पुरानी जीन्स
इक हि डाली पर कुछ हसते गाते पत्ते थे।
हरदम खुश रहा करते थे।
फिर हमेशा की तरह पतझड का मौसम आया।
हलकीसी हवाके झोकेसे सब पत्ते बिखर गये।
न जाने कहा कहा चले गये ।
हर कोई अलग अलग राहोंपर गुमाशुदासा होता चला गया।
अब कोई न पहेचानता, के इनकी दुनिया कभी इकसाथ हुआ करती थी ।
अब कोई न पहेचानता, के यही वो पत्ते है जो हरघडी साथ रहा करते थे।
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