्ट ढगात जातील . . . |
काहीतरीच |
4 |
एक द्वाडीक कविता |
विजुभाऊ |
2 |
कॉर्न फ्लेक्स |
सुवर्णमयी |
11 |
देवद्वार छंदः गारवा: निकाल केव्हा? |
बाजीराव |
2 |
स्वप्नं |
स्मिता श्रीपाद |
5 |
मी शतजन्म घेतले |
अविनाशकुलकर्णी |
0 |
अंड्याची टरफले आणि बुटाची लेस |
लिखाळ |
24 |
-*******हॅप्पी न्यु इयर*******------- |
अविनाशकुलकर्णी |
8 |
प्रॉव्हिडन्ड फंड |
पॅपिलॉन |
2 |
वामा.. |
प्राजु |
29 |
गोल्डफ्लेक्स |
घाटावरचे भट |
23 |
विव्हळतं तळ... |
स्वाती फडणीस |
3 |
विनोद |
मॅन्ड्रेक |
6 |
धूसर राखाडी.. |
स्वाती फडणीस |
2 |
(संपेल ना कधीही , हा खेळ दहशतीचा!! ) |
अमोल केळकर |
3 |
थेंब एक असा बरसून गेला.. |
स्वाती फडणीस |
13 |
हमी |
उपटसुंभ |
11 |
निरव पावले (अनुवाद-गीतांजली) |
लिखाळ |
13 |
माझ्याच त-हा |
स्वाती फडणीस |
5 |
(मी माझाच) |
फटू |
5 |
एक "सवाई मैफिल " |
दत्ता काळे |
4 |
माझ्या छोट्या मैत्रिणीस ... |
फटू |
7 |
मैत्रीण नसलेल्या मित्रांसाठी ! |
अनिरुद्धशेटे |
9 |
विहंग तो विहरता झाला... |
स्वाती फडणीस |
5 |
(विचारणा) |
चेतन |
13 |
सासरेबुवा |
अंकुश चव्हाण |
3 |
ही तान कधीची..! |
स्वाती फडणीस |
9 |
(भासमान) |
चतुरंग |
12 |
झोका... |
प्राजु |
26 |
संवेदना!! |
स्वाती फडणीस |
12 |
अपवाद |
पॅपिलॉन |
10 |
वाटसरूच्या पाऊलखुणा (अनुवादित) |
धनंजय |
22 |
माझा गाव |
लवंगी |
7 |
भासमान |
पॅपिलॉन |
6 |
चारवांतर |
परिकथेतील राजकुमार |
6 |
सहज भेट्ली---- |
पुष्कराज |
2 |
बुद्धी (उद्धव मात्रावृत्त प्रयत्न) |
ऋषिकेश |
10 |