राधा |
रेशा |
17 |
नाविन्याची साद |
जयवी |
12 |
आता तू येशील.... |
झंम्प्या |
13 |
आता तरी मानवा सावध होशील का ? |
शिवप्रसाद |
10 |
"माझ्या सर्व विध्यार्थी मित्रांसाठी" |
शिवप्रसाद |
22 |
प्रांतिक किंवा भाषीय वाद |
पंकज रुगे |
3 |
चुप्प! |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
29 |
पिसे |
अज्ञातकुल |
5 |
वेदना |
kanchanbari |
5 |
तेजाळलेल्या रात्रीचे क्षण |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
9 |
शांती नवं वर्षातली |
अत्रुप्त आत्मा |
35 |
माझ्या घरचा नवीन गुंड |
आर्णव |
15 |
घडवून आण मग बोल… |
आर्णव |
6 |
भूक |
अरुण मनोहर |
14 |
एक रानगोष्ट |
अरुण मनोहर |
4 |
मुद्राराक्षस किंवा एका अंगुलीयकाने. |
बॅटमॅन |
39 |
तुझा कुणी केला घात… |
आर्णव |
4 |
झाली माझी गोष्ट |
वामन देशमुख |
24 |
दर्पणाने सांगावे |
सांजसंध्या |
14 |
सांभाळ का म्हणावे, गालातल्या खळ्यांना |
सांजसंध्या |
24 |
एकटेपणा..... |
रणजीत देशमुख |
2 |
.............नियती......... |
प्रेमवेडा |
1 |
विखुरलेला चंद्र - ३ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
6 |
व्यथा |
सुरताल |
7 |
देह आत्म्याचे मंदीर |
अरुण मनोहर |
11 |
"शिवराय" |
अनिल तापकीर |
18 |
दीप |
समयांत |
16 |
जगत रहायच,जगत रहायच |
कौस्तुभ आपटे |
4 |
कविता |
सु.द.मोरे |
5 |
आजूनहि मी |
श्रीमत |
2 |
कविता |
सु.द.मोरे |
5 |
झक मारली आणी एन्जीनीअरिन्ग्ला आलो.................. |
रणजीत देशमुख |
10 |
राजे संभाजी |
अनिल तापकीर |
39 |
मित्र :) |
रसायन |
7 |
आता तरी देवा, |
अनिल तापकीर |
2 |
प्रिय सचिन देवा..................... |
मंदार कात्रे |
9 |
गाणे गात रहा |
हारुन शेख |
78 |
रात्र चांदणी |
पाषाणभेद |
15 |
मेटामॉर्फिसीस |
स्पंदना |
30 |
पांडुरंग पांडुरंग |
कौस्तुभ आपटे |
10 |
गाल चोळ फक्त |
ज्ञानोबाचे पैजार |
12 |
<<< सांभाळ गो बाय, उत्साहित कळ्यांना >>> |
सुहास.. |
18 |
तंबाखू |
अत्रुप्त आत्मा |
43 |
पंख |
ज्ञानराम |
15 |
चारोळ्या-(स्वरचित) |
रसायन |
19 |
चारोळी: पाऊस प्रणय रात्र! |
निमिष सोनार |
7 |
परधीन |
अज्ञातकुल |
3 |
नेहेमीच असं होतं, असं नाहि ! |
जेनी... |
27 |
बडवे |
तिमा |
2 |
शब्द - अर्थहीन |
विश्वेश |
2 |
धागा का गोठविता ... ??? (वि.अ.टु.प्र.) |
मोदक |
72 |
पाऊस क्षण- प्रणय क्षण! |
निमिष सोनार |
7 |
मा़झ्या चारोळ्या |
अविनाश लोंढे. |
104 |
मीही कवि होणार! |
मेघवेडा |
35 |
तू म्हणजे,, |
मुरलीधर परुळेकर |
5 |
आई, अशी कशी ही दिवाळी ! |
विदेश |
11 |
कळावे लोभ असावा.. |
अरुण वडुलेकर |
8 |
बाळासाहेबांना भावपूर्ण आदरांजली... :-( |
केदारविदिवेकर |
3 |
गार - व्हा |
वनक्या |
7 |
*......................एक नाजुक परी..............* |
प्रेमवेडा |
2 |
आभाळबाबाची शाळा ... |
विशाल कुलकर्णी |
7 |
नवयुगाची नार |
बरखा |
5 |
"ह्या बेहोशितचं जगणं असतं" |
रसायन |
7 |
आणि अचानक त्या वेळी.. |
ह भ प |
1 |
हायकू - |
विदेश |
4 |
वर्तुळ |
ह भ प |
11 |
(हा रात्रीच्या जागरणाचा दोष असावा) |
चतुरंग |
13 |
कितीक दिवस हे |
कौस्तुभ आपटे |
12 |
दारू फुकट झालीच पाहिजे... |
अस्वस्थामा |
13 |
देवाला रिटायर करण शक्य नाही |
राजघराणं |
18 |