नवे लेखन
मिसळपाव.कॉमवरील सर्व नवीन लेखन येथून बघता येईल.
प्रकार | शीर्षक | लेखक | सर्व प्रतिक्रिया |
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जनातलं, मनातलं | मिसळपावावर भूत | देवदत्त | 12 |
जे न देखे रवी... | पूर्ण कविता हवी आहे... | उदय ४२ | 0 |
जनातलं, मनातलं | अंतर | जयवी | 6 |
जनातलं, मनातलं | आनंदयात्रिकाला सलाम आणि प्रबोधनकर्त्याला दंडवत | आनंद घारे | 4 |
जनातलं, मनातलं | मी पाहिलेला मृत्यू | आंबोळी | 26 |
जे न देखे रवी... | दिवेलागण. | अशोक गोडबोले | 6 |
काथ्याकूट | शाळेत लॅगीक शिक्शण असावे का ...? | पान्डू हवालदार | 22 |
जे न देखे रवी... | (रस्ता) | चतुरंग | 4 |
काथ्याकूट | मांसाहार व अन्नटंचाई | ऐश्वर्या राय | 36 |
काथ्याकूट | गावांची नावं | भोचक | 14 |
जे न देखे रवी... | रस्ता | अनिरुद्ध अभ्यंकर | 9 |
काथ्याकूट | कुठे आणि कधी जाऊया एकदिवसीय सहलीला? | वेदश्री | 3 |
काथ्याकूट | का बघायची मराठी नाटकं? | आपला अभिजित | 24 |
जनातलं, मनातलं | ब्रह्मोत्सव | आर्य | 3 |
जे न देखे रवी... | रस्ता-२ | केशवसुमार | 7 |
जे न देखे रवी... | केश्यांतिका... अर्थात् केश्याची शोकांतिका...(एक नवविडंबन) | केशवसुमार | 10 |
काथ्याकूट | पीके - ४ | वेदश्री | 7 |
काथ्याकूट | "पीएसएलव्ही सी-9' चे यशस्वी उड्डाण | मानस | 25 |
जे न देखे रवी... | मला मनाचे पटले नाही | अनिरुद्ध अभ्यंकर | 9 |
जनातलं, मनातलं | "टिंग्या" एक ह्रद्यस्पर्श अनुभव. | प्रगती | 44 |
जनातलं, मनातलं | बासूदांचे 'अनुभव' | भोचक | 10 |
जनातलं, मनातलं | अमेरिकन मंदीमागील अर्थकारण | विजुभाऊ | 3 |
जनातलं, मनातलं | वैशाख शके १९३० मधील ग्रहराशीप्रवेश | धोंडोपंत | 0 |
काथ्याकूट | पीके - ३ | वेदश्री | 64 |
जनातलं, मनातलं | थोडे असे, थोडे तसे | देवदत्त | 2 |
काथ्याकूट | अनुस्वार .... | उदय ४२ | 3 |
जनातलं, मनातलं | सूर्यास्त ३ - (उडता/ बुडता) | सर्वसाक्षी | 12 |
जनातलं, मनातलं | गोरीच बायको हवी ! | शितल | 23 |
जे न देखे रवी... | वर्तुळाचा कोन | जयवी | 9 |
काथ्याकूट | चिअर गर्ल्सचा खेळामधे वापर किती योग्य अथवा अयोग्य/ आवश्यक अथवा अनावश्यक? | अनामिका | 31 |
जनातलं, मनातलं | मिपा, पुणे कट्टा...अचानक!!! | धमाल मुलगा | 43 |
जे न देखे रवी... | जीए | हेरंब | 6 |
जनातलं, मनातलं | संवयी | हेरंब | 13 |
काथ्याकूट | मित्राच्या मजेशीर गोष्टी | शितल | 10 |
जनातलं, मनातलं | लास वेगास! | पिवळा डांबिस | 22 |
जनातलं, मनातलं | मोटर व्हेईकल ऍक्ट १९८८, कलम १८५...! | विसोबा खेचर | 46 |
जनातलं, मनातलं | मधुशाला - एक मुक्तचिंतन आणि भावानुवाद (भाग ७) | चतुरंग | 8 |
काथ्याकूट | पीके - २ | वेदश्री | 54 |
जनातलं, मनातलं | माणुसकीचा झरा | शितल | 5 |
जनातलं, मनातलं | भडकमकरांचे करीअर गायडंस वर्ग .....भाग ३ ... इव्हेंट मॆनेजर व्हा | भडकमकर मास्तर | 9 |
जे न देखे रवी... | दंव | उदय सप्रे | 5 |
काथ्याकूट | पीके ! | वेदश्री | 83 |
जे न देखे रवी... | मानाचा मुजरा! | चतुरंग | 10 |
जे न देखे रवी... | हे क्रांतिकारकांनो! | अजय जोशी | 8 |
जे न देखे रवी... | येक सुविचार | शरुबाबा | 6 |
जे न देखे रवी... | गिनिपिग | मिनासो | 1 |
जे न देखे रवी... | (वाटले बरे किती) | केशवसुमार | 13 |
जे न देखे रवी... | (केश्यांतिका... अर्थात् केश्याची शोकांतिका...(एक नवविडंबन)) | ब्रिटिश टिंग्या | 3 |
जनातलं, मनातलं | एका उपक्रमाची ओळख | नीलकांत | 15 |
जे न देखे रवी... | घोडा आणि ओझे | विसुनाना | 12 |
जनातलं, मनातलं | बाजीरावांची टोलेबाजी :२: कोंबडी कविसंमेलन | बाजीराव | 5 |
काथ्याकूट | त्रुटी.... | अभिज्ञ | 3 |
जनातलं, मनातलं | उपकरणे घेताना | वरदा | 33 |
जनातलं, मनातलं | सारे प्रवासी गाडीचे | भोचक | 8 |
जे न देखे रवी... | गमतीदार ऊखाणे. | विवेकवि | 4 |
काथ्याकूट | मला काय आवडले? | मनापासुन | 13 |
जनातलं, मनातलं | दुरावा! | पिवळा डांबिस | 29 |
काथ्याकूट | मैत्री म्हणजे कांय? | उदय सप्रे | 13 |
जनातलं, मनातलं | मेक्सिकन गंबो | चित्रा | 7 |
जनातलं, मनातलं | सारे तुझ्यात आहे.....एक स्वप्नवत् प्रवास (३) | जयवी | 9 |
जनातलं, मनातलं | दडपे पोहे | सृष्टीलावण्या | 18 |
पाककृती | टोमॅटो पुलाव | प्रभाकर पेठकर | 17 |
जनातलं, मनातलं | संवादाची ऐशी तैशी | आपला अभिजित | 18 |
जे न देखे रवी... | (कुजबुज) | केशवसुमार | 7 |
जे न देखे रवी... | (गजल) | चतुरंग | 1 |
पाककृती | पापड | विजुभाऊ | 17 |
जे न देखे रवी... | (भूक ही खरी किती) | चतुरंग | 4 |
पाककृती | संडे स्पेशल (गरमागरम सुप्स) | स्वाती राजेश | 6 |
काथ्याकूट | धर्म आणि संयुक्त राष्ट्रसंघ | विकास | 10 |
जनातलं, मनातलं | सारे तुझ्यात आहे.....(७) | जयवी | 4 |