|
प्रेम... |
विवेकग |
0 |
|
आठवण... |
विवेकग |
0 |
|
जेथे बघेन तेथे... (विडंबन) |
बेसनलाडू |
6 |
|
(गझल) |
बेसनलाडू |
2 |
|
(गणित)-१ |
केशवसुमार |
3 |
|
मला आवडलेल्या काही अलिकडील कविता |
मुक्तसुनीत |
13 |
|
(दृष्टी भ्रम) |
केशवसुमार |
4 |
|
(मनसुबे) |
केशवसुमार |
5 |
|
बसा दोस्तहो या दारूवर* बोलू काही ! |
अविनाश ओगले |
8 |
|
(अताशा कसे हे मला काव्य होते?) |
चतुरंग |
5 |
|
बॉस आज सुट्टीवरी, त्यात क्रीकेट कॉमेंट्री |
प्रा सुरेश खेडकर |
8 |
|
माझी कविता. |
अविनाश ओगले |
6 |
|
स्वर्ग |
सृष्टीलावण्या |
10 |
|
आमची कविता |
धनंजय |
4 |
|
जस्सं च्या तस्स राहिल का सारं ? |
धमाल मुलगा |
10 |
|
अजुन काय हवे ... |
विवेकवि |
6 |
|
आठवण....... |
विवेकवि |
2 |
|
कितीही येऊ दे वादळं वाटेत माझ्या ... |
फटू |
6 |
|
फुवा-बीजिंग मधील २००८ ऑलिंपिकचे मॅस्कॉट |
मीनल |
7 |
|
(ताळमेळ) |
केशवसुमार |
10 |
|
काही सुभाषिते |
वडापाव |
11 |
|
माझे अभंग माझी गाथा |
केशवसुमार |
25 |
|
"स्वयेश्री प्रोफेसर पाहती" स्वरचित विडंबन गीत |
प्रा सुरेश खेडकर |
12 |
|
मला आलेले एक स्वारस्यपूर्ण अग्रप्रेषित (Forward) |
शरुबाबा |
0 |
|
चूक१ |
केशवसुमार |
2 |
|
"मेड इन चायना'पाठीमागचे रहस्य यात आहे! |
मीनल |
6 |
|
तोंड लोकांचे |
ऋषिकेश |
11 |
|
प्रेम |
विवेकवि |
3 |
|
एक दिवस..... |
विवेकवि |
1 |
|
मैत्री असावी ......... |
विवेकवि |
1 |
|
एक मैत्रिण |
विवेकवि |
4 |
|
आम्ही कोण २ (शार्दूलविक्रीडित) |
पुष्कर |
30 |
|
घशाशी |
केशवसुमार |
12 |
|
पथ्य |
केशवसुमार |
9 |
|
एक नेपाळी गीत... |
मनस्वी |
13 |
|
माकडाची जात याची, मूढ कुठला केशवा |
केशवसुमार |
9 |
|
खर्डेघाशी |
बेसनलाडू |
11 |
|
शब्देविण संवादिजे... |
अशोक गोडबोले |
5 |
|
...का? |
चतुरंग |
1 |
|
ही नेहमीचीच हो माझी रामकहाणी... |
केशवसुमार |
4 |
|
श्रद्धांजली! |
अशोक गोडबोले |
2 |
|
मानिनीस (पूर्ण कविता आठवतेय का?) |
लिखाळ |
0 |
|
कुठली खिडकी? कितवा मजला? |
ॐकार |
8 |
|
शीर्षक सुचत नाही - २ |
बेसनलाडू |
5 |
|
व्हेलेंटाईन्स डे...२ |
प्राजु |
53 |
|
हृदयाच्या अंतर्हृदयाला.... |
सृष्टीलावण्या |
2 |
|
(शीर्षक सुचत नाही) |
केशवसुमार |
5 |
|
लिलीची फुले |
सृष्टीलावण्या |
2 |
|
झोप २ |
बुध्दू बैल |
1 |
|
सोनेरी उन्हात भिरभिरणारे भ्रमर... |
सृष्टीलावण्या |
4 |
|
(गज़ल) |
केशवसुमार |
8 |
|
तू (अर्थात त्याच्या नजरेतून ती...) |
सतिश गावडे |
4 |
|
(गजल?) |
ऋषिकेश |
27 |
|
कधी होवो न होवो भेट यापुढे आपली... |
सतिश गावडे |
4 |
|
शिशिरमासी |
चतुरंग |
19 |
|
आम्ही कोण? |
धोंडोपंत |
21 |
|
तुझ्या भावनांची शपथ आहे (कविता) - सागर |
सागर |
14 |
|
व्हीस्की आणखी रम यातुनी, कोण आवडे अधिक तुला? |
अविनाश ओगले |
19 |
|
व्हॅलेंटाईन्स डे.... |
प्राजु |
81 |
|
झोप |
वडापाव |
7 |
|
सोड असले नाद सगळे |
केशवसुमार |
11 |
|
दिशा, वाट अन् `वाट' |
आपला अभिजित |
1 |
|
परीचे पशुधन |
धनंजय |
5 |
|
फासले ऐसेभी होंगे - भावानुवाद - असेल अंतर असेही... |
ॐकार |
14 |
|
मी एक परिस्थिती |
ऋषिकेश |
22 |
|
सांज.. |
प्राजु |
13 |
|
तीन पत्तीच्या खेळाची |
केशवसुमार |
31 |
|
प्रिया आज माझी.. |
सर्वसाक्षी |
13 |
|
वाद्यं |
नन्दु |
3 |
|
(काहीच्या) काही चारोळ्या |
आपला अभिजित |
11 |