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'' मरावे परी लग्न नाही करावे '' |
विवेकवि |
10 |
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दह्या वर भागवावे ते असे ! |
मुन्गी |
5 |
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धोतर (हे लिखाण काढून टाकण्यात आले आहे.) |
कैलासराजा |
9 |
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काही खावेसे वाटते पण खाणार नाही |
अरुण मनोहर |
30 |
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आधुनिक कृष्ण |
काळा_पहाड |
2 |
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(कधी) |
केशवसुमार |
16 |
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किंमत |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
12 |
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लुब्रा स्वभाव |
केशवसुमार |
10 |
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आबांच्या राज्यात... |
अजय जोशी |
3 |
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प्रारब्ध |
पल्लवी |
7 |
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मेळा |
चतुरंग |
8 |
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(एका 'बैलाचे' मनोगत (गजल)) |
चतुरंग |
14 |
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(किंमत) |
चेतन |
4 |
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जहाल नेत्याचे अंतरंग |
हेरंब |
0 |
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समर्पण.. |
प्राजु |
13 |
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श्रध्दा |
भावना |
4 |
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पक्षी निरीक्षण |
चेतन |
6 |
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(जैव वैविध्य) |
केशवसुमार |
9 |
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पोरी... |
खट्याळ मुलगा... |
6 |
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अस्थीपंजर |
केशवसुमार |
8 |
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पूर्ण कविता हवी आहे... |
उदय ४२ |
0 |
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दिवेलागण. |
अशोक गोडबोले |
6 |
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(रस्ता) |
चतुरंग |
4 |
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रस्ता |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
9 |
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रस्ता-२ |
केशवसुमार |
7 |
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केश्यांतिका... अर्थात् केश्याची शोकांतिका...(एक नवविडंबन) |
केशवसुमार |
10 |
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मला मनाचे पटले नाही |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
9 |
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वर्तुळाचा कोन |
जयवी |
9 |
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जीए |
हेरंब |
6 |
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दंव |
उदय सप्रे |
5 |
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मानाचा मुजरा! |
चतुरंग |
10 |
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हे क्रांतिकारकांनो! |
अजय जोशी |
8 |
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येक सुविचार |
शरुबाबा |
6 |
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गिनिपिग |
मिनासो |
1 |
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(वाटले बरे किती) |
केशवसुमार |
13 |
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(केश्यांतिका... अर्थात् केश्याची शोकांतिका...(एक नवविडंबन)) |
ब्रिटिश टिंग्या |
3 |
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घोडा आणि ओझे |
विसुनाना |
12 |
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गमतीदार ऊखाणे. |
विवेकवि |
4 |
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(कुजबुज) |
केशवसुमार |
7 |
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(गजल) |
चतुरंग |
1 |
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(भूक ही खरी किती) |
चतुरंग |
4 |
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.....बळ दे ! |
उदय सप्रे |
1 |
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उरून राहता येतं ! |
उदय सप्रे |
6 |
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एक अशीही केस... |
अजय जोशी |
1 |
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गजरा..... |
उदय सप्रे |
2 |
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आई समीप येता |
अजय जोशी |
11 |
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हात द्या, मात द्या ... |
अजय जोशी |
2 |
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प्लॅन्चेट |
उदय सप्रे |
4 |
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मधुशाला - एक मुक्तचिंतन आणि भावानुवाद (भाग ६) |
चतुरंग |
8 |
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एक ऐकशील? |
मी अश्विनी |
17 |
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ये मेरी दुनिया नहीं ! |
उदय सप्रे |
3 |
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आठवण सुद्धा... |
मी अश्विनी |
9 |
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स्वप्नातलं गाव ... ! |
संदीप चित्रे |
0 |
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तेव्हा आई तुझी खूप आठवण येते |
फटू |
18 |
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(समजून) |
चतुरंग |
2 |
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आभास |
सुवर्णमयी |
16 |
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('रेशमीया' मेल्यानी) |
चतुरंग |
7 |
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जॅझ जुगलबंदी |
धनंजय |
7 |
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काही आठवत नाही |
शितल |
4 |
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मद्य काव्य... मदिरेचे हाणतो पेले, धुंद तळीराम |
तळीराम |
7 |
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(...लवकर ये!) |
चतुरंग |
16 |
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गे मला गे चंडिके... |
केशवसुमार |
2 |
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चैत्रामधले मैत्र! |
अशोक गोडबोले |
3 |
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इतिहास |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
15 |
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(इतिहास) |
केशवसुमार |
10 |
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मला आवडलेली कविता |
प्रगती |
9 |
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आठवण... |
प्रगती |
2 |
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माझी सुडंबने |
मिनासो |
1 |
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'बाटा' रुते.. |
चतुरंग |
22 |
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(मोजणी) |
केशवसुमार |
8 |